Bihar Secondary School Sample Paper Solved | BSEB Class 10th Sample Sets with Answers | Bihar Board class 10th Sample Paper Solved | Bihar Board Class 10th science Sample set – 3
Bihar Secondary School Sample Paper Solved | BSEB Class 10th Sample Sets with Answers | Bihar Board class 10th Sample Paper Solved | Bihar Board Class 10th science Sample set – 3
1. किसी बल्व से 1 मिनट में 120 कूलम्व आवेश प्रवाहित रहा है, हो तो विद्युत धारा का मान है
(A) 1 एम्पीयर
(B) 2 एम्पीयर
(C) 3 एम्पीयर
(D) 4 एम्पीयर
2. लघुपथन के समय परिपथ में विद्युत धारा का मान होगा
(A) बहुत अधिक
(B) बहुत कम
(C) 3 एम्पीयर
(D) 4 एम्पीयर
3.1 वोल्ट कहलाता है
(A) 1 जूल / सेकेण्ड
(B) 1 जूल / कूलॉम
(C) 1 जूल / एम्पियर
(D) इनमें से कोई नहीं
4. कौन विद्युत का सर्वोत्तम सुचालक है ?
(A) Cu
(B) Ag
(C) Al
(D) Fe
5. निम्नलिखित में से किसका उपयोग खाना बनाने वाले ईंधन में नहीं होता है ?
(A) C.N.G.
(B) L.P.G.
(C) बायो गैस
(D) कोयला
6. निम्नलिखित में से कौन लेंस का आवर्धन (m) होता है ?
(A) u / v
(B) uv
(C) u + v
(D) v / u
7. वायुमंडल में प्रकाश के किस वर्ण का प्रकीर्णन अधिक होता है ?
(A) लाल
(B) नीला
(C) पीला
(D) नारंगी
8. हमारे घरों में जो विद्युत आपूर्ति की जाती है, वह
(A) 220 V पर दिष्ट धारा होती है
(B) 12 V पर दिष्ट धारा होती है
(C) 220 V पर प्रत्यावर्ती धारा होती है
(D) 12 V पर प्रत्यावर्ती धारा होती है
9. निम्न में से कौन-सा ऊर्जा स्रोत सौर ऊर्जा के व्युत्पन्न नहीं है ?
(A) भूतापीय ऊर्जा
(B) पवन ऊर्जा
(C) नाभिकीय ऊर्जा
(D) जैवमात्रा
10. किसी कार का अग्रदीप में प्रयुक्त दर्पण निम्नलिखित में से कौन होता है ?
(A) अवतल दर्पण
(B) उत्तल दर्पण
(C) समतल दर्पण
(D) समतल या उत्तल दर्पण
11. 1 mA बराबर होता है
(A) 10-3 A
(B) 10-2 A
(C) 10-1 A
(D) 10-6 A
12. सौर सेल सौर ऊर्जा को रूपान्तरित करतें है
(A) प्रकाश ऊर्जा में
(B) गतिज ऊर्जा में
(C) ताप ऊर्जा में
(D) विद्युत ऊर्जा में
13. विद्युत चुंबक बनाने के लिए किस पदार्थ के छड़ का उपयोग होता है
(A) इस्पात
(B) पीतल
(C) नरम लोहा
(D) इनमें से कोई नहीं
14. आम्मीटर का प्रतिरोध होता है
(A) छोटा
(B) बड़ा
(C) बहुत छोटा
(D) इनमें से कोई नहीं
15. विद्युत आवेश का S.I. मात्रक होता है
(A) वोल्ट
(B) ओम
(C) जूल
(D) कूलॉम
16. ओम का नियम है
(A) V = IR
(B) V = R2I
(C) V= I2 R
(D) V = l + R
17. ग्लूकोज का रासायनिक सूत्र निम्नलिखित में कौन है ?
(A) C₂H5OH
(B) C6H6O6
(C) C6H12O6
(D) C6H6
18. निम्नलिखित में कौन लवण है ?
(A) HCI
(B) C6H606
(B) NaOH
(C) K2SO4
(D) NH4OH
19. निम्नलिखित में सबसे भारी धातु कौन है ?
