Bihar Board Class 9Th Non – Hindi chapter 9 वर्षा बहार (मुकुटधर पाण्डेय)  Solutions | Bseb class 9Th Chapter 9 वर्षा बहार (मुकुटधर पाण्डेय)  Notes

Bihar Board Class 9Th Non – Hindi chapter 9 वर्षा बहार (मुकुटधर पाण्डेय)  Solutions | Bseb class 9Th Chapter 9 वर्षा बहार (मुकुटधर पाण्डेय)  Notes

प्रश्न- प्रस्तुत कविता के आधार पर वर्षा ऋतु का वर्णन कीजिए। 
उत्तर— प्रस्तुत कविता ‘ वर्षा बहार’ में वर्षा ऋतु के महत्व पर प्रकाश डाला गया हैं इस ऋतु का आगमन होते ही आकाश में काले-कजरारे बादल उमड़ने-घुमड़ने लगते है। बिजली चमकती है तथा बादल गरजते है। वर्षा जल पाकर नदियों की धारा प्रखर हो जाती है। झरनों से जल झरने की गति बढ़ जाती है। हवा में शीतलता आ जाती हैं।
डालियाँ नये पत्तों से लद जाती हैं। वन-उपवन हरे-भरे हो जाते हैं। पपीहे पीऊ – पीऊ करते फिरते हैं। बादलों को देख मोर पंख फैलाकर नराचने लगते हैंतो मेढक की टर्र-टर्राहट से रात्रि की शांति भंग हो जाती है।
प्रश्न-निम्नलिखित पंक्तियों का अर्थ स्पष्ट कीजिए। खिलता गुलाब कैसा, सौरभ उड़ा रहा है। 
उत्तर— कवि के कहने का उद्देश्य है कि ग्रीष्म ऋतु के प्रचंड ताप से संतप्त गुलाब वर्षा का जल पाकर खिल उठता है और अपने सौन्दर्य एवं सुरभि से बागों में आनन्द रस का संचार कर देता है।
प्रश्न- गाते हैं गीत कैसे, लेते किसान मनहर। 
उत्तर— किसान खुशी का गीत इसलिए गाते हैं, क्योंकि वर्षा ऋतु में ही वे फसल लगाते है और सालों भर इसी परिश्रम के फल का उपभोग करते हैं।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *