Bihar Secondary School Sample Paper Solved | BSEB Class 10th Sample Sets with Answers | Bihar Board class 10th Sample Paper Solved | Bihar Board Class 10th science Sample set – 2

Bihar Secondary School Sample Paper Solved | BSEB Class 10th Sample Sets with Answers | Bihar Board class 10th Sample Paper Solved | Bihar Board Class 10th science Sample set – 2

 

1. विद्युत धारा उत्पन्न करने की युक्ति को कहते हैं
(A) जनित्र
(B) गैल्वेनोमीटर
(C) ऐमीटर
(D) इनमें कोई नहीं
2. निर्वात में प्रकाश की चाल क्या होती है 
(A) 3 x 10m/sec
(B) 3 x 108 cm/sec
(C) 3 x 108 km/sec
(D) इनमें कोई नहीं
3. लेंस में मुख्य फोकस की संख्या कितनी होती है ?
(A) दो 
(B) एक
(C) तीन
(D) इनमें कोई नहीं
4. ताप बढ़ने से चालक का प्रतिरोध 
(A) बढ़ता है 
(B) घटता है
(C) बढ़ता-घटता नहीं है
(D) इनमें कोई नहीं
5. हजामत के लिए किस दर्पण का उपयोग होता है ? 
(A) अवतल दर्पण  
(B) उत्तल दर्पण
(C) समतल दर्पण
(D) इनमें कोई नहीं
6. डायनेमो यांत्रिक ऊर्जा को किस ऊर्जा में परिणत करता है ?
(A) ध्वनि ऊर्जा
(B) विद्युत ऊर्जा 
(C) सौर ऊर्जा
(D) इनमें कोई नहीं
7. आँख का व्यवहार होता है 
(A) अवतल दर्पण की तरह
(B) उत्तल लेंस की तरह  
(C) समतल दर्पण की तरह
(D) इनमें कोई नहीं
8. घरेलू विद्युत परिपथ में उदासीन तार का रंग होता है
(A) लाल
(B) हरा
(C) काला
(D) पीला
9. निम्न में से किस लेंस की फोकस दूरी धनात्मक होती है ? 
(A) अवतल लेंस
(B) उत्तल लेंस 
(C) समतल अवतल लेंस
(D) इनमें से कोई नहीं
10. समान्तर क्रम में संयोजित प्रतिरोधों की संख्या घटने के उपरांत संयोजित प्रतिरोधों का कुल प्रतिरोध 
(A) बढ़ता है 
(B) घटता है
(C) अपरिवर्तित रहता है
(D) इनमें से कोई नहीं
11. टिंडल प्रभाव प्रकाश की कौन सी परिघटना को प्रदर्शित करता है ? 
(A) प्रकाश का परावर्तन
(B) प्रकाश का अपवर्तन
(C) प्रकाश का विक्षेपण
(D) प्रकाश का प्रकीर्णन 
12. निम्न में से कौन सा पद विद्युत परिपथ में विद्युत शक्ति को निरूपित करता है ?
(A) I2R
(B) IR2
(C) V2I
(D) VI2
13. अतिभारण के समय विद्युत परिपथ में विद्युत धारा का मान 
(A) बहुत कम हो जाता है।
(B) परिवर्तित नहीं होता है ।
(C) बहुत अधिक बढ़ जाता है। 
(D) इनमें से कोई नहीं ।
14. चालक का प्रतिरोध निर्भर नहीं करता है 
(A) चालक की लम्बाई पर
(B) चालक के अनुप्रस्थ काट क्षेत्रफल पर
(C) चालक के तापमान पर
(D) चालक में प्रवाहित विद्युत धारा पर 
15. निम्न में से किस माध्यम में प्रकाश को चाल अधिकतम है ?
(A) हवा 
(B) जल
(C) शीशा
(D) हीरा
16. निम्न में से कौन-सा स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है ? 
(A) कोयला
(B) लकड़ी
(C) प्राकृतिक गैस
(D) इनमें से सभी
17. कौन-सा कार्बन यौगिक सबसे अधिक अभिक्रियाशील है ? 
(A) CH4
(B) C2H6
(C) C2H4
(D) C3H8
18. शुद्ध जल का pH मान होता है 
(A) 6
(B) 7
(C) 8
(D) 9
19. निम्न में से कौन सा यौगिक ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है ? 
(A) इथेनॉल  
(B) प्रोपेनॉल
(C) इथेनॉइक अम्ल
(D) इनमें से सभी
20. विरंजक चूर्ण का रासायनिक सूत्र है 
(A) Ca(OH)2
(B) CaOCl2
(C) CaCO3
(D) Ca(HCO3)2
21. निम्नलिखित में से कौन सबसे कम अभिक्रियाशील धातु है ?