(A) लिथियम
(B) यूरेनियम
(C) सिजियम
(D) आयरन
20. इथेन के एक अणु में कितने सह-संयोजक बन्धन हैं ?
(A) 2
(B) 4
(C) 6
(D) 7
21. निम्नलिखित में किसके कारण अम्ल वर्षा होती है ?
(A) CO2
(B) SO2
(C) CO
(D) Cl2
22. आवर्त्त सारणी के प्रथम वर्ग के सदस्य होते हैं
(A) अम्लीय धातु
(B) अक्रिय गैस
(C) क्षार धातु
(D) मिश्र धातु
23. संगमरमर का रासायनिक सूत्र क्या है ?
(A) CaO
(B) Ca(OH)2
(C) CaCO3
(D) इनमें से कोई नहीं
24. धोविया सोडा का रासायनिक सूत्र है
(A) NaHCO3
(B) Na2 CO3 · 10H2O
(C) CaCO3
(D) इनमें से कोई नहीं
25. ब्यूटेन के कितने समावयवी संभव हैं ?
(A) 5
(B) 2
(C) 3
(D) 4
26. मेंडलीफ के आवर्त्त नियम में तत्व वर्गीकरण का आधार क्या है ?
(A) परमाणु त्रिज्या
(B) परमाणु घनत्व
(C) परमाणु संख्या
(D) परमाणु द्रव्यमान
27. निम्न में कौन कार्बन के अपररूप हैं ?
(A) ग्रेफाइट
(B) हीरा
(C) फुलेरिन
(D) इनमें से सभी
28. निम्न में कौन कमरे के तापक्रम पर द्रव है
(A) एथेन
(B) एथाइन
(C) एथनॉल
(D) मिथेन
29. CnH2nनिम्नलिखित में किसका सामान्य सूत्र है ?
(A) ऐल्केन
(B) ऐल्कीन
(C) ऐल्काइन
(D) इनमें से कोई नहीं
30. पीतल है
(A) धातु
(B) अधातु
(C) मिश्रधातु
(D) उपधातु
31. – OH अभिक्रियाशील मूलक वाले यौगिक का नाम क्या है ?
(A) कीटोन
(B) एल्कोहॉल
(C) अम्ल
(D) एल्डिहाइड
32. निम्न में से कौन विस्थापन अभिक्रिया का एक उदाहरण है ?
(A) CaCO3 → CáO+CO2
(B) CaO + H2O → Ca(OH)2
(C) Fe + CuSO4 → FeSO4 + Cu
(D) NaOH + HCI → NaCl + H2O
33. वायवीय श्वसन का अंतिम उत्पाद है
(A) CO2 और H2O
(B) CO2 और ऊर्जा
(C) H2O और ऊर्जा
(D) CO2, H2O और ऊर्जा
34. दाँत का सबसे ऊपरी परत है
(A) डेंटाइन
(B) इनामेल
(C) अस्थि
(D) क्राऊन
35. परागकण निम्न में किसके अंदर बनते हैं ?
(A) परागकोष
(B) अंडाशय
(C) वर्तिका
(D) पत्तियाँ
36. RBC की जीवन अवधि होती है
(A) 120 दिन
(B) 180 दिन
(C) 80 दिन
(D) 220 दिन
37. मानव शरीर की सबसे लंबी कोशिका है
(A) अस्थि कोशिका
(B) पेशी कोशिका
(C) न्यूरॉन
(D) रक्त कोशिका
38. निम्नलिखित में किसमें द्विखंडन नहीं होता है ?
(A) अमीबा
(B) यीस्ट
(C) युग्लीना
(D) पैरामीशियम
39. निम्नांकित में कौन पादप हार्मोन नहीं है ?
(A) एथिलीन
(B) साइटोकाइनिन
(C) ऑक्जिन
(D) ऑक्सीटोसीन
40. कौन-सा एंजाइम वसा पर क्रिया करता है ?
(A) पेप्सीन
(B) ट्रिप्सीन
(C) लाइपेज
(D) एमाइलेज
41. किस प्रकार के श्वसन में अधिक ऊर्जा मुक्त होती है ?
(A) वायवीय
(B) अवायवीय
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
42. मछली का श्वसनांग है
(A) ट्रेकिया
(B) गिल्स
(C) त्वचा
(D) फेफड़ा
43. आयोडीन की कमी से कौन-सा रोग होता है ?
(A) घेंघा
(B) मधुमेह
(C) स्कर्वी
(D) एड्स
44. मेंडल ने अपने प्रयोग के लिए किस पौधे को चुना
(A) आम
(B) गुलाब
(C) गेहूँ
(D) मटर
45. एंड्रोजेन क्या है
(A) नर लिंग हार्मोन
(B) मादा लिंग हार्मोन
(C) पाचक रस
(D) कोई नहीं
46. चिपको आंदोलन किससे संबंधित है ?
(A) मृदा संरक्षण
(B) वन संरक्षण
(C) जल संरक्षण
(D) वृक्षारोपण
47. निम्न में कौन एक अवशेषी अंग है
(A) रीढ़ की हड्डी
(B) कान
(C) अंगूठा
(D) एपेंडिक्स
48. निम्न में से कौन वृक्क की रचनात्मक और क्रियात्मक इकाई है
(A) न्यूरॉन
(B) नेफ्रॉन
(C) सेमिनीफेरस ट्यूबेल
(D) रक्त कोशिकाएँ
प्रश्न- तारे क्यों टिमटिमाते हैं ?
उत्तर– पृथ्वी का वायुमंडल शांत कभी नहीं होता है, गर्म तथा ठंढी हलवाएँ हमेशा बहती है। ठंढी हवा की अपेक्षा गर्म हवा का अपवर्तनांक और घनत्व कम होता है इसलिए तारों से प्रेक्षक तक पहुँचनेवाली किरणें वायुमंडल के अपवर्तनांक में होनेवाले परिवर्तन के कारण अलग-बगल मुड़ जाती है। इस प्रकार वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण तारे टिमटिमाते नजर आते हैं।
प्रश्न- दूर दृष्टिदोष क्या है ?
उत्तर– वैसा दृष्टि दोष जिसमें दूर की वस्तु साफ-साफ दिखाई दे, परंतु नजदीकी नहीं उसे दूर दृष्टि दोष कहते हैं।
प्रश्न- वैद्युत चुंबकीय प्रेरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर– किसी चालक को किसी परिवर्ती चुम्बकीय क्षेत्र में रखने पर उस चालक के सिरों के बीच विद्युतवाहक बल उत्पन्न होने को वैद्युत चुम्बकीय प्रेरण कहते हैं।
प्रश्न- नाभिकीय संलयन क्या है ?
उत्तर– नाभिकीय संलयन में दो हलके नाभिक एक भारी नाभिक बनाने के लिए जुड़ते (संयोजन करते हैं। दो हलके नाभिकों के रूप में अधिकतर सामान्यतः हाइड्रोजन या हाइड्रोजन समस्थानिक, हीलियम नाभिक बनाने के लिए किए जाते हैं। यह अभिक्रिया निम्न प्रकार होती है
2H + 2H → 3He + n.
प्रश्न- प्रिज्म से होकर प्रकाश के अपवर्तन का नामांकित किरण आरेख खींचे।
उत्तर–
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प्रश्न- किसी अंतरिक्ष यात्री को आकाश नीले की अपेक्षा काला क्यों प्रतीत होता है ?
उत्तर– अंतरिक्ष यात्री आकाश में उस ऊँचाई पर होते हैं जहाँ वायुमंडल नहीं होता और न ही वहाँ कोई प्रकीर्णन हो पाता है इसलिए उन्हें आकाश नीला नहीं बल्कि काला प्रतीत होता है।
प्रश्न- विद्युत लैंपों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र टंगस्टन का ही उपयोग क्यों किया जाता है ?
