Bihar Secondary School Sample Paper Solved | BSEB Class 10th Sample Sets with Answers | Bihar Board class 10th Sample Paper Solved | Bihar Board Class 10th science Sample set – 5
Bihar Secondary School Sample Paper Solved | BSEB Class 10th Sample Sets with Answers | Bihar Board class 10th Sample Paper Solved | Bihar Board Class 10th science Sample set – 5
1.1A बराबर होता है
(A) 10-10 मीटर
(B) 10-12 मीटर
(C) 10-11 मीटर
(D) 10-6 मीटर
2. अबिन्दुकता के उपचार के लिए प्रयुक्त होता है
(A) उत्तल लेंस
(B) अवतल लेंस
(C) बाइफोकल लेंस
(D) सिलिंडरी लेंस
3. चित्रानुसार ऐमीटर द्वारा पढ़ी गई धारा का मान क्या होगा ?
(A) 4 ऐम्पियर
(B) 2 ऐम्पियर
(C) 1 ऐम्पियर
(D) 0.5 ऐम्पियर
4. एक अवतल दर्पण की वक्रता त्रिज्या 40 सेमी है उसकी फोकस दूरी होगी
(A) 20 सेमी
(B) 40 सेमी
(C) 60 सेमी
(D) 80 सेमी
5. पानी में हवा का बुलबुला चमकीला दिखाई देता है इस कारण प्रकाश का क्या होता है ?
(A) अपवर्तन
(B) परावर्तन
(C) पूर्ण आंतरिक परिवर्तन
(D) वर्ण-विक्षेपण
6. विद्युत चुंबक बनाने के लिए प्राय: किस पदार्थ के छड़ का उपयोग होता है ?
(A) इस्पात
(B) पीतल
(C) नरम लोहा
(D) इनमें से कोई नहीं
7.100 W – 220 V के विद्युत वल्व के तंतु का प्रतिरोध क्या होगा ?
(A) 900Ω
(B) 484Ω
(C) 220Ω
(D) 100Ω
8. गोलीय दर्पण की फोकस दूरी उसकी वक्रता त्रिज्या की क्या होती है ?
(A) आधी होती है
(B) दुगुनी होती है
(C) तिगुनी होती है
(D) चौथाई होती है
9. साइड मिरर के रूप में किसका उपयोग होता है ?
(A) उत्तल मिरर
(B) अवतल मिरर
(C) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
10. वैद्युत चुंबकीय की खोज किसने की ?
(A) मैक्सवेल
(B) फैराडे
(C) न्यूटन
(D) फ्लेमिंग
11. फ्लेमिंग का वामहस्त नियम लागू होता है
(A) मोटर में
(B) विद्युत जनित्र में
(C) विद्युत चुंबक में
(D) इनमें से कोई नहीं
12. 1 कैलोरी बराबर होता है
(A) 6.2 जूल के
(B) 2.2 जूल के
(C) 4.2 जूल के
(D) 1 जूल के
13. सामान्य दृष्टि के व्यस्क के सुस्पष्ट दर्शन की अल्पमान दूरी लगभग होती है
(A) 25 मी
(B) 2.5 सेमी
(C) 25 सेमी
(D) 2.5 सेमी
14. विद्युत हीटर का तापीय अवयव होता है
(A) टंग्सटन
(B) प्लेटिनम
(C) ऐल्युमिनियम
(D) नाइक्रोम
15. प्रकाश तरंगें होती हैं
(A) चुम्बकीय तरंगें
(B) विद्युत चुम्बकीय तरंगें
(C) विद्युतीय तरंगें
(D) इनमें से कोई नहीं
16. निम्न में से कौन-सा स्वच्छ ऊर्जा स्रोत है ?
(A) कोयला
(B) लकड़ी
(C) प्राकृतिक गैस
(D) इनमें से सभी
17. नीला थोथा (तूतिया) का रासायनिक सूत्र क्या है ?
(A) CuSO4 · 7H2O
(B) CuSO4 · 5H2O
(C) CuSO4 · 4H2O
(D) CCuSO4 · 10H2O
18. निम्नांकित में कौन लवण है ?
(A)HCI
(B) NaOH
(C) K2SO4
(D) NH4OH
19. चीनी का रासायनिक सूत्र क्या है ?
