Bihar Secondary School Sample Paper Solved | BSEB Class 10th Sample Sets with Answers | Bihar Board class 10th Sample Paper Solved | Bihar Board Class 10th social science Sample set – 2
1. मेटरनिख का पतन किस वर्ष हुआ ?
(A) मार्च 1848 ई० में
(B) अप्रैल 1848 ई० में
(C) मई 1848 ई० में
(D) जून 1848 ई० में
2. वियतनाम लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना कब हुई ?
(A) 1930 ई० में
(B) 1940 ई० में
(C) 1943 ई० में
(D) 1945 ई० में
3. साइमन आयोग भारत कब आया ?
(A) जनवरी 1928 ई० में
(B) फरवरी 1928 ई० में
(C) मार्च 1928 ई० में
(D) अप्रैल 1928 ई० में
4. भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस के प्रथम अध्यक्ष कौन थे ?
(A) व्योमेशचन्द्र बनर्जी
(B) सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
(C) दादाभाई नौरोजी
(D) चितरंजन दास
5. वाढ़ से सबसे अधिक हानि होती है
(A) फसल को
(B) पशुओं को
(C) भवनों को
(D) इनमें से सभी को
6. भूमिगत रेल का विकास सर्वप्रथम कहाँ हुआ ?
(A) कोलकाता में
(B) पेरिस में
(C) लंदन में
(D) रोम में
7. सुनामी का प्रमुख कारण क्या है ?
(A) समुद्र में भूकम्प का आना
(B) द्वीप पर भूकम्प का आना
(C) स्थलीय क्षेत्र पर भूकंप का आना
(D) इनमें से कोई नहीं
8. जर्मन राइन राज्य का निर्माण किसने किया था ?
(A) लूई 18वाँ
(B) नेपोलियन बोनापार्ट
(C) नेपोलियन III
(D) बिस्मार्क
9. आधुनिक भारतीय प्रेस का आरंभ 1766 ई० में किसके द्वारा किया गया ?
(A) विलियम वोल्ट्स
(B) जे.के. हिक्की
(C) जैम्स सिल्क बकिंघम
(D) जॉन एडम्स
10. वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट किस वायसराय के समय में पारित हुआ ?
(A) इरविन के
(B) कर्जन के
(C) लिटन के
(D) रिपन के
11. इनमें से कौन सबसे कीमती अनवीकरणीय संसाधन है ?
(A) जल
(B) पवन
(C) वन
(D) खनिज
12. पुरानी जलोढ़ मिट्टी को क्या कहा जाता है ?
(A) बाँगर
(B) खादर
(C) भाँवर
(D) रेगुड़
13. भारत के किस राज्य में सर्वाधिक वन विस्तार पाया जाता है ?
(A) केरल
(B) कर्नाटक
(C) मध्य प्रदेश
(D) उत्तर प्रदेश
14. सूखे की स्थिति किस प्रकार आती है ?
(A) अचानक
(B) पूर्व सूचना के अनुसार
(C) धीरे-धीरे
(D) इनमें कोई नहीं
15. पंचायती राज अधिनियम भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद में सम्मिलित है ?
(A) अनुच्छेद 241
(B) अनुच्छेद 242
(C) अनुच्छेद 243
(D) अनुच्छेद 244
16. किस राज्य में खनिज तेल का विशाल भंडार पाया जाता है
(A) असम
(B) राजस्थान
(C) बिहार
(D) तमिलनाडु
17. इनमें से कौन इस्पात केन्द्र समुद्र के निकट है ?
(A) विजयनगर
(B) बोकारो
(C) भिलाई
(D) विशाखापट्टनम
18. इनमें किस गैस के रिसाव से भोपाल गैस त्रासदी हुई थी ?
(A) कार्बन डाईऑक्साइड
(B) कार्बन मोनोऑक्साइड
(C) मिथाइल आइसोसाइनाइट
(D) सल्फर डाईऑक्साइड
19. स्वर्णिम चतुर्भुज मार्ग किस शहर को नहीं जोड़ता है ?
(A) दिल्ली
(B) गुवाहाटी
(C) चेन्नई
(D) कोलकाता
20. प्राणियों के शरीर में कितना प्रतिशत जल की मात्रा निहित होती है ?
(A) 55%
(B) 60%
(C) 65%
(D) 70%
21. झारखंड राज्य का गठन कब हुआ ?
(A) 1 नवंबर 2000
(B) 9 नवंबर 2000
(C) 15 नवंबर 2000
(D) 18 नवंबर 2000
22. निम्न व्यक्तियों में कौन रंगभेद के विरोधी नहीं थे ?
(A) किंग मार्टिन लुथर
(B) महात्मा गाँधी
(C) टॉमी स्मिथ एवं जॉन कार्लोस
(D) जेड गुड्डी
23. भारतीय संघीय व्यवस्था में शिक्षा किस सूची के अन्तर्गत आता है ?
(A) राज्य सूची
(B) केन्द्र सूची
(C) अवशेषाधिकार
(D) समवर्ती सूची
24. इंग्लैंड में विधि सम्मत शासन किसकी देन है ?
(A) बार्ड ब्राइस
(B) डायसी
(C) गार्नर
(D) हाब्स
25. टीपू सुल्तान शासक थे
(A) मैसूर
(B) शिमला
(C) कश्मीर
(D) इनमें से कोई नहीं
26. निम्नलिखित में से किसे लोकतंत्र का प्राण माना जाता है ?
(A) सरकार
(B) न्यायपालिका
(C) संविधान
(D) राजनीतिक दल
27. यूरेनियम का प्रमुख उत्पादक केन्द्र है
(A) डिगबोर्ड
(B) झरिया
(C) घाटशिला
(D) जादूगोड़ा
28. लोकसभा में निर्वाचन हेतु कुल सीटों की संख्या है ?
(A) 542
(B) 544
(C) 543
(D) 545
29. “कार्यपालिका में ऊर्जा होनी चाहिए तो विधायिका में दूरदर्शिता जबकि न्यायपालिका में सत्य के प्रति निष्ठा और संयम होनी चाहिए।” यह किसका कथन है ?
(A) मार्टिन लूथर किंग
(B) अब्राहम लिंकन
(C) अलेक्जेंडर हैमिल्टन
(D) जार्ज वाशिंगटन
30. इनमें से किस देश में मिश्रित अर्थव्यवस्था है
(A) अमेरिका
(B) चीन
(C) भारत
(D) इनमें से कोई नहीं
31. बिहार की आय में सर्वाधिक योगदान होता है
(A) औद्योगिक क्षेत्र का
(B) कृषि क्षेत्र का
(C) सेवा क्षेत्र का
(D) इनमें कोई नहीं
32. राष्ट्रीय आय में वृद्धि होने में प्रति व्यक्ति आय में होती है
(A) कमी
(B) वृद्धि
(C) (A) और (B) दोनों
(D) कोई नहीं
33. वियाना किस देश की राजधानी है ?
(A) फ्रांस
(B) इंग्लैंड
(C) आस्ट्रिया
(D) रूस
34. ‘यंग यूरोप’ का संस्थापक कौन था ?
(A) मेजिनी
(B) गैरीबाल्डी
(C) विक्टर इमानुएल
(D) मुसोलिनी
35. विगत वर्षों के अंतर्गत बिहार के किस क्षेत्र में सर्वाधिक विकास हुआ ?
(A) कृषि क्षेत्र
(B) औद्योगिक क्षेत्र
(C) सेना क्षेत्र
(D) इनमें से सभी
36. वैश्वीकरण का उद्देश्य है ?
(A) वस्तुओं को मुक्त प्रवाह
(B) पूँजी का मुक्त प्रवाह
(C) प्रौद्योगिकी का मुक्त प्रवाह
(D) इनमें से सभी
37. सोपानी कृषि किस राज्य में प्रचलित है ?
(A) हरियाणा
(B) पंजाब
(C) बिहार
(D) उत्तराखंड
38. उपभोक्ताओं के शोषण का मुख्य प्रकार है ?
(A) माप तौल में कमी
(B) मिलावट
(C) भ्रामक प्रचार
(D) इनमें से सभी
39. आतंकवाद किस प्रकार की आपदा है ?
(A) मानव जनित
(B) प्राकृतिक
(C) कृत्रिम
(D) इनमें से कोई नहीं
40. सूखे के लिए जिम्मेदार कारक है
(A) वर्षा में कमी
(B) भूकंप
(C) बाढ़
(D) ज्वालामुखी
41. इटली एवं जर्मनी वर्तमान में किस महादेश के अंतर्गत है ?
(A) उ. अमेरिका
(B) द० अमेरिका
(C) एशिया
(D) यूरोप
42. रूस में जार किसे कहा जाता था ?
(A) प्रधानमंत्री
(B) सम्राट को
(C) सेनापति
(D) साम्राज्ञी
43. पूर्ण स्वराज्य की माँग का प्रस्ताव काँग्रेस के किस अधिवेशन में पारित हुआ था ?
(A) लाहौर
(B) लखनऊ
(C) बंबई
(D) गया
44. भारतीय डाक विभाग की स्थापना किस वर्ष हुई थी ?
(A) 1954
(B) 1947
(C) 1753
(D) 1854
45. इनमें ऊर्जा का गैर-परंपरागत स्रोत कौन है ?