उत्तर– विद्युत लैम्पों के तंतुओं के निर्माण में प्रायः एकमात्र रंगस्टन का ही उपयोग उसके उच्च गलनांक के कारण होता है।
प्रश्न- दो ऊर्जा स्रोतों के नाम लिखें।
उत्तर– ऊर्जा के दो स्रोत है —
(i) जल ऊर्जा: यह ऊर्जा बहते जल द्वारा प्राप्त होती है अथवा किसी ऊँचाई पर स्थित जल की स्थितिज ऊर्जा होती है। किसी ऊँचाई से गिरते जल की स्थितिज ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित किया जाता है।
(ii) पवन ऊर्जा: यह ऊर्जा वहाँ प्राप्त की जाती है जहाँ वर्ष के अधिकांश दिनों में तीव्र पवन चलती रहती है। इसके लिए पवन चक्की का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न- प्रतिरोधों का पार्श्वक्रम संयोजन किसे कहते हैं? प्रतिरोध R1 R2 तथा R3 को पार्श्वक्रम में संयोजित करने पर समतुल्य प्रतिरोध का व्यंजक प्राप्त करें।
उत्तर– समांतर क्रम संयोजन में सभी प्रतिरोधों के एक सिरे को एक बिन्दु पर तथा दूसरे सिरे को दूसरे बिन्दू पर जोड़ा जाता है।
मान लिया कि तीन चालक है जिनके प्रतिरोध R1 R2तथा R3 है । इन्हें समांतर क्रम में A तथा B बिन्दुओं पर जोड़ा गया है। A एवं B बिन्दुओं पर के विभव क्रमश: VA एवं VB , है। प्ररिपथ में बहनेवाली धारा I है। R1 R2तथा R3 प्रतिरोध होकर बहनेवाली धारा क्रमश: I1, l2 एवं l33 है।
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प्रश्न- (a) मानव नेत्र का स्वच्छ नामांकित आरेख खीचें।
(b) किस प्रकार निकट रखी वस्तुओं और दूर रखी वस्तुओं को देखने के लिए पक्ष्माभी पेशियाँ अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी को समायोजित करती हैं?
उत्तर– (a) मानव नेत्र का स्वच्छ नामांकित आरेख —
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(b) आइरिस के पीछेवाली परत को सिलियरी पेशिया कहते हैं जो नेत्र लेंस को लटकाए रखता है। इसे पक्षाभि पेशिया भी कहते हैं। पुतली के नीचे पारदर्शी तथा मुलायम पदार्थ का बना हुआ एक उत्तल लेंस होता है जिसे नेत्र लेंस कहते हैं।
सिलियरी पेशियों की क्रिया द्वारा नेत्र लेंस की फोकस दूरी घटाई बढ़ाई जा सकती है। निकट रखी वस्तुओं और दूर रखी वस्तुओं को देखने के लिए पक्ष्माभी पेशियाँ अभिनेत्र लेंस की फोकस दूरी को समायोजित करती है ताकि दूर एवं नजदीक की वस्तु को स्पष्ट देखा जा सके।
प्रश्न- विकृतगंधिता का क्या अर्थ है? सोदाहरण समझाएँ ।
उत्तर– विकृतगंधिता—वसा तथा तेल से बने खाद्य पदार्थों में उपचयन की क्रिया के कारण अरुचिकर गंध और स्वाद का उत्पन्न होना विकृतगंधिता कहलाती है।
प्रश्न- प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्रता से दूर रखना क्यों आवश्यक है? इसकी व्याख्या करें ।
उत्तर– प्लास्टर ऑफ पेरिस को आर्द्र-रोधी बना यानी आर्द्रता से दूर इसलिए रखा जाता है, क्योंकि यह आर्द्रता की उपस्थिति में जल को अवशोषित कर ठोस पदार्थ जिप्सम बनाती है, जिसके कारण इसमें जल के साथ मिलकर जमने का गुण नष्ट हो जाता है।
प्रश्न- किण्वन की क्रिया क्या है? इसमें कौन-सी गैस निकलती है ?
उत्तर– कार्बोहाइड्रेट तथा तत्संबंधी यौगिकों के निर्वात विच्छेदन द्वारा ऐसे पदार्थों की प्राप्ति जो ऑक्सीजन के प्रभाव को छोड़कर किण्वनों या जीवकोषों के द्वारा और अभिविघटित न हों, किण्वन कहलाती है। किण्वन की क्रिया में कार्बन डाईऑक्साइड (CO2) गैस निकलती है।
प्रश्न- धोबिया सोडा का अणुसूत्र लिखें। इसके दो उपयोग बताएँ ।
उत्तर– धोबिया सोडा का अणुसूत्र Na2 CO3 · 10H2O है।
धोविया सोडा का उपयोग —
(i) इसका उपयोग काँच, साबुन एवं कागज उद्योगों में होता है ।
(ii) इसका उपयोग घरों में साफ-सफाई के लिए होता है।
प्रश्न- प्रतिस्थापन अभिक्रिया क्या है ?
उत्तर– वैसी रासायनिक अभिक्रियाएँ जिसमें अभिकारक के परमाणु या परमाणुओं के समूह यौगिक के परमाणु या परमाणुओं के समूह को विस्थापित कर उनका स्थान ग्रहण कर लेते हैं उसे प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
प्रश्न- हाइड्रोजिनीकरण क्या है? इसका औद्योगिक अनुप्रयोग क्या है ?
उत्तर– किसी यौगिक की हाइड्रोजन के साथ संलयन अभिक्रिया को हाइड्रोजनीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
औद्योगिक अनुप्रयोग: वनस्पति तेलों (मूँगफली तेल, बिनौल तेल, सरसों तेल इत्यादि) में साधारणतः द्वि-आबंधयुक्त लम्बी असंतृप्त कार्बन श्रृंखलाएँ होती हैं जो कमरे के ताप पर द्रव अवस्था में होती है और जंतु वसा में संतृप्त हाइड्रोकार्बन शृंखला होती है जो कमरे के ताप पर ठोस या अर्द्धठोस होते हैं। इसलिए निकेल (Ni) धातु की उपस्थिति में वनस्पति तेलों के हाइड्रोजनीकरण से वनस्पति घी का निर्माण किया जाता है।
Ni
वनस्पति तेल + H2 ———→ वनस्पति घी
प्रश्न- मेंडलीव के आवर्तसारणी की विसंगतियों को लिखें।
उत्तर– मेंडलीफ़ की आवर्त सारणी के निम्नलिखित दोष हैं —
(i) हाइड्रोजन का स्थान : हाइड्रोजन की संयोजता 1 होती है और यह क्षार धातुओं से कुछ समानता रखता है, इसलिए इसे क्षार धातुओं के साथ आवर्त सारणी के वर्ग IA में रखा गया है।
(ii) समस्थानिकों का स्थान मेंडलीफ की आवर्त सारणी में तत्त्वों के समस्थानिकों के लिए स्थान नहीं है।
(iii) तत्त्वों का व्युत्क्रम स्थान मेंडलीफ की आवर्त तालिका में कुछ अधिक परमाणु द्रव्यमान वाले तत्त्व कम परमाणु द्रव्यमान वाले तत्त्व के पहले रख दिए गए हैं, जबकि अधिक परमाणु द्रव्यमान वाले तत्त्व को कम परमाणु द्रव्यमान वाले तत्त्व के बाद रहना चाहिए।
प्रश्न- अयस्कों से धातु के निष्कर्षण में प्रयुक्त चरणों को लिखिए।
उत्तर– अयस्कों से धातु के निष्कर्षण में प्रयुक्त चरण निम्नलिखित हैं —
(i) अयस्क का सान्द्रण
(ii) सांद्रित अयस्क का धातु के ऑक्साइड में परिवर्तन
(iii) धातु के ऑक्साइड से धातु का निष्कर्षण
(iv) धातु का परिष्करण (शुद्धिकरण )