(A) Al
(B) Zn
(C) Fe
(D) Mg
22. एथेनील के क्रियाशील मूलक का सूत्र है
(A) – OH
(B) – CHO
(C) – COOH
(D) > CO
23. निम्नलिखित में से कौन गैस चूने के पानी को दुधिया कर देता है ?
(A) Cl2
(B) SO2
(C) CO2
(D) O2
24. अम्ल का pH मान होता है 
(A) 7 से कम 
(B) 7 से अधिक
(C) 7
(D) 14
25. कौन-सा अधातु कमरे के तापमान पर तरल अवस्था में पाया जाता है ?
(A) मरकरी (पारा)
(B) ब्रोमीन
(C) सल्फर
(D) सोडियम
26. निम्न में से कौन-सा उपधातु है ?
(A) Zn
(B) Ca
(C) Ge
(D) C
27. दाँतों को साफ करने के लिए दंत-मंजन प्रायः होता है
(A) क्षारीय
(B) अम्लीय
(C) लवणयुक्त
(D) इनमें से कोई नहीं
28. ऐल्केन (Alkanes) का सामान्य सूत्र है
(A) CnH2n+2
(B) CnH2n
(C) CnH2n-1
(D) CnH2n-2
29. एथिल ऐल्कोहॉल का IUPAC नाम है 
(A) एथेनल
(B) एथेनॉल
(C) एथोनोन
(D) एथेनोइक अम्ल
30. ओजोन के एक अणु में आक्सीजन के परमाणुओं की संख्या, कितनी होती है ?
(A) 1
(B) 2
(C) 3
(D) 4
31. CnH2n निम्नलिखित में किसका सामान्य सूत्र है ?
(A) ऐल्केन
(B) ऐल्कीन 
(C) ऐल्काइन
(D) इनमें से कोई नहीं
32. तुतीया (नीला थोथा) का अणुसूत्र है
(A) CuSO4  · 5H2O
(B) Na2B4O7 · 10H2O
(C) CHCI3
(D) KOH
33. क्लोरोफिल वर्णक का रंग है
(A) हरा
(B) नीला
(C) लाल
(D) सफेद
34. आहारनाल का सबसे लंबा भाग है 
(A) ग्रसनी
(B) आमाशय
(C) छोटी आँत 
(D) ग्रासनली
35. एकलिंगी पुष्प का उदाहरण है 
(A) पपीता
(B) सरसो
(C) उड़हूल
(D) कोई नहीं
36. अपघटक का उदाहरण है
(A) कवक 
(B) बाघ
(C) बकरी
(D) पौधे
37. मानव जनन अंग किस आयु में परिपक्व एवं क्रियाशील होता है 
(A) 12
(B) 18 
(C) 24
(D) 30
38. निम्नलिखित में से किसे कोशिका का ऊर्जा मुद्रा कहा जाता है ? 
(A) ADP
(B) ATP 
(C) DTP
(D) PDP
39. पत्तियों में गैसों का आदान-प्रदान कहाँ होता है ? 
(A) शिरा
(B) रंध्र
(C) मध्य शिरा
(D) कोई नहीं
40. फुल का कौन-सा भाग फल बनता है
(A) परागकोश
(B) वर्तिका
(C) जायांग
(D) अंडाशय
41. मानव शरीर के किसी सामान्य कोशिका के गुणसूत्रों के कितने युग्म होते हैं ?
(A) 21
(B) 22
(C) 23 
(D) 46
42. मानव शरीर की सबसे बड़ी ग्रंथि है
(A) अग्न्याशय
(B) अंडाशय
(C) एड्रीनल
(D) यकृत
43. शरीर को संतुलन बनाए रखता है 
(A) सेरीबेलम 
(B) क्रेनियम
(C) मस्तिष्क स्टेम
(D) सेरीब्रम
44. मानव हृदय में कितने कोष्ठक होते हैं
(A) 2
(B) 3
(C) 4
(D) 6
45, रक्त क्या है ? 
(A) ऊतक 
(B) कोशिका
(C) पदार्थ
(D) कोई नहीं
46. जीन शब्द किसने प्रस्तुत किया ? 
(A) मेंडल
(B) डार्विन
(C) जोहैन्सन
(D) लामाक
47. निम्नलिखित में से किसे आनुवंशिकी का पिता कहा जाता है ?
(A) चार्ल्स डार्विन
(B) ग्रेगर जॉन मेंडल 
(C) लामार्क
(D) वाइसमान
48. हरे पौधे कहलाते हैं
(A) उत्पादक
(C) अपघटक
(B) उपभोक्ता
(D) कोई नहीं
प्रश्न- विद्युत फ्यूज क्या है? यह किस मिश्रधातु का बना होता है ? 
