समूह चर्चा एवं पैनल चर्चा में क्या अन्तर है ?

समूह चर्चा एवं पैनल चर्चा में क्या अन्तर है ?

उत्तर– समूह-चर्चा एवं पैनल चर्चा में अन्तर- समूह चर्चा एवं पैनल चर्चा में निम्नलिखित प्रकार अन्तर किया जा सकता है—
समूह परिचर्चा (Group discussion)- वर्तमान समय में शिक्षण हेतु समूह परिचर्चा का विशिष्ट महत्व है। समूह परिचर्चा कक्षा कक्ष में छोटे समूह (Small groups) के शिक्षण हेतु विशेष रूप से उपयोगी है। समूह परिचर्चा एक ऐसी विधि है जिसमें विशेषज्ञों के समूह द्वारा किसी शैक्षिक समस्या या पाठ्यवस्तु पर विद्यार्थियों या जन समूह के समक्ष चर्चा की जाती है। सभी विशेषज्ञ /अध्यापक अपने विचार स्वतन्त्र रूप से तथा तर्क संगतता से प्रस्तुत करते हुए किसी निर्णय पर पहुँचते हैं। समूह परिचर्चा के अन्तर्गत अध्यापक छात्रों (8-10 छात्रों) के साथ किसी विषय पर आपसी चर्चा करते हैं, वे छात्रों को अपने विचार व्यक्त करने के अधिक अवसर देते है, जिससे छात्र अपने बौद्धिक कौशल या सृजनात्मक क्षमता के आधार पर विचार प्रस्तुत करते हैं तथा अध्यापक द्वारा उन्हें पथ-प्रदर्शन मिलता है तथा उचित तथा सार्थक विचार को मान्यता प्रदान की जाती है ।
स्ट्रक के अनुसार, “समूह परिचर्चा में चार से आठ व्यक्तियों का समूह किसी समस्या पर आपसी विचार-विमर्श करता है । यह चर्चा जन-समूह या कक्षा के विद्यार्थियों के समक्ष की जाती है।” कार्टराइट ने कहा हैं समूह परिचर्चा विचार-विमर्श की आधुनिक विधि है जिसमें चर्चा का नियन्त्रण समूह द्वारा किया जाता है।”
पैनल चर्चा का अर्थ (Meaning of Penal Discussion)– पैनल चर्चा विधि शिक्षण की वह विधि है जिसमें एक से अधिक अध्यापकों का शिक्षण में नेतृत्व होता है, ये अध्यापकं प्रकरण या समस्या से सम्बन्धित अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञ होते हैं जो कि बारी-बारी से उस समस्या पर अपने विचार व्यक्त करते हैं। इस प्रकार विद्यार्थियों को समस्या के विभिन्न क्षेत्रों से सम्बन्धित विशेषज्ञों के विचार सुनने का अवसर मिलता है।
पैनल चर्चा के अर्थ को स्पष्ट रूप से समझने के लिए हमें इसकी कुछ परिभाषाओं का अध्ययन करना होगास्ट्रक के अनुसार, “पैनल चर्चा में चार से आठ व्यक्तियों का एक समूह किसी समस्या पर आपसी विचार-विमर्श करता है। यह चर्चा जन समूह या कक्षा के विद्यार्थियों के समक्ष की जाती है।”
” हरबर्ट गुनी के अनुसार, ” परिचर्चा उस समय होती है जब व्यक्तियों का एक समूह आमने-सामने एकत्रित होकर मौखिक अन्तःक्रिया द्वारा सूचनाओं का आदान-प्रदान करते हैं या किसी सामूहिक समस्या पर कोई निर्णय लेते हैं।”
समूह परिचर्चा के उपयोग—
(1) इसमें सामाजिक अधिगम को प्रोत्साहन मिलता है।
(2) इसमें ज्ञानात्मक तथा भावात्मक पक्षों के उच्च उद्देश्यों की प्राप्ति की जाती है।
(3) ज्ञान वृद्धि के साथ छात्रों में समस्या समाधान, तर्कशक्ति, आलोचना करने की क्षमताओं आदि का विकास होता है ।
(4) छात्रों में अभिरुचि तथा अभिवृत्तियों तथा दूसरे के विचारों के प्रति सम्मान की प्रवृत्ति का विकास होता है।
(5) पाठ्यक्रम तथा प्रकरण के बीच के साथ परिपाक को भी प्रोत्साहन मिलता है।
पैनल चर्चा के उपयोग—
(1) पैनल चर्चा में एक समूह शिक्षण का नेतृत्व करता है।
(2) इसमें भाग लेने वाले समूह से सदस्य शिक्षक प्रकरण या समस्या से सम्बन्धित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ होते हैं ।
(3) भाग लेने वाले सदस्य अध्यापक बारी-बारी से अपनी-अपनी बात छात्रों के समक्ष रखते हैं।
(4) इसका आयोजन प्रजातांत्रिक व्यवस्था के अनुरूप किया जाता है। यह माना जाता है कि समूह के प्रत्येक सदस्य में अपनी रुचि, योग्यता, मूल्य अभिवृत्तियाँ तथा लक्ष्य होते हैं साथ ही उसमें निर्णय लेने की क्षमता भी होती है।
(5) इसमें छात्र केवल सुनते हैं और किसी प्रकार की समस्या
अथवा कठिनाई रहने पर चर्चा के अन्त में प्रश्न पूछते हैं ।

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