(i) अयस्क का सान्द्रण : पृथ्वी से खनित अयस्कों में मिट्टी, बालू, पत्थर के टुकड़े इत्यादि कई अशुद्धियाँ होती हैं इन्हीं अशुद्धियों को दूर करने के लिए अयस्कों का सान्द्रण किया जाता है इसके सान्द्रण की निम्न विधियाँ हैं— (a) हाथ से चुनकर (b) गुरुत्व पृथक्कीकरण विधि (c) चुम्बकीय पृथक्कीकरण विधि तथा (d) फेन उत्पलावन विधि |
(ii) सान्द्रित अयस्क का धातु के ऑक्साइड में परिवर्तन : धातुओं को उनके कार्बोनेट, सल्फाइड या हैलाइड अयस्कों की तुलना में उनके ऑक्साइड से प्राप्त करना आसान होता है इसलिए ऐसे सान्द्रित अयस्क को पहले ऑक्साइड में परिवर्तित कर धातु का निष्कर्षण किया जाता है इसमें भर्जन एवं निस्तापन किया जाता है।
(iii) धातु के ऑक्साइड से धातु का निष्कर्षण : धातु के ऑक्साइड से धातु का निष्कर्षण अपचयन विधि द्वारा किया जाता है। धातु के निष्कर्षण के लिए अपचयन की तीन विधियाँ हैं—(a) ऊष्मा अपचयन (b) रासायनिक अपचयन (c) विद्युतीय अपचयन |
(iv) धातु का परिष्करण: उपर्युक्त विधि से प्राप्त धातुएँ पूर्ण रूप से शुद्ध नहीं होती हैं। इनमें अशुद्धियाँ होती है, जिन्हें हटाकर शुद्ध धातु प्राप्त की जाती है। धातुओं से अशुद्धियों का निष्कर्षण की विद्युत अपघटन विधि उपयुक्त है।
प्रश्न- मिश्रधातु किसे कहते हैं? इसके दो उदाहरण दें। मिश्रधातु के तीन उपयोगों का वर्णन करें।
उत्तर– मिश्रधातु : दो या दो से अधिक धातुओं अथवा धातु एवं अधातु के समांगी मिश्रण को मिश्रातु (मिश्रधातु) कहते हैं। मिश्रधातु बनाने के लिए पहले मूल धातु को गलित अवस्था में लाया जाता है एवं उसके बाद दूसरे तत्त्वों को भार के विचार से एक निश्चित अनुपात में मिलाने से जो समांगी मिश्रण प्राप्त होता है वह मिश्रधातु कहलाता है। जैसे—(i) पीतल, ताँबा (Cu) एवं जस्ता (Zn) की मिश्रधातु है। (ii) काँसा, ताँबा (Cu) एवं टिन (Sn) की मिश्रधातु है।
मिश्रधातु के तीन उपयोग—
(i) इस्पात (Steel) : इसका उपयोग रेल लाइन पुल, जहाजों, भवनों एवं यातायात के साधनों के निर्माण में।
(ii) पीतल (Brass) : इसका उपयोग खाना बनाने के बर्तन, मूर्ति, वाद्ययंत्र, मशीन के पार्टस, तार, वैज्ञानिक उपकरण, नट-वोल्ट, ताला, कारतूस, सिक्का बनाने में।
(iii) सोल्डर (टाँका) : लेड + टिन के मिश्रण से बनाये जाते हैं। इसका उपयोग बर्तन के जोड़ों में, टाँका लगाने में विद्युत तारों की बेल्डिंग में।
प्रश्न- हमारे शरीर में वसा का पाचन कैसे होता है, यह प्रक्रम कहाँ होता है।
उत्तर– वसा का पाचन छोटी आँत (इलियम) में होता है। अमाशय के लाइपेज एंजाइम वसा पर क्रिया करता है और वसा को खंडित कर देता है। इसके पश्चात् ग्रहणी में यकृत द्वारा स्रावित पित्तरस वसा का पायसीकरण करता है। इस वसा को पायसीकृत वसा कहते हैं। अग्न्याशय द्वारा स्रावित अग्न्याशयी रस में मौजूद लाइपेज एंजाइम पायसीकृत वसा पर अभिक्रिया कर उसे वसीय अम्ल और ग्लिसरॉल में बदल देता है। इस प्रकार वसा का पाचन हमारे शरीर में होता है।
प्रश्न- किण्वन क्या है ? इसकी क्या उपयोगिता है ?