उत्तर– विद्युत फ्यूज सुरक्षा की एक युक्ति है। अतिभारण एवं लघुपथन से परिपथ की सुरक्षा के लिए इसका उपयोग किया जाता है। ताँबे तथा टिन अथवा शीशा एवं टिन के मिश्रधातु के तार का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न- रेलवे सिग्नल में लाल रंग का प्रयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर– रेलवे सिग्नल में लाल रंग का प्रयोग किया जाता है क्योंकि लाल रंग तरंग दैर्ध्य अन्यों रंगों की तुलना में सर्वाधिक होने के कारण लाल रंग विचलन सबसे कम होता है। जिसके कारण धुँध या घना कोहरा में भी लाल रंग साफ-साफ दिखाई देता है।
प्रश्न- दो विद्युत लैप जिनमें से एक का अनुमतांक 100 W, 220 V का दूसरे का 60W, 220 V है, विद्युत मेंस के साथ पार्श्वक्रम में संयोजित है। यदि विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 220 V है तो विद्युत मेंस से कितनी धारा ली जाती है ? 
उत्तर– पहला लैंप के लिए,
प्रश्न- प्रकाश के परावर्तन के नियमों को लिखें और इसे किरण आरेख से दर्शायें। 
उत्तर– प्रदीप्त पिण्डों को हम प्रकाश के परावर्तन के द्वारा ही देख पाते हैं। प्रकाश का परावर्तन एक महत्त्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसमें किसी एक माध्यम में चलता प्रकाश किसी सतह से टकराकर उसी माध्यम में वापस लौट आता है। प्रकाश का इस तरह परावर्तित होना कुछ विशेष नियमों के अनुसार होता है जिन्हें परावर्तन के नियम कहते हैं। परावर्तन की यह प्रक्रिया निम्नलिखित दो नियमों का पालन करते हुए सम्पन्न होती है —
(i) आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा परावर्तक तल पर आपतन, बिन्दु पर डाला गया अभिलंब एक ही तल में होते हैं।
(ii) आपतन का कोण परावर्तन के कोण के बराबर होता है –
                                θ i = θ r
      ये नियम ही प्रकाश परावर्तन के नियम कहे जाते हैं।
प्रश्न- विद्युत टोस्टरों तथा विद्युत इस्तरियों के तापन अवयव शुद्ध धातु बनाकर किसी मिश्रधातु के क्यों बनाये जाते हैं ? 
उत्तर– मिश्रधातुओं की प्रतिरोधकता उन्हें बनाने वाली शुद्ध धातुओं की अपेक्षा अधिक होती है। उच्च ताप पर भी ये मिश्रधातु ऑक्सीकृत नहीं होते। इसी कारण टोस्टर, इस्तरी आदि विद्युत तापन युक्तियों के चालक शुद्ध धातु के न बनाकर मिश्रधातु के बनाए जाते हैं।
प्रश्न- एक विद्युत लैम्प का अनुमतांक 60 W, 220 V है, जो विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 100 V से जुड़ा है। लैम्प द्वारा विद्युत आपूर्ति से कितनी धारा ली जाती है ?
उत्तर– लैंप की शक्ति (P1) = 60 वाट
लैंप का विभवांतर (V1) = 220 वोल्ट
लैंप में प्रवाहित धारा (I) = P1 / V1 = 60 / 220 एम्पियर
लैंप का प्रतिरोध (R1) = V12  / P1= 220 × 220 / 60 = 2420 / 3 = 806.66 ओम
विद्युत लेंस से ली जाने वाली धारा
I=V / R = 100 / 806.66 = 100 ×100 / 80666 = 10000 / 80666 = 0.1239 ऐम्पियर ।
प्रश्न- अपवर्तनांक को परिभाषित करें। हीरे का अपवर्तनांक 2.42 है। इस कथन का क्या अभिप्राय है ? 
उत्तर– हमें पता है कि हीरे का अपवर्तनांक सबसे अधिक है। इसलिए इसका प्रकाशित घनत्व भी सबसे अधिक है।
जैसे – n = c / v ⇒ v = c / n
यदि n सबसे अधिक है तो v सबसे छोटा होगा।
इसलिए हीरे के प्रकाश की गति सबसे कम है।
प्रश्न- घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है ? 