(A) CH3COOH
(B) C6H12O6
(C) C12H22O11
(D) CH3CHO
20. सोडियम कार्बोनिट के जलीय घोल में मिथाइल ऑरेन्ज का घोल मिलाने पर घोल का रंग परिवर्तित होकर कैसा हो जाता है ?
(A) पीला
(B) लाल
(C) हरा
(D) नीला
21. कार्बोनिल समूह को सूचित किया जाता है
(A) — CHO द्वारा
(B) — COOH द्वारा
(C) —CO द्वारा
(D) —COCI2 द्वारा
22. निम्न में से कौन आयनिक यौगिक है ?
(A) CH4
(B) CO2
(C) CaCl2
(D) NH3
23. आवर्त सारणी के शून्य समूह का तत्त्व है
(A) H
(B) He
(C) CO2
(D) Cl2
24. इथाइल अल्कोहल किस प्रकार के श्वसन में बनता है ?
(A) वायवीय
(B) अवायवीय
(C) (A) और (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
25, CuO + H2 → Cu + H2O किस प्रकार की अभिक्रिया है ?
(A) उपचयन
(B) अपचयन
(C) उदासीनीकरण
(D) रेडॉक्स
26. आवर्त सारणी के प्रथम वर्ग के सदस्य हैं
(A) अम्लीय धातु
(B) क्षारीय धातु
(C) अक्रिय गैस
(D) मिश्र धातु
27. वायुमंडल में CO2 गैस की उपस्थिति है
(A) 0.01%
(B) 0.05%
(C) 0.03%
(D) 0.02%
28.1Pm (पीकोमीटर) वरावर होता है
(A) 10-12 m
(B) 10-10m
(C) 1012 m
(D) 10-6 m
29. पारे का अयस्क है
(A) बॉक्साइट
(B) हेमाटाईट
(C) मैग्नेटाइट
(D) सिनेबार
30. किस रासायनिक यौगिक को गर्म करने पर ‘प्लास्टर ऑफ पेरिस’ प्राप्त किया जा सकता है ?
(A) विरंजक चूर्ण
(B) जिप्सम
(C) चूना पत्थर
(D) कच्चा चूना
31. Na2SO4 (aq) + BaCl2 (aq) → BaSO4 (S) + NaCl (aq)
(A) संयोजन अभिक्रिया
(B) वियोजन अभिक्रिया
(C) द्वि विस्थापन अभिक्रिया
(D) इनमें से कोई नहीं
32. विद्युत अपघटनी परिष्करण में अशुद्ध धातु को बनाया जाता है
(A) एनोड
(B) कैथोड
(C) अपघट्य
(D) इनमें सभी
33. तंत्रिका कोशिका के किस भाग से किसी सूचना को उपार्जित की जाती है ?
(A) केन्द्रक
(B) कोशिकाकाय
(C) द्रुमिका
(D) तंत्रिकाक्ष
34. ADH हार्मोन कौन स्रावित करता है ?
(A) थाइराइड
(B) पीयूष
(C) अण्डाशय
(D) वृषण
35. किस प्रकार के श्वसन से अधिक ऊर्जा मुक्त होती है ?
(A) वायवीय
(B) अवायकीय
(C) (A) एवं (B) दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
36. प्रकाश संश्लेषी अंग है ?
(A) तना
(B) पत्ती
(C) क्लोरोप्लास्ट
(D) जड़
37. ऊर्जा का पारंपरिक स्रोत क्या है ?
(A) बायोगैस
(B) सौर ऊर्जा
(C) पवन ऊर्जा
(D) कोयला
38. नवीकरणीय ऊर्जा का पारंपरिक स्रोत है ?
(A) कोयला
(B) सौर ऊर्जा
(C) पवन ऊर्जा
(D) बायोगैस
39. किस प्रकार के प्रोटीन में द्विगुणन की क्षमता होती है ?
(A) RNA
(B) DNA
(C) विकृत प्रोटीन
(D) उपर्युक्त सभी
40. गुणसूत्र कहाँ पाए जाते हैं ?
(A) कोशिका के केन्द्र में
(B) कोशिका में
(C) केन्द्र में
(D) इनमें से कोई नहीं
41. अंडाणु निषेचित होता है
(A) योनि में
(B) गर्भाशय में
(C) अंडाशय में
(D) फैलोपियन नलिका में
42. नर युग्मक में गुणसूत्र की संख्या होती है ?
(A) 22
(B) 23
(C) 24
(D) 11
43. शरीर का प्रमुख समन्वय केन्द्र क्या है ?
(A) नाभि
(B) पैर
(C) मस्तिष्क
(D) पीठ
44. पुरुषों में कौन-सा लिंग गुणसूत्र होता है ?
(A) XY गुणसूत्र
(B) XX गुणसूत्र
(C) YX गुण सूत्र
(D) YY गुणसूत्र
45. कौन-सी ग्रंथि अन्तःस्रावी और वहिःस्रावी दोनों है ?
(A) गुर्दा
(B) यकृत
(C) एड्रीनल
(D) अग्न्याशय
46. विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है ?
(A) 15 जून
(B) 5 जून
(C) 22 अप्रैल
(D) 10 अप्रैल
47. निम्न में से कौन बौने पौधे को दर्शाते हैं ?
(A) Tt
(B) tT
(C) tt
(D) TT
48. मानव जनन अंग किसी आयु में परिपक्व एवं क्रियाशील होता है ?
(A) 12
(B) 18
(C) 24
(D) 30
प्रश्न- तारे टिमटिमाते हैं, किन्तु ग्रह नहीं टिमटिमाते हैं, क्यों ?
उत्तर– तारे टिमटिमाते हैं ग्रह नहीं, क्योंकि तारों की तुलना में ग्रह पृथ्वी के बहुत निकट होता है। फलस्वरूप तारों के प्रकाश का लगभग बिन्दु स्रोत समझा जा सकता है। जबकि ग्रह फैला हुआ अर्थात् विस्तृत पिण्ड जैसा होता है। इसलिए ग्रह से आती किरणें वायुमंडलीय घट-बढ़ के कारण थोड़ा विचलन मालूम नहीं पड़ता।
प्रश्न- प्रतिरोधकता क्या है ? इसका मात्रक क्या है ?
उत्तर– इकाई अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल वाले किसी चालक के इकाई लम्बाई में प्रतिरोध को प्रतिरोधकता कहते हैं। किसी चालक तार का प्रतिरोध उसकी लम्बाई के समानुपाती तथा मोटाई के विलोमानुपाती होता है।
अर्थात् R ∞1 / A या, R = e 1/A
जहाँ e = स्थिरांक या प्रतिरोधकता।
इसका मात्रक ओम मीटर (Ωm) है।
प्रश्न- परिनालिका का स्वच्छ नामांकित चित्र बनाएँ ।
उत्तर– परिनालिका का स्वच्छ नामांकित चित्र—
प्रश्न- प्रतिबिम्ब क्या है? वास्तविक एवं काल्पनिक प्रतिबिम्ब में क्या अन्तर है ?
उत्तर– विम्ब वस्तु से आ रही प्रकाश की किरण परावर्तन या अपवर्तन के बाद जिस बिन्दु पर कटती है या काटती हुई मालूम पड़ती है उसे प्रतिविम्ब कहते हैं।
वास्तविक तथा आभासी प्रतिबिम्ब में अन्तर —
वास्तविक प्रतिविम्व | आभासी प्रतिविम्व |
वास्तविक प्रतिबिम्ब को पर्दे पर लिया जा सकता है।
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आभासी प्रतिबिम्ब को पर्दे पर नहीं लिया जा सकता।
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वास्तविक प्रतिबिम्ब सदैव उल्टे होते हैं।
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आभासी प्रतिबिम्ब सदैव सीधे होते हैं।
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वास्तविक प्रतिबिम्ब दर्पण के आगे बनते हैं।
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आभासी प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनते हैं।
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प्रश्न- प्रकाश का वर्ण विक्षेपण क्या है? सचित्र स्पष्ट करें।
उत्तर– श्वेत प्रकाश या सूर्य का प्रकाश जब एक प्रिज्म से गुजरता है तो वह अपने विभिन्न अवयवी रंगों में विभक्त हो जाता है। विभिन्न रंगों में विभक्त होने की घटना प्रकाश का वर्ण विक्षेपण कहलाती है।
प्रश्न- नाभिकीय संलयन एवं नाभिकीय विखंडन में क्या अंतर है ?