उत्तर– किण्वन एक जैव रासायनिक प्रक्रिया है, इसमें जटिल कार्बनिक पदार्थों जैसे ग्लूकोज का सूक्ष्म सजीवों (जैसे यीस्ट) की सहायता से सरल कार्बनिक यौगिक (जैसे एथेनॉल) में विघटित होत हैं। इस क्रिया में ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती है।
यीस्ट यीस्ट
C6H1206 ———→ 2C3HO3 ———→ 2C2H5OH
ग्लूकोज जाइमेज पाइरुविक अम्ल जाइमेज इथेनॉल
+ 2CO2 + ऊर्जा
किण्वन की उपयोगिता —
(i) किण्वन के प्रयोग से फलों के रस आदि से अल्कोहल या शराब का निर्माण होता है।
(ii) पावरोटी और बिस्किट बनाने में भी किण्वन का उपयोग होता है।
प्रश्न- शिरा और धमनी में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर–
शिरा | धमनी |
शिरां वह रक्त वाहिनी होती है, जो रक्त को ऊतकों/अंगों से हृदय की ओर ले जाती है।
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धमनी वह रक्त वाहिनी होती है, जो रक्त को हृदय से विभिन्न ऊतकों/अंगों की ओर ले जाती है।
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शिरा में कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रक्त प्रवाहित होता है।
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धमनी में ऑक्सीजन युक्त रक्त प्रवाहित होता है।
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शिरा की आंतरिक भित्ति पतली तथा आंतरिक गुहा चौड़ी होती है। |
धमनी की आंतरिक भित्ति अपेक्षाकृत मोटी, पेशीय और लचीली होती है तथा आंतरिक गुहा चौड़ी होती है।
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प्रश्न- पादप शरीर में उत्सर्जन जंतुओं की अपेक्षा कम होने के क्या कारण हैं ?
उत्तर– पौधों में जंतुओं की अपेक्षा उत्सर्जन कम होने के निम्नांकित कारण है —
(i) पादप शरीर में विभिन्न अपचयी प्रक्रियाओं के फलस्वरूप कोशिकाओं के मध्य बने अपशिष्ट पदार्थों में से अधिकांश का पुनः उपयोग पौधे अपने उपचयी क्रियाओं में कर लेते हैं। जैसे श्वसन में बने CO2का उपयोग प्रकाश संश्लेषण में कर लेते हैं।
(ii) पौधों में अपचयन की दर जन्तुओं की अपेक्षा कम होती है।
(iii) पौधों में जंतुओं की तरह उत्सर्जन हेतु विशिष्ट अंग एवं अंगतंत्र विकसित नहीं होते।
प्रश्न- कायिक प्रवर्धन से आप क्या समझते हैं? इससे क्या लाभ है ?
उत्तर– जनन की वह प्रक्रिया जिसमें पादप शरीर का कोई कायिक या वर्धी भाग जैसे – जड़, तना, पत्ती इत्यादि उससे विलग और परिवर्द्धित होकर नए पौधे का निर्माण करता है, उसे कायिक प्रवर्धन (जनन) कहते हैं। यह एक प्रकार अलैंगिक जनन है। इसके द्वारा उत्पन्न संतन अपने जनक के अनुरूप होते हैं और जनक से अलग होने के बाद अपना स्वतंत्र अस्तित्व कायम कर जीवन यापन करते हैं। जैसे— आलू के कंद, अदरख के प्रकंद, ब्रायोफिलम की पर्ण कलिकाएँ।
कायिक प्रवर्धन के लाभ —
(i) एकल पौधे द्वारा जनन संभव है।
(ii) कायिक प्रर्वधन द्वारा तैयार पौधों में पुष्प व फल, बीज द्वारा तैयार पौधे की तुलना में कम समय में मिलने लगते हैं।
(iii) कायिक प्रवर्धन बीजहीन फलों के उत्पादन में सहायक है।
प्रश्न- पोषी स्तर क्या है? एक आहार श्रृंखला द्वारा समझाएँ ।
उत्तर– आहार श्रृंखला में कई स्तर होते हैं तथा हर स्तर पर भोजन (ऊर्जा) का स्थानांतरण होता है। आहार श्रृंखला के इन्हीं स्तरों को पोषी स्तर कहते हैं।
एक घास-स्थली पारिस्थितिक तंत्र के विभिन्न पोषी स्तर—
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प्रश्न- जीवाश्म क्या है? दो उदाहरण दें। जैव विकास के प्रक्रम के विकास में यह क्या बतलाता है।
उत्तर– पृथ्वी पर किसी समय जीवित रहने वाले अति प्राचीन सजीवों (पेड़-पौधे एवं जंतुएँ) के परिरक्षित अवशेषों या उनके द्वारा चट्टानों में छोड़ी गई छापों को जो पृथ्वी की सतहों या चट्टानों की परतों में सुरक्षित पाये जाते हैं, उन्हें जीवाश्म (fossil) कहते हैं।
जीवाश्म के दो उदाहरण—आर्कियोप्टेरिक्स इओहिप्पस ।
जीवाश्मों के अध्ययन के जैव विकास के प्रमाण मिलते हैं, ये जैव विकास के क्रमिक परिवर्तन को बतलाता है।
प्रश्न- वन संरक्षण हेतु क्या कदम आवश्यक है ?