उत्तर– श्रेणीक्रम संयोजन में विद्युत धारा के प्रवाह के लिए केवल एक ही परिपथ होता है। यदि ऐसे परिपथ में लगे उपकरणों में से कोई एक उपकरण खराब हो जाए तो परिपथ में विद्युत धारा का प्रवाह रुक जाएगा। यही कारण है कि घरेलू विद्युत परिपथों में श्रेणीक्रम संयोजन का उपयोग नहीं किया जाता है।
प्रश्न- प्रतिरोध और विभवान्तर के S.I. मात्रक को लिखें। ओम के नियम को सत्यापन कर समझाएँ। 
उत्तर– प्रतिरोध एवं विभवांतर के S.I. मात्रक क्रमशः ओम (Ω) और वोल्ट (V) है।
अचर ताप पर किसी चालक से प्रवाहित होनेवाली विद्युतधारा चालक के सिरों के बीच के विभवांतर का सीधा समानुपाती होता है। प्रायोगिक सत्यापन: एक आसान से प्रयोग की सहायता से ओम के नियमों को सत्यापित किया जा सकता है। इसके लिए आवश्यक परिपथ को चित्र में दिखलाया गया है। कई सेलों को श्रेणीक्रम में जोड़कर एक बैट्री तैयार की जाती है जिसके समानान्तर एक रियोस्टेट Rh लगाया हुआ है। यह पूरी व्यवस्था विभव पात के नाम से जानी जाती है, जिससे मनचाहा वि० वा बल मुख्य परिपथ पर आरोपित किया जा सकता है। इसके कारण बल्ब B तथा धारा नियंत्रक प्रतिरोध R पर लगते विभवान्तर को मापने के लिए उनके समानान्तर एक वोल्टमीटर (V) भी लगा दिया जाता है। परिपथ में लगा ऐमीटर प्रवाहित धारा (I) का मान बतलाता है। कुंजी K को बन्द करते परिपथ से धारा बहने लगती है। जब रियोस्टेट के परिवर्तनशील टर्मिनल को A के निकट रखते हैं तो परिपथ पर लगता विभवान्तर छोटा होता है। उसे जैसे-जैसे B की ओर खिसकाते हैं आरोपित विभवांतर का मान बढ़ता है और उसी के साथ प्रवाहित धारा भी बढ़ती जाती है। अलग-अलग विभवान्तर और संगत के धारा का मान क्रमश: वोल्मीटर तथा ऐमीटर से नोट कर लेते हैं। इस प्रकार रियोस्टेट की सहायता से V तथा I के कई जोड़े पठन प्राप्त कर लिये जाते हैं जिन्हें क्रमश: X तथा Y-अक्ष के अनु रखते हुए एक ग्राफ खींचा जाता है। पाया जाता है कि यह ग्राफ एक सरल रेखा के रूप में मिलता है जो बतलाता है कि V ∞ I
इस प्रकार ओम के नियम का सत्यापन हो जाता है।
प्रश्न- विद्युत मोटर क्या है? इसके सिद्धांत और क्रियाविधि का सचित्र वर्णन करें। 
उत्तर– विद्युत मोटर एक ऐसा यंत्र है जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में बदलता है। यह धारावाही चालक पर चुम्बकीय क्षेत्र में लगते बल के सिद्धांत पर काम करता है।
बनावट : इसके मुख्य भाग निम्नलिखित होते हैं —
आर्मेचर : एक नरम लोहे के कोर पर ताँबे के तार, जिनपर विद्युतरोधी पेन्ट चढ़ा होता है, को लपेटकर आर्मेचर बनाया जाता है।
दिक्परिवर्तक : द्विक्परिवर्तक का उपयोग कुण्डली में धारा की दिशा को प्रत्येक आधे चक्र के बाद पलटने के लिए किया जाता है। यह ताँबे का बना एक वलय होता है जो बीच से दो भागों C1 तथा C2 में बँटा होता है ।
कार्बन ब्रश : कार्बन के दो छोटे टुकड़े, जो कार्बन ब्रश के नाम से जाने जाते हैं, परिवर्तक के विभक्त वलयों को सदा स्पर्श करते रहते हैं।
नाल चुम्बक : आर्मेचर एक प्रबल नाल चुम्बक के दोनों ध्रुवों के बीच घूमता है।
विद्युत मोटर की कार्य पद्धति : कार्बन ब्रशों से होकर जब आयताकार कुण्डली में धारा प्रवाहित होती है तो कुण्डली के आमने-सामने की भुजाओं में परस्पर विपरीत दिशाओं में धारा का प्रवाह होता है जिससे चुम्बकीय क्षेत्र में वे कुण्डली के तल के लंबवत् पर विपरीत दिशा में बल का अनुभव करते हैं। इस तरह से बना बलयुग्म कुण्डली को अपने अक्ष पर घूर्णित कराता है। जब कुण्डली में 180° का घूर्णन पैदा हो जाता है तो उसकी दोनों भुजाओं का विनिमय हो जाता है जिससे C1 तथा C2 का संपर्क कार्बन ब्रशों से बदल जाता है। इस कारण अभी भी कुण्डली से धारा का प्रवाह पूर्व की तरह बना रहता है जिससे कुण्डली की घूर्णन गति पूर्व की तरह ही रहती है। इस प्रकार स्रोत से धारा मिलते रहने पर कुण्डली लगातार घूमती रहती है और उसकी धुरी से किसी यंत्र को जोड़कर यांत्रिक ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।
     
प्रश्न- जब लोहे की कील को कॉपर सल्फेट में डुबोया जाता है, तो विलयन का रंग क्यों बदल जाता है ? 
