Bihar Secondary School Sample Paper Solved | BSEB Class 10th Sample Sets with Answers | Bihar Board class 10th Sample Paper Solved | Bihar Board Class 10th science Sample set – 4

Bihar Secondary School Sample Paper Solved | BSEB Class 10th Sample Sets with Answers | Bihar Board class 10th Sample Paper Solved | Bihar Board Class 10th science Sample set – 4

 

1. किसी माध्यम के अपवर्तनांक का मान होता है
(A) sin i / sin r 
(B) sin r / sin i
(C) sin i × sin r
(D) sin i + sin r
2. किसी कुण्डली का प्रतिरोध ज्ञात करने का सूत्र है
(A) R = V × I
(B) R = V / I 
(C) R = I / V
(D) R = V – I
3. दाढ़ी बनाने में किस प्रकार के दर्पण का उपयोग किया जाता है ?
(A) अवतल
(B) उत्तल
(C) समतल
(D) इनमें से कोई नहीं
4. वह उपकरण जो विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में वदलता है, होता है 
(A) जेनरेटर
(B) विद्युत मोटर
(C) जेनरेटर और विद्युत मोटर दोनों
(D) इनमें से कोई नहीं
5. दर्पण का सूत्र है 
(A) 1 / v + 1 / u = 1 / f 
(B) 1 / v – 1 / u = 1 / f
(C) 1 / f + 1 / u = 1 / v
(D) 1 / f + 1 / v = 1 / u
6. निकट दृष्टि दोष को निम्नलिखित में किस लेंस के द्वारा हटाया जाता है ?
(A) उत्तल
(B) अवतल
(C) बाइफोकल
(D) बेलनाकार
7. विभवान्तर का S.I. मात्रक होता है
(A) कूलम्ब
(B) वोल्ट 
(C) एम्पीयर
(D) ओम
8. निम्नलिखित में किस माध्यम में प्रकाश की चाल सबसे अधिक होता है ?
(A) काँच
(B) पानी
(C) लोहा
(D) निर्वात
9. किस रंग का विचलन न्यूनतम होता है ?
(A) लाल
(B) पीला
(C) नीला
(D) बैंगनी
10. निम्नलिखित में कौन लेंस की क्षमता का मात्रक है ? 
(A) जूल
(B) वाट
(C) डाइऑप्टर 
(D) अर्ग
11. निम्न में से कौन अनवीकरणीय ऊर्जा का स्रोत नहीं है ?
(A) पेट्रोलियम 
(B) कोयला
(C) बायोगैस
(D) प्राकृतिक गैस
12. स्विच लगाये जाते हैं
(A) ठंडे तार में
(B) गर्म तार में 
(C) भू-योजित तार में
(D) इनमें से सभी
13. किसी वस्तु का प्रतिबिम्व आँख के जिस भाग पर वनता है वह है
(A) कॉर्निया
(B) रेटिना 
(C) पुतली
(D) आइरिस
14. अवतल दर्पण की फोकस दूरी होती है 
(A) ऋणात्मक 
(B) धनात्मक
(C) ऋणात्मक एवं धनात्मक दोनों
(D) शून्य
15. एक यूनिट विद्युत ऊर्जा का मान है 
(A) 3.6 × 103 J
(B) 3.6 × 105 J
(C) 3.6 × 104 J
(D) 3.6 × 106 J
16. विद्युत बल्व में कौन-सी गैस भरी रहती है ? 
(A) नाइट्रोजन
(B) वायु
(C) निष्क्रिय गैस 
(D) हाइड्रोजन गैस
17. आभूषण वनाने वाला सोना होता है 
(A) 24 कैरेट का
(B) 16 कैरेट का
(C) 22 कैरेट का 
(D) 15 कैरेट का
18. ताम्र एवं टीन के मिश्रधातु को कहते है 
(A) काँसा 
(B) पीतल
(C) सोल्डर
(D) डयुरालुमिन
19. प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासासनिक सूत्र है 
(A) CaSO4 · 5H2O
(B) CaSO4 · 1 / 2 H2O
(C) CaSO4 · 2H2O
(D) CaSO4 · H2O
20. सिलिकन है एक
(A) धातु
(B) अधातु
(C) उपधातु
(D) मिश्रधातु
21. मेथनॉइक अम्ल का सामान्य नाम है  
(A) फॉर्मिक अम्ल  
(B) एसीटीक अम्ल
(C) लैक्टीक अम्ल
(D) लैक्टीक अम्ल
22. एक घोल नीले लिटमस पत्र लाल कर देता है। घोल का pH क्या हो सकता है ? 
(A) 2 
(B) 9
(C) 7
(D) 10
23. बेकिंग पाउडर एक मिश्रण है 
(A) Na2CO3 एवं CaO का
(B) NaHCO3 एवं ऐसीटिक अम्ल का 
(C) Ca(OH)2 एवं Na2O का
(D) NaHCO3 एवं टार्टरिक अम्ल का
24. अधातु के ऑक्साइड होते हैं 
(A) उदासीन
(B) अम्लीय 
(C) क्षारीय
(D) इनमें से कोई नहीं
25. कार्बन है
(A) धातु
(B) अधातु 
(C) उपधातु
(D) मिश्रधातु
26. ऐरोमेटिक हाइड्रोकार्बन है
(A) CH4
(B) C2H4
(C) C6H6
(D) C3H8
27. निम्नलिखित में कौन अक्रिय गैस है ?
(A) कार्बन
(B) हीलियम 
(C) चाँदी
(D) हाइड्रोजन
28. विद्युत अपघटन में इलेक्ट्रॉन मुक्त होता है 
(A) एनोड पर  
(B) कैथोड पर
(C) दोनों पर
(D) इनमें कोई नहीं
29. सक्रियता श्रेणी में सबसे अधिक क्रियाशील धातु है
(A) Au
(B) Na
(C) Hg
(D) Cu
30. एल्काईन श्रेणी के सदस्यों का सामान्य सूत्र होता है
(A) CnH2n
(B) CnH2n+2
(C) CnH2n-2 
(D) CnHn
31. एक अणुसूत्र परन्तु विभिन्न संरचना सूत्र वाले यौगिक कहलाते हैं
(A) बहुलक
(B) अपरूप
(C) समावयवी
(D) कोई नहीं
32. COOH अभिक्रियाशील मूलक को क्या कहते हैं ? 
(A) एल्डिहाइड
(B) अम्ल 
(C) कीटोन
(D) ईथर
33. इनमें से कौन जैव मात्रा ऊर्जा का स्रोत नहीं है ?
(A) लकड़ी
(B) गोबर गैस
(C) कोयला
(D) नाभिकीय ऊर्जा
34. पित्त रस कहाँ से स्रावित होता है ?
(A) अग्न्याशय से
(B) यकृत से 
(C) छोटी आँत से
(D) इनमें से कोई नहीं
35. ग्लूकोज का आण्विक सूत्र क्या है ?
(A) C6H12O6
(B) CH3 COOH
(C) CH3CHO
(D) CHCl3
36. रक्त में आयरन की कमी से होने वाला रोग है 
(A) टी० बी०
(B) मधुमेह
(C) उच्च रक्त चाप
(D) एनीमिया
37. ऑक्जिन है
(A) वसा
(B) एंजाइम
(C) हारमोन
(D) कार्बोहाइड्रेट
38. हाइड्रा में क्या नहीं पाया जाता है 
(A) मस्तिष्क
(B) तंत्रिका
(C) मुख
(D) संस्पर्शक
39. टिहरी बाँध का निर्माण किस प्रदेश में किया जाता है  
(A) उत्तर प्रदेश
(B) उत्तराखंड
(C) राजस्थान
(D) मध्य प्रदेश
40. मानव शरीर का सामान्य रक्त चाप होता है ? 
(A) 120/80 
(B) 80/120
(C) 120/180
(D) 100/80
41. वृषण द्वारा स्रावित हार्मोन क्या कहलाता है ? 
(A) टेस्टोस्टेटॉन 
(B) प्रोजेस्टेरॉन
(C) एस्ट्रोजेन
(D) प्रालेवेटीन
42. मास्टर ग्रंथि कौन कहलाता है ? 
(A) पीयूष ग्रंथि 
(B) थाइटॉयड ग्रंथि
(C) वृषण
(D) एड्रीनल ग्रंथि
43. ओजोन परत के अवक्षय के लिए मुख्य रूप से कौन जिम्मेवार है ? 