उत्तर– नाभिकीय संलयन एवं नाभिकीय विखंडन में अंतर—
नाभिकीय संलयन | नाभिकीय विखंडन |
इसमें दो हल्के नाभिक परस्पर संलयित होकर एक भारी नाभिक का निर्माण करते हैं। |
इसमें एक भारी नाभिक टूटकर दो हल्के नाभिकों में परिवर्तित हो जाते हैं।
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नाभिकीय संलयन अत्यधिक ताप (लगभग 4×106 °C) पर सम्पन्न होती है। |
नाभिकीय विखंडन की क्रिया ताप से स्वतंत्र होती है।
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नाभिकीय संलयन प्रोटॉन द्वारा प्रेरित होता है।
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नाभिकीय विखंडन न्यूट्रॉन द्वारा प्रेरित होता है।
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प्रश्न- प्रकाश पुँज क्या है? ये कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर– प्रकाश की किरणों के समूह को प्रकाश पुँज कहते हैं। यह मुख्यतः तीन प्रकार के होते हैं—
(i) अपसारी किरणपुँज
(ii) समांतर किरणपुँज
(iii) अभिसारी किरणपुँज।
प्रश्न- लघुपथन से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर– कभी-कभी खराब तथा क्षतिग्रस्त होने पर विद्युतन्मय और उदासीन तार आपस में बिना किसी प्रतिरोधक के सम्पर्क में आ जाते हैं और परिपथ का प्रतिरोध शून्य हो जाता है और उसमें अत्यधिक धारा प्रवाहित होने लगती है। इसे लघुपथन कहते हैं। इससे परिपथ में लगे उपकरण क्षतिग्रस्त हो सकते हैं तथा लघुपथन के स्थान पर चिंगारी उत्पन्न होने से आग भी लग सकती है।
प्रश्न- विद्युत चुम्बकीय प्रेरण किसे कहते हैं? इसे दिखाने के लिए एक प्रयोग का वर्णन करें।
उत्तर– यदि किसी चुम्बक को बन्द कुण्डली के समीप लाया जाता है या उस चुम्बक को उस कुण्डली से दूर ले जाया जाता है तो दोनों ही स्थितियों में कुण्डली में धारा प्रवाहित होती है। यह धारा तब तक प्रवाहित होती है जब तक चुम्बक गतिशील रहता है। इस प्रकार चालक में विद्युत वाहक बल और विद्युत धारा प्रेरित होती है जिसे क्रमशः प्रेरित विद्युत वाहक बल तथा प्रेरित विद्युत धारा कहते हैं एवं यह घटना विद्युत चुम्बकीय प्रेरण कहलाती है। इसे प्रदर्शित करने के लिए सर्वप्रथम एक काठ का खोखला बेलन लिया जाता है। इस बेलन के ऊपर अनेक फेरोंवाली तार की एक कुण्डली AB लपेट दी जाती है। इसके बाद एक सुग्राही गैल्वेनोमीटर को चित्रानुसार जोड़ दिया जाता है।
अब एक छड़ चुम्बक लेकर उसे कुण्डली के समीप तेजी से लाया जाता है तो दिखता है कि गैल्वेनोमीटर की सूई एक खास दिशा में विक्षेपित हो जाती है। पुनः जब छड़ चुम्बक को कुण्डली से दूर ले जाया जाता है तो गैल्वेनोमीटर की सुई बायीं ओर विक्षेपित हो जाती है। अर्थात् लाने के क्रम में चुम्बकीय क्षेत्र बढ़ता है तथा दूर ले जाने के क्रम में चुम्बकीय क्षेत्र घटता है। जब कुंडली और चुम्बक दोनों स्थिर होते हैं तो गैल्वेनोमीटर की सूई में किसी प्रकार का कोई विक्षेप नहीं देखा जाता है। इस प्रयोग से स्पष्ट है कि कुण्डली के सापेक्ष चुम्बक की गति से प्रेरित विद्युत वाहक बल उत्पन्न होता है फलस्वरूप परिपथ में प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न होती है।
प्रश्न- (a) प्रकाश का प्रकीर्णन से आप क्या समझते हैं?
(b) प्रकाश वर्ण-पट क्या है?