उत्तर– लोहे की कील, कॉपर सल्फेट के विलयन से कॉपर को विस्थापित कर देता है और आयरन सलफेट बनाता है। आयरन सल्फेट बनने के कारण कॉपर सल्फेट का गहरा नीला रंग मलीन हो जाता है और हल्के हरे रंग में बदल जाता है।
                                      Fe(s) + CuSO4 (aq) → FeSO4 (aq) → Cu (s)
                                                    नीला                    हरा
प्रश्न- निम्न अभिक्रिया के लिए संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए—
(a) तनु सल्फ्यूरिक अम्ल जिंक के साथ अभिक्रिया करता है। 
(b) तनु हाइड्रोक्लोरिक अम्ल मैग्निशियम पट्टी के साथ अभिक्रिया करता है। 
उत्तर– (a)    Zn  +  H2SO4    →  ZnSO4     +   H2
                     जस्ता    सल्फ्यूरिक         जिंक सल्फेट      हाइड्रोजन
                                   अम्ल 
         (b) Mg    +    2HCI   →    MgCI2    +    H2
             मैग्नीशियम     हाइड्रोक्लोरिक       मैग्नीशियम     हाइड्रोजन
                                      अम्ल               क्लोराइड
प्रश्न- निम्न पदों की परिभाषा दें —
(i) खनिज       (ii) भर्जन ।
उत्तर– (i) खनिज : खनिज वह पदार्थ है जिन्हें खानों से निकाला जाता है जिसमें बहुत सारी अशुद्धियाँ मिली रहती है।
(ii) भर्जन : सान्द्रित अयस्क को अकेले अथवा अन्य पदार्थों के साथ मिश्रित कर वायु की नियंत्रित मात्रा की उपस्थिति में बिना द्रवित गर्म करने की क्रिया भर्जन अथवा जारण कहलाती है। यह क्रिया मुख्यतः सल्फाइड अयस्कों के साथ की जाती है।
प्रश्न- उदासीनीकरण अभिक्रिया क्या है? एक उदाहरण दें। 
उत्तर–  द्वि-विस्थापन अभिक्रिया जब अम्ल एवं क्षार के बीच होता है तब उसे उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
                                     HCI   +    NaOH   →    NaCl    +    H2O
                                            (अम्ल)          (क्षारक)             (लवण)             (जल)
                                   HNO3  +     KOH     →    KNO3  +    H20
                                          (अम्ल)              (क्षारक)            (लवण)            (जल)
प्रश्न- बेकिंग पाउडर क्या है ?