(A) CO2
(B) SO2
(C) CFC 
(D) NO2
44. कौन लैगिंक संचारित रोग नहीं है
(A) AIDS
(B) गानेरिया
(C) सिफलिस
(D) टायफाइड
45. अमृता देवी विसोई पुरस्कार किस क्षेत्र में दिया जाता है ?
(A) खेल
(B) शिक्षा
(C) जैव संरक्षण
(D) सभी
46. जैव विक्रास सिद्धांत के प्रतिपादक कौन थे 
(A) लार्माक
(B) डार्विन 
(C) मेंडल
(D) अरस्तु
47. रेजिन किस पौधे का उत्सर्जी पादर्थ है
(A) बबूल 
(B) कनेर
(C) पीपल
(D) चीड़
48. एड्स किसके कारण होता है 
(A) जीवाणु
(B) विषाणु
(C) प्रोटोजोआ
(D) कवक
प्रश्न- उत्तल लेंस को अभिसारी लेंस क्यों कहा जाता है ?
उत्तर– ऐसा लेंस जिसका किनारे पर का भाग पतला तथा बीच का भाग मोटा होता है, उत्तल लेंस कहलाता है। अर्थात् जिस लेंस का दोनों अपवर्तक सतह उभरा हुआ होता है, उत्तल लेंस कहलाता है। इसे अभिसारी लेंस भी कहते हैं
प्रश्न- स्वच्छ आकाश का रंग नीला क्यों होता है ?
उत्तर– वायुमंडल में वायु के कण बहुत छोटे आकार के होते हैं। वे दृश्य प्रकाश की तरंगदैर्घ्य की अपेक्षा नीले रंग के कर्म तरंगदैर्घ्य के प्रकाश को प्रकीर्णित करते है जिस कारण साफ आकाश का रंग नीला प्रतीत होता है।
प्रश्न- विद्युत मोटर में विभक्त वलय की क्या भूमिका है ?
उत्तर– विभक्त वलय का उपयोग कुंडली में विद्युत की दिशा को परिवर्तित करने के लिए किया जाता है। इसलिए हर आधे घूर्णन के पश्चात् वह बल के दिशा को जो कुंडली को घूर्णन करता रहा है समान रहते है और उस तरह कुंडली हमेशा के लिए एक ही दिशा में लगातार घूर्णन कर सकती है।
प्रश्न- अवतल दर्पण का उपयोग सोलर कुकर में क्यों किया जाता है ? 
उत्तर– अवतल दर्पण का प्रयोग सोलर कूकर में किया जाता है क्योंकि सूर्य से आनेवाली प्रकाश की समांतर किरणों को और उन किरणों के साथ आनेवाली ऊष्मीय विकिरण का फोकस पर अभिसरित कर देती है। फलस्वरूप ताप बढ़ जाता है और खाना पकाने में सुविधा होती है।
प्रश्न- उत्तल लेंस में वस्तु का आभासी एवं आवर्धित प्रतिबिंब हेतु वस्तु की स्थिति कहाँ होनी चाहिए? सचित्र बताएँ। 
उत्तर– उत्तल लेंस में वस्तु का आभासी एवं आवर्धित प्रतिबिम्ब का सचित्र वर्णन इस प्रकार किया गया है —
वस्तु का स्थान = u = उत्तल लेंस के नजदीक
वस्तु का स्थान के प्रतिबिम्ब = v = 2F के पार |
प्रतिबिम्ब के प्रकृति = आभासी सीधा एवं वस्तु से काफी बड़ा ।
प्रश्न- यदि किसी विद्युत बल्ब के तंतु का प्रतिरोध 1200Ω है तो बल्ब 220 V स्रोत से कितनी विद्युत धारा लेगा ? 