(c) काँच के प्रिज्म से गुजरते हुए श्वेत प्रकाश के वर्ण-विक्षेपण की व्याख्या करें ।
उत्तर– (a) प्रकाश का प्रकीर्णन—जब प्रकाश किरण किसी कण पर पड़ता है तो ये कण ऊर्जा की कुछ मात्रा को अवशोषित कर प्रकाश के शेष भाग को चारों ओर फैला देते हैं। इस घटना को ही प्रकाश का प्रकीर्णन कहते हैं।
(b) जब श्वेत प्रकाश प्रिज्म से गुजरता है तो यह सात रंगों में टूट जाता है। सात रंगों से प्राप्त इन्हीं रंगीन पट्टी को वर्णपट्ट या स्पेक्ट्रम कहते हैं।
(c) श्वेत प्रकाश या सूर्य का प्रकाश जब एक प्रिज्म से गुजरता है तो वह अपने विभिन्न अवयवी रंगों में विभक्त हो जाता है। विभिन्न रंगों में विभक्त होने की घटना प्रकाश का वर्ण विक्षेपण कहलाती है।
श्वेत प्रकाश सात रंगों का सम्मिश्रण होती है। प्रिज्म सिर्फ उन सात रंगो को अलग-अलग दर्शाती है। वे रंग हैं- बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी और लाल।
ये सातों रंग प्रिज्म के दूसरी ओर एक पर्दे पर रंगीन पट्टी के रूप में प्राप्त होती है, जिसे वर्णपट्ट या स्पेक्ट्रम (spectrum) कहते हैं।
लाल रंग का तरंगदैर्घ्य सबसे अधिक होता है इसलिए इसका विचलन सबसे कम तथा बैगनी रंग का तरंगदैर्घ्य सबसे कम होती है इसलिए इसका विचलन सबसे अधिक होता है। विक्षेपण का मुख्य कारण विभिन्न रंगों का अपवर्तन कोण भिन्न-भिन्न होना है।
प्रश्न- एथनॉल से एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन को ऑक्सीकरण अभिक्रिया क्यों कहते हैं ?
उत्तर– एथेनॉल से एथेनॉइक अम्ल में परिवर्तन में एक ऑक्सीजन का योग होता है। अतः इस अभिक्रिया को ऑक्सीकरण अभिक्रिया कहते हैं।
प्रश्न- जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय क्यों नहीं होता है
उत्तर– जल की अनुपस्थिति में अम्ल H+ आयन नहीं देता है। अतः H+ नहीं देने के कारण जल की अनुपस्थिति में अम्ल का व्यवहार अम्लीय नहीं होता है।
प्रश्न- निम्न यौगिकों की संरचनाएँ चित्रित कीजिए—
(i) क्लोरो प्रोपेन (ii) प्रोपेनॉइक अम्ल
उत्तर– (i) क्लोरो प्रोपेन →
(ii) प्रोपेनॉइक अम्ल →
प्रश्न- (i) क्या होता है, जब धातुओं का वायु में दहन होता है ?
(ii) क्या होता है, जब धातुएँ जल के साथ अभिक्रिया करती हैं ?
उत्तर– (i) जब धातुओं का वायु में दहन होता है तो धातु के ऑक्साइड बनते हैं।
2Mg + O2 → 2MgO
(ii) जब धातुएँ जल के साथ अभिक्रिया करती है तो धातु के हाइड्रॉक्साइड बनाती हैं।
2Na + 2H2O → 2NaOH + H2
प्रश्न- इन अभिक्रियाओं के लिए समीकरण लिखिए—
(i) भाप के साथ लोहा
(ii) जल के साथ कैल्सियम
उत्तर– (i) 3Fe (s) + 4H2O (g) → Fe3O4(s) + 4H2N (I)
(ii) Ca (s) + 2H2O (aq) → Ca (OH)2 + H2 (I)
प्रश्न- आसवित जल विद्युत का चालक क्यों नहीं होता है, जबकि वर्षा जल होता है ?
उत्तर– आसवित जल में लवण की मात्रा बहुत कम रहती है जबकि वर्षा जल में लवण की मात्रा अधिक रहती है। इसी कारण आसवित जल विद्युत का चालन नहीं कर पाता है, लवण की मात्रा के कारण वर्षा जल विद्युत का चालन करता है।
प्रश्न- लोहे को जंग से बचाने के दो उपाय बताइए।
उत्तर– लोहे को जंग लगने से बचाने के लिए (i) लोहे की सतह पर रंग या वार्निश चढ़ाया जाता है। (ii) लौह धातु पर जस्ता धातु की परत बैठाई जाती है। (iii) लोहे को तेल या ग्रीज लगाकर रखना पड़ता है।
प्रश्न- निम्नलिखित यौगिकों का संरचना सूत्र लिखें—
(i) मिथेन (ii) इथेन (iii) प्रोपेन (iv) ब्यूटेन (v) पेंटेन
उत्तर– (i) मिथेन (CH4)
(ii) इथेन (C2H6)
(iii) प्रोपेन (C3H8)
(iv) ब्यूटेन (C4H10)
(v) पेंटेन (C5H12)
प्रश्न- स्तंभ (i) तथा स्तंभ (ii) का मिलान करें—
स्तंभ (i)— स्तंभ (ii)—
(i) नीले लिटमस का लाल रंग में परिवर्तन (a) उदासीन
(ii) दूध का खट्टापन (b) अम्लीय
(iii) अम्लीय विलयन में फीनॉलफ्थेलिन बदलता है (c) लैक्टिक अम्ल
(iv) क्षारीय विलयन में मिथाईल ऑरेन्ज बदलता है (d) रंगहीन
(v) विलयन का pH 7 है (e) पीला
उत्तर– (i) – (b) , (ii) – (c) , (iii) – (d) , (iv) – (e) , (v) – (a)
प्रश्न- पोषण क्या है? स्वपोषण और विषम पोषण में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर– पोषण वह जैव प्रक्रम है जिसके द्वारा प्रत्येक जीव अपने शरीर के भीतर ऊर्जादायक एवं शरीर निर्माणात्मक पोषक तत्वों को ग्रहण करता है तथा उसका उपयोग करता है।
स्वपोषी वह प्रक्रम है जिसमें सजीव वाह्य पर्यावरण से कार्बन डाइऑक्साइड और जल लेकर सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में अपनी कोशिकाओं में उपलब्ध पर्णहरित की सहायता से कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषण करते हैं, स्वपोषी पोषण कहते हैं ।
विषमपोषी पोषण की वह विधि जिसमें कोई जीव अपना भोजन स्वयं न बना पाने के कारण अन्य जीवों पर आश्रित रहता है, विषमपोषी पोषण कहलाता है।
प्रश्न- प्रकाश संश्लेशण एवं श्वसन में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर– प्रकाश संश्लेषण एवं श्वसन में अंतर —
प्रकाश संश्लेषण | श्वसन |
यह एक उपचय क्रिया है।
|
यह एक अपचय क्रिया है।
|
इसमें कार्बन डाइऑक्साइड गैस शरीर के भीतर ली जाती है।
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इसमें कार्बन डाइऑक्साइड गैस शरीर के बाहर छोड़ी जाती है।
|
इसमें ऑक्सीजन गैस (O2) शरीर के बाहर छोड़ी जाती है।
|
इसमें ऑक्सीजन गैस (O2) शरीर के भीतर ली जाती है।
|
इसमें CO2 एवं जल अणुओं से ग्लूकोज अणुओं का संश्लेषण होता है।
|
इसमें ग्लूकोज अणुओं का विखंडन CO2एवं जल अणुओं में होता है।
|
प्रश्न- जाइलम और फ्लोएम में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर– जाइलम और फ्लोएम में अंतर —
जाइलम | फ्लोएम |
जाइलम एक जटिल पादप संवहन ऊतक है, जिसका निर्माण चार प्रकार की पादप कोशिकाओं क्रमश: वाहिनी,
वाहिनिका, जाइलम मृदुत्तक एवं जाइलम तंतुओं के मिलने से होता है।
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फ्लोएम एक जटिल संवहन ऊतक है, जिसका निर्माण चार प्रकार की कोशिका समूहों क्रमश: चालनी नली, सखि कोशिका, फ्लोएम मृदुत्तक एवं फ्लोएम तंतु के मिलने से होता है।
|
जाइलम में तीन निर्जीव कोशिकाएँ होती हैं । कोशिकाएँ ये हैं — वाहिनी, वाहिनिका एवं जाइलम तंतु ।
|
फ्लोएम में केवल एक निर्जीव कोशिका, “फ्लोएम तंतु” होती है।
|
प्रश्न- मानव में ऑक्सीजन तथा कार्बन डायक्साइड का परिवहन किस प्रकार होता है ?
उत्तर– जब हम श्वास अंदर लेते हैं तब हमारी पसलियाँ ऊपर उठती हैं और डायाफ्राम चपटा हो जाता है। इस कारण वक्षगुहिका बड़ी हो जाती है और वायु फुफ्फुस के भीतर चली जाती है। वह विस्तृत कूपिकाओं में छोड़ने के लिए लाता है। कूपिका रुधिर वाहिका का रुधिर कूपिका वायु से ऑक्सीजन लेकर शरीर की सभी कोशिकाओं तक पहुँचाता है। श्वास चक्र के समय जब वायु अंदर और बाहर होती है तब फुफ्फुस वायु का अवशिष्ट आयतन रखते हैं। इससे ऑक्सीजन के अवशोषण और कार्बन डाइऑक्साइड के मोचन के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।
प्रश्न- वृक्क द्वारा मूत्र बनने की क्रिया का नियमन किस प्रकार होता है ?
उत्तर– मूत्र बनने की मात्रा इस प्रकार नियंत्रित की जाती है कि जल की मात्रा का शरीर में संतुलन बना रहे। जल की बाहर निकलनेवाली मात्रा इस आधार पर निर्भर करती है कि उसे कितना विलेय वर्ज्य पदार्थ उत्सर्जित करना है। अतिरिक्त जल का वृक्क में पुनरावशोषण कर लिया जाता है और उसका पुन: उपयोग हो जाता है।
प्रश्न- हार्मोन क्या है? दो पादप हार्मोन के नाम एवं उसके कार्य बतलाएँ।
उत्तर– वे रासायनिक पदार्थ जो पौधों में अल्प मात्रा में उत्पन्न होकर उनमें नियंत्रण और समन्वय का कार्य सम्पादित करते हैं पादप हार्मोन कहलाते हैं।
दो पादप हार्मोन— (i) ऑक्जिन, (ii) जिबरेलिन्स ।
(a) जिवरेलिन– यह मुख्यतः एक वृद्धि हार्मोन है जो पूरे पौधों में कोशिका-दीर्घन में सहायक होता है।
(b) एब्सेसिक एसिड– यह वृद्धि को मन्द करता है या रोक देता है तथा फलों एवं पत्तियों को पौधों से अलग करता है।
प्रश्न- क्या होता है जब
(a) अंडाणु का निषेचन नहीं होता?
(b) अंडाणु का निषेचन होता है?
उत्तर– (a) यदि किसी भी अंडे का निषेचन न हो, तो एस्ट्रोजन व प्रोजेस्ट्रोन के स्तर कम रहते हैं परिणामस्वरूप एंडोमेट्रियम झड़ने लगते हैं और मासिक रक्त स्राव शुरू हो जाता है।
(b) जब शुक्राणु अंडाणु के संपर्क में आते हैं, तो इनमें से एक शुक्राणु, अंडाणु के साथ संलयित हो जाता है, और एक हो जाता है। निषेचन के परिणामस्वरूप युग्मनज का निर्माण होता है।
प्रश्न- वनों की कटाई का वन्य जीवों पर क्या प्रभाव पड़ा है ?
उत्तर– वनों की कटाई से उनकी सघनता तथा उनका क्षेत्रफल कम होने लगा है। निर्वनीकरण के कारण वन्य जीवों का जीवन संकट में पड़ गया है। पहले से ही मनुष्य मनोरंजन के लिए तथा वन्य जीवों के खाल, सींग, दाँत आदि प्राप्त करने के लोभ से बड़ी संख्या में वन्य जीवों की हत्या कर उनकी संख्या कम कर चुका है। किंतु, आजकल जनसंख्या वृद्धि तथा उद्योगीकरण के कारण वनों की तेजी से कटाई हो रही है। निर्वनीकरण के कारण वन्य जीवों के प्राकृतिक आवास समाप्त होते जा रहे हैं। फलतः, अनेक वन्य प्राणी लुप्त हो गए तथा अधिकांश लुप्त होने की स्थिति में हैं।
प्रश्न- अनुवांशिकता और विभिन्नता में क्या अन्तर है ?