उत्तर–  बेकिंग पाउडर बारीक सफेद पाउडर होता है जिसका खमीर पदार्थ के रूप में प्रयोग किया जाता है। बेकिंग पाउडर एक एसिड (तारतर का क्रीम) और खार (बेकिंग सोडा) का मेल है।
प्रश्न- ब्युटेनोन एवं एथेनोइक अम्ल के संरचना सूत्र लिखें। 
उत्तर–  ब्युटेनोन (C3H7CHO) :
एथेनोइक अम्ल (CH3COOH) :
प्रश्न- उष्माक्षेपी एवं उष्माशौषी अभिक्रिया क्या है? उदाहरण दीजिए। 
उत्तर– ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया : वह अभिक्रिया जिसमें अभिक्रिया के पश्चात् ऊष्मा का उत्सर्जन होता है, ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया कहलाती है।
                                                        CaO + H2O → Ca(OH)2 + ऊष्मा
ऊष्माशोषी अभिक्रिया : वह अभिक्रिया जिसमें ऊष्मा के अवशोषण के बाद अभिक्रिया होती है, ऊष्माशोषी अभिक्रिया कहलाती है।
                                         2NH4Cl + Ba(OH)2 + ऊष्मा → BaCl2 + 2H2O + 2NH3
प्रश्न- प्रयोगशाला में मिथेन गैस बनाने की विधि एवं क्लोरीन के साथ उसकी रासायनिक अभिक्रिया को लिखें। 
उत्तर– प्रयोगशाला में मिथेन बनाने की विधि—प्रयोगशाला में सोडियम ऐसीटेट तथा सोडा लाइम (NaOH + CaO का मिश्रण) के मिश्रण को गर्म करके मिथेन गैस बनायी जाती है।
                                                                              गर्म
                                         CH3COONa + NaOH ——→ CH4 + Na2CO3
क्लोरीन के साथ रासायनिक अभिक्रिया—मिथेन और क्लोरीन के मिश्रण को सूर्य के विसरित प्रकाश में रख देने पर मिथेन क्लोरीन से अभिक्रिया करता है। इसमें मिथेन के चारों हाइड्रोजन परमाणु बारी-बारी से क्लोरीन परमाणु द्वारा विस्थापित हो जाता है।
                                                             सूर्य का प्रकाश               
                               CH4 + Cl2  —————→ CH3Cl + HCl
                                                                            क्लोरोमेथेन
                               CH3Cl + Cl2 ————→ CH2Cl2 + HCI
                                                                               मिथिलीन डाइक्लोराइड
                               CH2Cl2 + Cl2 ——–—→ CHCI3 + HCl
                                                                   क्लोरोफॉर्म
                               CHCl3+ Cl2  ———–→ CCl4 + HCl
                                                                         कार्बन टेट्राक्लोराइड
प्रश्न- वनों की कटाई का वन्य जीवों पर क्या प्रभाव पड़ता है ? 
उत्तर– वनों की कटाई से वन्य जीवों पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ रहा है। इसकी कटाई से दुर्लभ जीव-जंतु विलुप्त होने के कागार पर है और हो भी रही है इसलिए पर्यावरण को सहेजने के लिए वन को बचाना होगा एवं उसकी कटाई को रोकना होगा। वृक्षों के कटान सीधे पर्यावरण पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
प्रश्न- हमारे अमाशय में अम्ल की क्या भूमिका है ?
उत्तर– अमाशय के आंतरिक भित्ति (mucosa) में उपस्थित जठर ग्रंथियों से जठर रस स्रावित होता है। इस रस का एक घटक हाइड्रोक्लोरिक अम्ल है।
भोजन के पाचन में HCI की भूमिका—
(i) यह टायलिन की क्रिया को रोक देता है।
(ii) यह भोजन को सड़ने से बचाता है।
(iii) यह भोजन के साथ आये जीवाणुओं को नष्ट कर देता है।
(iv) यह भोजन का माध्यम अम्लीय बना देता है ताकि उसपर जठर रस का एंजाइम जैसे पेप्सिन अभिक्रिया कर सके।
(v) यह निष्क्रिय एंजाइमों को सक्रिय एंजाइमों में बदल देता है।
प्रश्न- श्वसन श्वासोच्छ्वास से किस प्रकार भिन्न है ?
उत्तर– श्वसन श्वासोच्छ्वास से निम्नलिखित प्रकार भिन्न है —
श्वासोच्छ्वास श्वसन
यह एक भौतिक (यांत्रिक) प्रक्रम है।
यह एक जैव रासायनिक प्रक्रम है।
इसमें केवल गैसों का आदानप्रदान होता है।
इसमें कोशिका के भीतर संचति भोज्य पदार्थ ग्लूकोज का ऑक्सीकरण होता है।
यह श्वसनतंत्र में संपन्न होता है।
यह कोशिका के भीतर माइटोकॉण्ड्रिया में संपन्न होता है।
इसमें ऊर्जा मुक्त नहीं होती है।
इसमें ऊर्जा मुक्त होती है।
इसमें एंजाइम भाग नहीं लेते हैं।
इसमें एंजाइम भाग लेते हैं।
प्रश्न- स्थानांतरण क्या है? पौधों में भोजन का स्थानांतरण किस प्रकार है ?