उत्तर–   V=IR (ओम के नियम से)                                                                                                                …(i)
⇒                220= I ×1200                                                                                                   [समीकरण (i) से]
⇒        I= 220 / 1200 = 0.83 A
प्रश्न- फ्यूज के तार की तीन प्रमुख विशेषताएँ लिखें। 
उत्तर–  फ्यूज के तार की तीन प्रमुख विशेषताएँ —
(i) फ्यूज तार सीसा और टिन दोनों धातुओं के मिश्रण से बना होता है।
(ii) इसका गलनांक निम्न होता है।
(iii) फ्यूज तार को हमेशा घर के विद्युत परिपथ की मेन लाइन में श्रेणी क्रम अर्थात् सीरिज में लगाते हैं।
प्रश्न- फ्लेमिंग के वामहस्त नियम को लिखें।
उत्तर– अपने बाएँ हाथ की तर्जनी, मध्यमा एवं अँगूठे को परस्पर लम्बवत इस प्रकार फैलाएँ कि यदि तर्जनी चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा एवं मध्यमा धारा की दिशा को दर्शाता है तो अँगूठा धारावाही चालक पर लगे बल की दिशा को व्यक्त करता है।
प्रश्न- श्रेणीक्रम में संयोजित तीन विभिन्न मान के प्रतिरोधों के समतुल्य प्रतिरोध के लिए व्यंजक प्राप्त करें। 
उत्तर– प्रतिरोधकों का वैसा संयोजन जिसमें प्रत्येक क्षण सभी प्रतिरोधकों से होकर समान धारा प्रवाहित हो उसे प्रतिरोधकों का श्रेणीक्रम संयोजन कहते हैं । माना कि तीन प्रतिरोध R1, R2 तथा R3 को श्रेणीक्रम में जोड़ा गया है, जिसके सिरों से उत्पन्न विभवांतर V1, V2 तथा V3 है तथा धारा I है।
ओम के नियम से, V = IR एवं V / I = R
⇒                    V1 = IR1                                         …(i)
                       V2 = IR2                                        …(ii)
                       V3 = IR3                                       …(iii)
समीकरण (i), (ii) एवं (iii) से,
           V1 + V2 + V3 = IR1 + IR2 + IR3
⇒                         V = I (R1 + R2 +R3)
⇒                          V / I = ( R1 + R2 + R3)
∴                            R = R1 +R2 +R3
प्रश्न- विद्युत जेनरेटर से आप क्या समझते हैं? यह किस सिद्धांत पर कार्य करता है? इसकी बनावट एवं क्रिया विधि का वर्णन करें।
उत्तर– यदि एक कुण्डली को एक प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र में गतिमान किया जाए तो कुण्डली में एक वि०वा बल प्रेरित होता है और जब तक कुण्डली पर पड़ता चुम्बकीय क्षेत्र बदलता रहेगा उसमें वि० वा० बल बरकरार रहेगा। इसी बात का प्रायोगिक स्वरूप एक विद्युत जनित्र होता है जिसमें एक प्रबल चुम्बकीय क्षेत्र में एक कुण्डली को समरूप ढंग से घूर्णित करते हैं।
सिद्धांत : जनित्र इस सिद्धांत पर आधारित है कि किसी चालक में प्रेरित धारा तब उत्पन्न होती है जब इससे संबंधित चुंबकीय रेखाओं में परिवर्तन होता है। उत्पन्न विद्युत धारा की दिशा फ्लेमिंग के दायें हाथ के नियम के अनुसार होती है।
बनावट : साधारण डायनेमो में एक शक्तिशाली नाल चुम्बक होता है जिसे क्षेत्र चुम्बक कहते हैं। क्षेत्र चुम्बक के ध्रुवों के बीच क्षैतिज अक्ष पर घूर्णन करने वाली एक कुंडली होती है जिसे आर्मेचर कहते हैं। आर्मेचर में कुण्डली के अनेक फेरे होते हैं जो नर्म लोहे की पहियों पर लिपटे रहते हैं। इसे आर्मेचर का क्रोड कहते हैं। आर्मेचर के तार का छोर पीतल के वलयों से ढँके रहते हैं तथा इन वलयों से कार्बन की पत्तियाँ हल्का स्पर्श करती हैं। इन पत्तियों को ब्रश कहा जाता है। परिपथ को इन्हीं ब्रश में लगे पेंचों से जोड़ दिया जाता है।
क्रिया : कुण्डली की धुरी को यांत्रिक ढंग से या वाष्प या उच्च-वेग युक्त पानी की धारा से घुमाया जाता है। चूँकि आर्मेचर चुम्बकीय क्षेत्र के लंबवत् स्थित अक्ष के परितः घूमती है अतः उसपर पड़ता चुम्बकीय क्षेत्र सदैव बदलता रहता है। इस कारण उसमें एक वि० वा० बल प्रेरित होता है। आर्मेचर के एक बार पूरी तरह घूमने में उसपर पड़ते चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं की संख्या महत्तम-शून्य – महत्तम-शून्य – महत्तम होती है। ऐसी धारा आर्मेचर के प्रत्येक घूर्णन में अपनी दिशा बदलती है अर्थात् प्रथम अर्धघूर्णन काल (O – T / 2) में यदि इसकी दिशा धनात्मक है तो दूसरे अर्धघूर्णन काल (T / 2 – T) में वह ऋणात्मक होगी। ऐसी धारा को प्रत्यावर्ती धारा तथा वि.वा.बल को प्रत्यावर्ती वि०वा० बल कहते हैं। ।
प्रश्न- ऐल्युमिनियम अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है, फिर भी इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने के लिए किया जाता है।
उत्तर– ऐलुमिनियम अत्यंत अभिक्रियाशील धातु है परंतु खाद्य पदार्थों में उपस्थित रसायनों से यह अभिक्रिया नहीं करता है और न ही हानिकारक पदार्थ बनाता है। अतः इसका उपयोग खाना बनाने वाले बर्तन बनाने में किया जाता है क्योंकि यह ऊष्मा का सुचालक भी है।
प्रश्न- इलेक्ट्रॉन बिंदु संरचना बनाइए— (a) H2S (b) F2
उत्तर–  (a)  H2S   H (1) → S (16) → 2, 8, 6
(b) F2    F (17) → 2, 8, 7
प्रश्न- आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह क्यों दी जाती है ?
उत्तर– हमारे शरीर में आयोडीन की कमी से घेघा जाता है। आयोडीन युक्त नमक (नमक + आयोडीन का यौगिक, KIO3 या KI) का उपयोग कर घेघा की बीमारी से बचा जा सकता है। यही कारण है कि आयोडीन युक्त नमक के उपयोग की सलाह दी जाती है।
प्रश्न- मिश्रधातु किसे कहते हैं? दो मिश्रधातुओं के नाम एवं उपयोग लिखें ।
उत्तर–  दो से अधिक धात्विक तथ्यों के आंशिक या पूर्ण ठोस विलयन को मिश्रधातु कहते हैं।
मिश्रधातु के दो उपयोग—
(i) पीतल (Brass) — बर्तन बनाने में।
(ii) रोल्ड-गोल्ड (Rold Gold) — सस्ते आभूषण बनाने में ।
प्रश्न- समजातीय श्रेणी किसे कहते हैं? उदाहरण दें।
उत्तर– समजातीय श्रेणी वैसे यौगिकों की श्रेणी होती है जिसके सभी सदस्यों को किसी सामान्य सूत्र से व्यक्त किया जाता है तथा किसी भी दो क्रमागत सदस्यों के अणुसूत्रों में का अंतर होता है। इस श्रेणी के सभी —CH2— यौगिकों में एक ही क्रियाशील समूह रहने के कारण उनके रासायनिक गुणों में समानता पाई जाती है।
उदाहरण—ऐल्केन श्रेणी के सदस्यों को सामान्य सूत्र CnH2n+2 से व्यक्त किया जाता है। इस श्रेणी के सदस्य मेथेन (CH4), एथेन (C2H6), प्रोपेन (C3H8) आदि हैं। इनके अणुसूत्रों से स्पष्ट है कि प्रत्येक सदस्य अपने से पहले आए हुए सदस्य से —CH2— अधिक है। अतः, ऐल्केन श्रेणी एक समजातीय श्रेणी है।
प्रश्न- निम्नलिखित मिश्रधातु के घटक के साथ उपयोग का उल्लेख करें—
(a) पीतल       (b) काँसा
उत्तर– (a) पीतल (Brass) : ताँबा (Cu) = 80%, जस्ता (Zn) = 20% उपयोग : खाना पकाने के बरतन, मूर्त्ति, वाद्ययंत्र, मशीन के पार्ट्स, तार, वैज्ञानिक उपकरण, नट-वोल्ट, ताला, कारतूस, सिक्का बनाने में।
(b) काँसा (Bronze) : ताँबा (Cu) = 88%, टिन (Sn) = 12% उपयोग : बरतन, सिक्का, मूर्ति, जहाजों के नोदक, पदक (मेडल) बनाने में।
प्रश्न- विरंजक चूर्ण क्या है? इसका रासायनिक नाम, सूत्र एवं उपयोग लिखें।
उत्तर– विरंजक चूर्ण एक श्वेत चूर्ण है जिससे क्लोरीन की गंध बराबर निकलती रहती है। इसका रासायनिक नाम कैल्सियम ऑक्सीक्लोराइड या चूना का क्लोराइड है। इसका सूत्र Ca(OCI)CI या CaOCl2 है।
इसका उपयोग (i) विरंजन में, (ii) विसंक्रामक के रूप में और (iii) पीने के जल को शुद्ध करने में होता है।
प्रश्न- अयस्क क्या है? अयस्क के सान्द्रण की विधियों का उल्लेख करें।
उत्तर– वे खनिज जिनसे धातुएँ आसानी से तथा कम खर्च में प्राप्त की जा सकती हैं, अयस्क कहलाते हैं।
अयस्क के सान्द्रण करने की निम्नलिखित विधियाँ हैं —
(i) हाथ से चुनकर, फटक कर, चालनी से चाल कर, ओसाई कर इत्यादि।
(ii) गुरुत्व पृथक्करण विधि या द्रव चालित धुलाई : ऑक्साइड अयस्क का सान्द्रण।
(iii) फेन-प्लवन विधि : सल्फाइड अयस्क का सान्द्रण ।
(iv) विद्युत चुम्बकीय पृथक्करण विधि: अयस्क अथवा अशुद्धि की प्रकृति चुम्बकीय वाले अयस्क का सान्द्रण ।
(v) रासायनिक पृथक्करण विधि या निक्षालन : अयस्क अथवा अशुद्धियों के रासायनिक गुणों में अंतर वाले अयस्क का सान्द्रण।
फेन-प्लवन विधि : यह विधि इस तथ्य पर आधारित है कि सल्फाइड अयस्क के कण तेल से तुरंत गीले हो जाते हैं और अशुद्धियों के कण पानी से तुरंत गीले हो जाते हैं।
सल्फाइड अयस्क को महीन पीस कर पानी से भरे टैंक में डालते हैं तथा उसमें तारपीन का तेल या पाइन के तेल मिला देते हैं। सल्फाइड अयस्क के कण तेल से एवं अशुद्धियों के कण पानी से गीले हो जाते हैं। पानी में हवा के झोंके द्वारा झाग पैदा करते हैं। शुद्ध अयस्क झाग के साथ ऊपर आ जाता है और अशुद्धियाँ नीचे बैठ जाती हैं। झाग को हटाकर, सुखाकर शुद्ध अयस्क प्राप्त कर लेते हैं।
प्रश्न-  गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबा का उपयोग होता है परंतु इस्पात का नहीं। कारण बताएँ।
उत्तर– ताँबा एक धातु है जबकि इस्पात, लोहा एवं कार्बन की मिश्रधातु है । ताँबा इस्पात की अपेक्षा ऊष्मा का एक अच्छा चालक है। साथ ही, ताँबा जल के साथ बिलकुल अभिक्रिया नहीं करता है। किंतु इस्पात को लंबे समय के लिए आर्द्र वायु में खुला छोड़ देने पर या जल में रख देने पर उसकी सतह लाल- भूरे पपड़ीदार पदार्थ से ढँक जाती है। यह क्रिया इस्पात में जंग लगना कहलाती है। इस्पात में जंग लगने के दौरान उसका लोहा जल की उपस्थिति में वायु के ऑक्सीजन के साथ संयोग करके जलयोजित आइरन (III) ऑक्साइड (Fe203 · xH2O) बनाता है जिसे जंग कहते हैं। जंग में जल के अणुओं की संख्या x निश्चित नहीं होती है, बल्कि बदलती रहती है। जंग लगने के कारण इस्पात का टैंक धीरे-धीरे संक्षारित होने लगता है। इसी कारण गर्म जल का टैंक बनाने में ताँबे का उपयोग होता है, परंतु इस्पात का नहीं ।
प्रश्न- पाचक रस क्या है? भोजन के पाचन में पाचक रसों की क्या भूमिका है ?