उत्तर– एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जीवों में मूल लक्षणों का संचरण आनुवंशिकता कहलाता है। यह संचरण एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी में जनकों के युग्मकों के द्वारा होता है। एक ही प्रकार के जनक से उत्पन्न विभिन्न संतानों में कुछ-न-कुछ अंतर निश्चित रूप से पाया जाता है। एक ही जाति के विभिन्न सदस्यों में पाए जानेवाले इन्हीं अंतरों को विभिन्नता कहते हैं।
प्रश्न- मानव में हृदय की बनावट एवं क्रिया विधि का सचित्रं वर्णन करें।
उत्तर– मानव में हृदय की बनावट —
(A) मानव हृदय की बाह्य रचना
(B) मानव हृदय की आंतरिक रचना का दृश्य
हृदय की क्रियाविधि—
शरीर का अशुद्ध (CO2युक्त) रक्त → अग्रमहाशिरा और पश्च महाशिरा
त्रिवलनी
——→ दायाँ आलिंद ———→ दायाँ निलय
कपाट द्वारा
——→ पल्मोनरी ——→फेफड़ा ——→ शुद्धिकरण
——→ शुद्ध रक्त (O2) युक्त रक्त) ——→ पल्मोनरी शिरा
——→ बायाँ आलिंद ——→ बायाँ निलय
——→ महाधमनी द्वारा पूरे शरीर में।
प्रश्न- मानव पाचन तंत्र का नामांकित रेखाचित्र खींचें एवं भोजन-पाचन प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
उत्तर– मानव पाचन तंत्र का नामांकित चित्र इस प्रकार है —
मानव पाचन तंत्र : मुख से भोजन जब ग्रहण किया जाता है तो यह चबाया हुआ भोजन लार के साथ मिलकर ग्रसनी और ग्रसिका से होते हुए अमाशय में पहुँचता है। अमाशय की पेशीय भित्ति भोजन को अन्य पाचक रसों के साथ मिश्रित करती है। अमाशय में प्रोटीन पाचक एंजाइम पेप्सिन तथा श्लेष्मा द्वारा पाचन होता है। अमाशय से भोजन क्षुद्रांत (छोटी आँत) में – पहुँचता है। क्षुद्रांत में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन तथा वसा का पूर्ण पाचन होता है। पाचित भोजन को क्षुद्रांत की आंतरिक भित्ति ‘दीर्घरोम’ (विलाई) द्वारा अवशोषण होता है। बिना पचा हुआ भोजन वृहदांत्र (बड़ी आँत) में भेज दिया जाता है। यहाँ इसमें से जल का अवशोषण होता है और अन्य पदार्थ गुदा द्वारा ‘शरीर के बाहर कर दिया जाता है। इस प्रकार शरीर में पाचन क्रिया होती है।
अथवा
प्रश्न- वृक्काणु (नेफ्रॉन) की रचना तथा क्रियाविधि का वर्णन कीजिए |
उत्तर– नेफ्रॉन वृक्क (शरीर का प्रमुख उत्सर्जी अंग) का संरचनात्मक एवं क्रियात्मक इकाई है। रक्त से अपशिष्ट पदार्थों को छानकर मूत्र का निर्माण करना नेफ्रॉन द्वारा ही होता है।
नेफ्रॉन के प्रमुख भाग हैं—
(i) बोमेन सम्पुट: वृक्काणु का अग्रभाग जो प्याले जैसा होता है।
(ii) केशिका गुच्छ : वृक्क धमनी तथा वृक्क शिरा के बार-बार विभाजित होने से बना रक्त केशिकाओं का गुच्छा।
(iii) वृक्क शिरा : वृक्क में अशुद्ध रक्त लाने वाली रक्त वाहिनी ।
(iv) वृक्क धमनी : बोमेन सम्पुट से शुद्ध रक्त ले जाने वाली रक्त वाहिनी ।
(v) वृक्काणु का नलिकाकार भाग : हेनेल्स लूप के आगे वृक्काणु का अन्तिम छोर कुंडलित होकर इस भाग की रचना करता है इसकी सतह पर रक्त केशिकाओं का जाल बिछा होता है।
(vi) संग्राहक नलिका : नेफ्रॉन का अन्तिम छोर एक नलिका से मिलता है जो मूत्राशय तक जाती है।
वृक्काणु की क्रियाविधि—
(i) बोमेन सम्पुट के केशिका गुच्छ में उच्च रक्त चाप के कारण उत्सर्जी पदार्थ छनकर रक्त से बाहर आ जाते हैं। ये पदार्थ जल के साथ संग्राहक नलिका में जाते हैं और मूत्राशय में पहुँच जाते हैं।
(ii) केशिका गुच्छ के उच्च रक्त चाप के कारण कुछ महत्त्वपूर्ण पदार्थ जैसे ग्लूकोज, अमीनो अम्ल आदि भी छन जाते हैं जिन्हें हेनेल्स लूप और नलिकाकार भाग में फिर से सोख लिया जाता है। इसे पुनरावशोषण कहते हैं।
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