उत्तर– पौधों की पत्तियाँ प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया से अपना भोजन कार्बनिक पदार्थ (स्टार्च) के रूप में तैयार करती है और वहाँ से निर्मित भोजन को पौधों के अन्य भागों में एक विलयन के रूप में भेजा जाता है। प्रकाश-संश्लेषण के विलेय उत्पाद का संवहन स्थानांतरण कहलाता है।
स्थानांतरण की यह प्रक्रिया संवहन ऊतक के एक प्रकार फ्लोएम ऊतक द्वारा की जाती है। फ्लोएम ऊतक एक जटिल संवहन ऊतक है जिसमें चालनी नली, सखि कोशिकाएँ, फ्लोएम मृदुत्तक तथा फ्लोएम तंतु मौजूद होते हैं। फ्लोएम द्वारा भोजन का स्थानांतरण सभी दिशाओं में होता है।
प्रश्न- शरीर का प्रमुख उत्सर्जी अंग क्या है? इसके दो प्रमुख कार्यों को लिखें।  
उत्तर– शरीर के प्रमुख उत्सर्जी अंग वृक्क (kidney) है।
वृक्क के कार्य—
(i) रक्त से अपशिष्ट पदार्थ जैसे— यूरिया, अमोनिया, यूरिक अम्ल, लवण आदि को हटाकर मूत्र का निर्माण करना ।
(ii) शरीर में जल संतुलन बनाए रखना।
प्रश्न- समजात अंग और समवृत्त अंग में अंतर स्पष्ट करें । 
उत्तर– समजात अंग और समवृत्त अंग में अंतर —
समजात अंग संमवृत्त अंग
विभिन्न जीवधारियों के ऐसे अंग जो उत्पत्ति के आधार पर एक समान होते हैं, भले ही उनके कार्य भिन्न-भिन्न होते हैं, समजात अंग कहलाते हैं।
उदाहरण- पक्षी के डैने तथा मनुष्य के अग्र पाद ।
विभिन्न जीवधारियों के ऐसे अंग जो रचना उत्पत्तियाँ उद्भव के दृष्टिकोण से एक-दूसरे से भिन्न होते हैं, परंतु एक ही प्रकार का कार्य करते हैं। ऐसे अंग समवृत्त अंग कहलाते हैं। उदाहरण – तितली के पंख तथा पक्षी के पंख।
प्रश्न- जैव आवर्धन क्या है? क्या पारितंत्र के विभिन्न स्तरों पर जैविक आवर्धन का प्रभाव भी भिन्न-भिन्न होता है। 
उत्तर– विभिन्न साधनों द्वारा हानिप्रद रसायनों का आहार श्रृंखला में प्रवेश विभिन्न पोषी स्तरों में उत्तरोत्तर सांद्रित होने की प्रक्रिया को जैव आवर्धन कर कहते हैं।
हम फसलों को रोगों से बचाने के लिए कीटनाशक, पीड़कनाशक आदि रसायनों का छिड़काव करते हैं, इनका कुछ भाग मिट्टी द्वारा भूमि में रिस जाता है जिसे पौधे जड़ों द्वारा खनिजों के साथ ग्रहण कर लेते हैं, इन्हीं पौधों के उपयोग से वे रसायन हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं तथा पौधों के लगातार सेवन से उनकी सांद्रता बढ़ती जाती है जिसके परिणामस्वरूप जैव-आवर्धन का विस्तार होता है।
प्रश्न- अग्न्याशय द्वारा स्रावित हार्मोन एवं उसके कार्य लिखें। 
उत्तर–
अग्न्याशय द्वारा स्त्रावित हार्मोन कार्य
इन्सुलिन
रक्त में उपस्थित शर्करा की आधिक्य मात्रा को ग्लाइकोज़ेन में परिवर्तित कर यकृत में संचित करना अर्थात रक्त में शर्करा की मात्रा को कम करना।
ग्लूकागॉन
ग्लाइकोजन को ग्लूकोज में परिवर्तित कर रक्त में शर्करा की मात्रा को बढाना।
प्रश्न- परागण किसे कहते हैं? स्वपरागण और परपरागण में अंतर स्पष्ट करें। 
उत्तर– परागण—पुष्प के नए जनन अंग पुंकेसर स्थित परागकोष से परागकणों का निकलकर मादा जनन अंग स्त्रीकेसर के वर्तिकाग्र तक पहुँचने की क्रिया को परागण कहते है।
परागण निम्न दो प्रकार के होते हैं—
(i) स्वपरागण
(ii) परपरागण
स्वपरागण परपरागण
परागकोष से परागकण निकलकर उसी पुष्प के या उसी पौधे के किसी अन्य पुष्प के जायांग के वर्तिकाग्र तक पहुँचते हैं।
परागकोष से परागकण निकलकर किसी दूसरे पौधे, चाहे वे उसी जाति के हो या अन्य जाति के जायांग के वर्तिकाग्र तक पहुँचते हैं।
परागकणों के नष्ट होने की संभावना कम होती है।
परागकणों के नष्ट होने की संभावना अधिक होती है।
प्रश्न- ओजोन के अवक्षय के क्या कारण हैं? ओजोन अवक्षय के हानिकारक प्रभाव क्या हैं ? 