उत्तर– पाचक रस—आहार नाल से संबद्ध कुछ पाचक ग्रंथियाँ होती हैं जो पाचन के लिए एक विशेष रस स्रावित करती हैं जिसे पाचक रस कहते हैं। ये पाचक रस भोजन का पाचन करती हैं।
पाचक रस में विभिन्न प्रकार के एंजाइम होते हैं। ये एंजाइम जैव-उत्प्रेरक होते हैं जो जटिल पदार्थों को सरल पदार्थों में खंडित करने में सहायता प्रदान करते हैं। ये पाचन क्रिया में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और वसा का पाचन करते हैं।
प्रश्न- मृतजीवी एवं परजीवी पोषण में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर– मृतजीवी पोषण—वैसे जीव जो मृत पादप एवं मृत जंतु अपशिष्टों एवं अन्य सड़ते-गलते कार्बनिक पदार्थों का अपघटन कर उससे घुलित कार्बनिक पदार्थ के रूप में अपना भोजन ग्रहण करते हैं, मृतजीवी कहलाते हैं तथा इस प्रकार के पोषण को मृतजीवी पोषण कहते हैं। उदाहरण — जीवाणु, कवक मृतजीवी पोषण में मृतजीवी शरीर के बाहर भोजन का पाचन करते हैं । तत्पश्चात् पचित भोजन का अवशोषण करते हैं।
परजीवी पोषण—वैसे जीव जो किसी दूसरे जीव के शरीर के भीतर या बाहर रहकर उससे अपना भोजन घुलित कार्बनिक पदार्थ के रूप प्राप्त करते हैं, परजीवी कहलाते हैं तथा इस प्रकार के पोषण को परजीवी पोषण कहते हैं। उदाहरण—बाह्य परजीवी = जूँ, खटमल; अन्तः परजीवी = जोंक
परजीवी पोषण में परजीवी पोषी के शरीर से पचित भोजन का अवशोषण करते हैं।
प्रश्न- लगातार दौड़ने से माँसपेशियों में दर्द एवं ऐंठन क्यों होने लगता है
उत्तर– लगातार दौड़ने से हमारे शरीर में ऊर्जा का क्षय अधिक होता है। इस दौरान शरीर में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में घट जाती है। ऑक्सीजन के अभाव में हमारी मांसपेशियों में पायरुवेट अम्ल का निम्नीकरण लैक्टिक अम्ल में होता है। यह लैक्टिक अम्ल हमारी मांसपेशियों में अधिक मात्रा में संचित हो जाती है। इस कारण पेशियों में दर्द एवं ऐंठन होने लगता है।
प्रश्न- ग्लूकोज के ऑक्सीकरण से विभिन्न जीवों में ऊर्जा प्राप्त करने का विभिन्न मार्ग क्या है ? 
उत्तर– ग्लूकोस के ऑक्सीकरण से विभिन्न जीवों में ऊर्जा प्राप्त करने के विभिन्न मार्ग निम्नांकित हैं —
प्रश्न- रक्त क्या है? इसके संघटन का वर्णन कार्यों के साथ करें।
उत्तर– रक्त एक तरल संयोजी ऊतक है, जो हमारे शरीर की विभिन्न रक्त वाहिनियों में प्रवाहित होता है। रक्त का रंग लाल, रक्त में उपस्थित श्वसन वर्णक हीमोग्लोबिन के कारण होता है ।
रक्त की संरचना—
(i) रक्तप्लाजमा: यह रक्त का तरल भाग होता है। यह शरीर के कुल रक्त के आयतन का 55% भाग होता है।
(ii) रक्त कणिकाएँ : ये रक्त का ठोस भाग होते हैं। यह कुल रक्त के आयतन का 45% भाग होता है ।
रक्त कणिकाएँ निम्न तीन प्रकार की होती हैं —
(i) लाल रक्त कोशिकाएँ : ये शरीर के भीतर फेफड़ों तथा ऊतकों के बीच श्वसित गैसों (O2 एवं CO2) का परिवहन का कार्य करती है।
(ii) श्वेत रक्त कणिकाएँ (WBCs) : ये रोग पैदा करने वाले कीटाणुओं का भक्षण कर शरीर को विभिन्न रोगों के संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करती है ।
(iii) रक्त विम्बाणु : ये रक्त को थक्के के रूप में जमने में सहायता प्रदान करती हैं ।
प्रश्न- निषेचन क्या है ? बाह्यनिषेचन और अन्तः निषेचन में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर– नरयुग्मक (शुक्राणु) तथा मादा युग्मक (अंडाणु) के संयुग्मक अथवा संगलन की प्रक्रिया को निषेचन कहते हैं।
निषेचन दो प्रकार का होता है— (i) बाह्य निषेचन (ii) अन्त: निषेचन
बाह्य निषेचण अन्तः निषेचण
जब नर युग्मक (शुक्राणु) का मादा युग्मक (अण्डाणु) के साथ संयुग्मन या संगलन मादा शरीर के बाहर अर्थात् जल में होता है, तब ऐसे निषेचण को बाह्य निषेचण कहते हैं। जैसे— मेंढ़क
जब नर युग्मक (शुक्राणु) का मादा युग्मक (अंडाणु) के साथ संयुग्मन या संगलन मादा शरीर के भीतर होता है। तब निषेचण की इस प्रक्रिया को अन्तः निषेचण कहते हैं। उदाहरण – मनुष्य, पक्षी आदि ।
प्रश्न- यदि अग्न्याशय इन्सुलिन स्रावित करना बंद कर दे, तब क्या होगा ?