उत्तर– वनों के संरक्षण के लिए निम्नांकित उपाय किये जा सकते हैं —
(i) वनों की कटाई पर रोक लगाना ।
(ii) वन रोपण कार्यक्रम को प्रोत्साहित कर वन वर्द्धन करना।
(iii) लकड़ियों की अवैध कटाई तथा उसके व्यापार पर कानून बनाकर रोक लगाना तथा कानून का सख्ती से पालन करना।
(iv) पशुचारण पर रोक लगाना।
प्रश्न- वाष्पोत्सर्जन एवं स्थानांतरण में अंतर लिखें।
उत्तर– वाष्पोत्सर्जन एवं स्थानांतरण में अंतर—
वाष्पोत्सर्जन | स्थानांतरण |
पौधों द्वारा अनावश्यक जल को वाष्प के रूप में शरीर से बाहर निकालने की क्रिया को वाष्पोत्सर्जन कहा जाता है।
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पक्षियों, मछलियों आदि का भोजन या प्रजनन के लिए समय-समय पर एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में किया जाने वाला गमन स्थानांतरण कहलाती है।
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पौधों में होनेवाली क्रिया वाष्पोत्सर्जन कहलाती है
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यह क्रिया मछलियों पक्षियों में होती है।
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प्रश्न- मनुष्य के उत्सर्जन तंत्र (मूत्र प्रणाली तंत्र) का एक स्वच्छ एवं नामांकित रेखाचित्र खींचे तथा निम्न के कार्य बताएँ—
(a) वृक्क (b) मूत्रवाहिनी (c) मूत्राशय (d) मूत्रमार्ग
उत्तर– मनुष्य के उत्सर्जन तंत्र का एक स्वच्छ एवं नामांकित रेखाचित्र —
![](https://jaankarirakho.in/wp-content/uploads/2022/11/IMG_20221117_132356.jpg)
उत्सर्जी अंग | कार्य |
वृक्क
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रक्त से अपशिष्ट पदार्थों को हटाकर मूत्र का निर्माण करना। शरीर में जल संतुलन कायम रखना।
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मूत्रवाहिनी
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मूत्र को वृक्क से निकालकर मूत्राशय तक लाना।
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मूत्राशय,
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मूत्र का संचय करना।
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मूत्रमार्ग
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मूत्र को शरीर के बाहर समय-समय पर निकालना।
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वृक्क धमनी
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ऑक्सीजन युक्त किन्तु अशुद्ध रक्त को वृक्क के भीतर लाना।
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वृक्क शिरा
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शुद्ध रक्त, किन्तु कार्बन डाइऑक्साइड युक्त रक्त को वृक्क से बाहर निकालना।
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प्रश्न- पुष्प के अनुदैर्घ्य काट का एक स्वच्छ नामांकित चित्र बनाएँ।
उत्तर–पुष्प के अनुदैर्घ्य काट का एक स्वच्छ नामांकित चित्र —
![](https://jaankarirakho.in/wp-content/uploads/2022/11/IMG_20221117_132434.jpg)
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