डायरी किसे कहते है? (dayri kise kahate hain)

डायरी किसे कहते है? (dayri kise kahate hain)

डायरी पत्र से भी अधिक निजी रहस्यों का उद्घाटन करती है। डायरी मे लेखक अपनी शक्ति और दुर्बलता, क्रिया-प्रतिक्रिया, सम्पर्क-संबंध, शत्रुता-मित्रता आदि का लेखा-जोखा तथा विश्लेषण भी करता है। लेख की निजी वस्तु होती है। इसमें लेखक तिथि वेशेष में घटित घटनाक्रम को यथा तथ्य अपनी संक्षिप्त प्रतिक्रिया या टिप्पणी के साथ प्रस्तुत करता है। इसका आकार कूछ पंक्तियों तक सीमित हो सकता है और कई पृष्ठों तक विस्तृत भी हो सकता है। यह स्वतंत्र रूप मे भी लिखी जा सकती है और कहानी, उपन्यास अथवा यात्रा वृत्त के अंग रूप मे भी।
हिन्दी मे डायरी विधा को आरंभ करने का श्रेय डाॅ. धीरेन्द्र वर्मा की मेरी काॅलेज डायरी नामक रचना को हैं। इस विधा मे रामधीर सिंह दिनकर, शमशेर बहादुर सिंह, इलाचंद्र जोशी, सुन्दलाल त्रिपाठी तथा मोहन राकेश के नाम महत्वपूर्ण है।

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