उत्तर– यदि अग्न्याशय इन्सुलिन हार्मोन स्रावित करना बंद कर दे तब रक्त में मौजूद ग्लूकोज की आधिक्य मात्रा का ग्लाइकोजेन में परिवर्तन नहीं होगा, परिणामस्वरूप रक्त में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जायगी। यह ग्लूकोज की बढ़ी हुई यह मात्रा मूत्र के साथ बाहर आने लगेगी। यह एक रोग है जिसे मधुमेह (डायबीटिज) कहते हैं।
प्रश्न- गर्मी के दिनों में पसीना अधिक क्यों आता है ?
उत्तर– वातावरण में अधिक गर्मी के समय परिश्रम करने पर या कोई काम करते समय शरीर से पसीना आने लगता है। इसका मुख्य कारण यह है कि जब शरीर बहुत गर्म हो जाता है तब शरीर की त्वचा पर अवस्थित स्वेद ग्रंथियों को यह संदेश पहुँचता है जिसके कारण पसीना त्वचा छिद्रों से बाहर आने लगता है। जब यह जलीय पसीना हवा द्वारा वाष्पीकृत होता है, तब हमें ठंडक महसूस होती है। पसीना के बाहर निकलने से शरीर की ऊष्मा भी नियंत्रित रहती है, तथा बेचैनी दूर होती है।
प्रश्न- संपोषित प्रवर्धन से आप क्या समझते हैं। जल संरक्षण के क्या उपाय हैं ?
उत्तर– सतत प्रबंधन : यह प्रबंधन का एक नमूना है जो प्राकृतिक संसाधनों के उपयोग को ऐसे तरीके से करता है कि वे वर्तमान में साथ ही भविष्य में मानवों की जरूरतों को पूरा करते हैं।
जल संरक्षण के उपाय— जल संचयन प्राचीन काल से मानव छोटे-छोओ मिट्टी के बाँध बनाकर, तालाब, पोखर आदि बनाकर तथा मकान के छत पर वर्षा जल का संचय तंत्र लगाकर इत्यादि करते आ रहा है।
प्रश्न- प्रतिवर्ती चाप किसे कहते हैं? एक सामान्य प्रतिवर्ती चाप का आरेख बनाइए।
उत्तर– प्रतिवर्ती क्रियाओं में ग्राही अंगों से सूचनाएँ संवेदी तंत्रिकाओं द्वारा मेरुरज्जु तक जाती हैं। वहाँ से अभिक्रिया के लिए प्रेरक तंत्रिका द्वारा कार्यकारी अंग तक पहुँचती हैं। इस पथ को प्रतिवर्ती चाप कहते हैं।
प्रश्न- नेफ्रॉन की रचना एवं क्रिया विधि का वर्गन करें ।
उत्तर–  मानव केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (मस्तिष्क) का एक स्वच्छ नामांकित चित्र —
मानव मस्तिष्क के कार्य —
(i) मानव मस्तिष्क सभी संवेदी अंगों से आवेगों को ग्रहण करता है एवं ग्रहण किये गये आवेगों का विश्लेषण करता है।
(ii) यह ग्रहण किये गये आवेगों को प्रेरक तंत्रिकाओं के माध्यम से पेशियों और ग्रन्थियों में भेजता है जिसके फलस्वरूप अनुक्रिया होती है।
(iii) संवेदी अंगों से जो उद्दीपन प्राप्त होते हैं उनके और शारीरिक क्रियाओं के बीच समन्वयन स्थापित करता है।
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