उत्तर– ओजोन परत के क्षय का मुख्य कारण फ्लोरोकार्बन (FC) तथा क्लोरोफ्लोरोकार्बन (CFC) नामक रसायन है जो ओजोन (O3) से अभिक्रिया कर उसका क्षय करता है। इससे सूर्य की घातक किरणें धरती पर सीधे पहुँचकर कैंसर जैसे रोग को बढ़ाएँगे।
ओजोन स्तर के अवक्षय से पराबैंगनी विकिरणें सीधे पृथ्वी तक पहुँचती है जिसके कारण मनुष्य को अनेक घातक एवं जानलेवा बीमारियों के चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है इसलिए यह चिंता का विषय है।
प्रश्न- तंत्रिका तंत्र की संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई क्या है? एक सामान्य तंत्रिका कोशिका की संरचना का चित्र बनाइए तथा इसके कार्यों का वर्णन कीजिए। 
उत्तर– तंत्रिका तंत्र की रचनात्मक और कार्यात्मक इकाई को तंत्रिका कोशिका या न्यूरॉन कहते हैं।
(i) संवेदी तंत्रिकोशिका : शरीर के विभिन्न भागों से यह संवेदनाओं को मस्तिष्क की ओर ले जाती है।
(ii) प्रेरक तंत्रिकोशिका : यह मस्तिष्क से आदेशों को पेशियों तक (पहुँचाती है।
(iii) बहुध्रुवी तंत्रिकोशिका : यह संवेदनाओं को मस्तिष्क की तरफ और मस्तिष्क से पेशियों की ओर ले जाने का कार्य करती है।
प्रश्न- मनुष्य के नर प्रजनन तंत्र का स्वच्छ एवं नामांकित रेखाचित्र खींचे तथा उसके कार्यों का वर्णन करें। 
उत्तर– नर जनन तंत्र के विभिन्न भागों का कार्य निम्नवत है —
(i) वृषण (Testes): वृषण की कोशिकाएँ शुक्राणुओं को उत्पन्न करती हैं।
(ii) अधिवृषण (Epididymis): इसमें शुक्राणु संचित रहते हैं। अधिवृषण अन्तिम रूप से एक नलिका में रूपान्तरित होता है जिसे शुक्रवाहिका कहते हैं।
(iii) शुक्रवाहिका (Vas difference): यह मांसल और संकुचनशील दीवारों वाली एक पतली नली होती है जो मूत्राशय के चारों ओर घूमकर अन्तिम रूप से मूत्रमार्ग में खुलती है।
(iv) शुक्राशय (Seminal Vesicle): यह छोटी-छोटी नलिकाओं से बनी हुई रचना है जो अधिक कुंडलित होती है। यह एक गाढ़े शुक्राशय द्रव का स्राव करती है जो शुक्राणुओं से मिलने के बाद वीर्य कहलाता है। वीर्य एक गाढ़ा श्वेत रंग का अर्द्ध-तरल पदार्थ होता है जिसमें विचित्र प्रकार की गन्ध होती है।
(v) पुर: स्थ (Prostrate): यह दोहरी पालियों वाली ग्रन्थि होती है जिसकी नलिकाएँ मूत्रमार्ग में खुलती हैं। यह पुरःस्थ द्रव का स्राव करती है जो एक क्षारीय पदार्थ होता है जो वीर्य से मिलकर पुरुष के मूत्रमार्ग एवं स्त्री की योनि की अम्लीयता को उदासीन कर देता है। इसमें विशेष प्रकार की गन्ध भी होती है।
(vi) काउपर ग्रन्थि (Cowper’s gland): यह ग्रन्थि जोड़े में होती है और पुरःस्थ के ठीक नीचे स्थित होती है। इसका सम्बन्ध एक छोटे रास्ते से होकर मूत्रमार्ग से होता है। यह एक सफेद क्षारीय द्रव का स्राव करती है जो चिकना होने के कारण स्नेहक का कार्य करता है।
(vii) शिश्न (Penis): यह पुरुष की बाह्य जनन इन्द्रिय है जिसके भीतर मूत्रवाहिनी होती है। शिश्न की मूत्रवाहिनी मूत्र एवं वीर्य को बाहर निकालने का कार्य करती है। शिश्न के भीतरी मूत्रवाहिनी के दोनों ओर स्पांजी ऊतकों की तीन कतारें होती हैं जो रक्त से भर जाने के बाद शिश्न को कठोर बना देती हैं। शिश्न का अग्रभाग एक फूली हुई गोलाकार रचना होती है। इसे ग्लांस कहते हैं। यह त्वचा के दोहरे स्तरों से ढँकी होती है जिसे प्रीप्यूस कहते हैं।
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