(A) जल
(B) कोयला
(C) पेट्रोलियम
(D) सूर्य किरणें
46. विहार में पंचायती राज संस्थाएँ हैं
(A) एक-स्तरीय
(B) दो-स्तरीय
(C) त्रि-स्तरीय
(D) चार-स्तरीय
47. किस देश में बहुदलीय व्यवस्था नहीं है ?
(A) भारत
(B) पाकिस्तान
(C) बंग्लादेश
(D) ब्रिटेन
48. बाढ़ के समय निम्नलिखित में से किस स्थान पर जाना चाहिए ?
(A) ऊँची भूमि वाले स्थान पर
(B) गाँव के बाहर
(C) जहाँ हैं उसी स्थान पर
(D) खेतों में
प्रश्न- भारतीयों ने रॉलेट एक्ट का विरोध क्यों किया ?
उत्तर– भारत की क्रांतिकारी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए 1919 में यह ऐक्ट पारित किया गया। इसके अनुसार, संदेह के आधार पर ही किसी को गिरफ्तार कर, बिना मुकदमा चलाए दंडित किया जा सकता था। भारतीयों में इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई। इसे ‘काला ऐक्ट’ कहा गया। इसका घोर विरोध किया गया। इसी के विरोध के फलस्वरूप जालियाँवाला बाग हत्याकांड हुआ।
प्रश्न- भूमंडलीकरण का भारत पर प्रभावों को स्पष्ट करें।
उत्तर– भारत पर भूमंडलीकरण का प्रभाव जीविकोपार्जन और आर्थिक क्षेत्र में व्यापक रूप से पड़ा है। इसका प्रभाव सेवा क्षेत्र, बैंकिंग एवं बीमा क्षेत्र, पर्यटन उद्योग, सूचना और संचार के क्षेत्र में सर्वाधिक पड़ा है। इसने बेरोजगारी को कम किया है तथा रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराएँ है। नागरिकों का जीवन स्तर भी बढ़ा है।
प्रश्न- भारतीय अर्थव्यवस्था में कुटीर उद्योगों का क्या महत्त्व था ?
उत्तर– औद्योगिकीकरण के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था में कुटीर उद्योगों का महत्त्व बना रहा। 1905 के बंग-भंग और स्वदेशी आंदोलन ने कुटीर उद्योगों को पुनर्जीवित कर दिया। गाँधीजी के विदेशी वस्त्रों के बहिष्कार की नीति से भी कुटीर उद्योगों को बढ़ावा मिला। दो विश्वयुद्धों के मध्य कुटीर उद्योग में उत्पादित वस्तुओं के उत्पादन और माँग में वृद्धि हुई। क्षेत्रीय स्तर पर आर्थिक जीवन में कुटीर उद्योग महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे। ये लाखों लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराते हैं, उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन करते हैं तथा राष्ट्रीय आय का समान वितरण भी सुनिश्चित करते हैं। कुटीर उद्योगों से शिल्पियों एवं कारीगरों के शहरों की ओर पलायन पर अंकुश लगता है। इनमें निर्मित वस्तुओं के निर्यात से भारत का व्यापार बढ़ता है।
प्रश्न- नई आर्थिक नीति मार्क्सवादी सिद्धांतों के साथ कैसी समझौता थी ?
उत्तर– साम्यवादी व्यवस्था में व्यक्तिगत संपत्ति की अवधारणा नहीं थी, परंतु लेनिन ने तत्कालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए किसानों को जमीन का स्वामित्व दिया। व्यक्तिगत स्वामित्व में उद्योग चलाने का भी अधिकार नई आर्थिक नीति में दिया गया। स्पष्टतः, यह नीति मार्क्सवादी सिद्धांतों के समझौता थी, परंतु इससे सोवियत संघ की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ।
प्रश्न- मुद्रण के विकास ने विश्व पर क्या प्रभाव डाला ?
उत्तर– मुद्रण-कला चीन से आरंभ हुई। छठी शताब्दी में वुड ब्लॉक द्वारा छपाई की जाने लगी। 1041 में पि-शेंग ने मिट्टी से अक्षरों की छाप बनाई जिन्हें एक साथ जोड़कर पंक्ति बनाई जा सकती थी। इससे ब्लॉक प्रिंटिंग का चलन आरंभ हुआ। 1295 में मार्कोपोलो चीन से वुड ब्लॉक छपाई की तकनीक इटली लाया। 1336 में कागज बनाने का पहला कारखाना जर्मनी में खुला। इससे मुद्रण-कला का विकास हुआ। 1448 में जर्मनी में ही गुटेन्बर्ग ने छापाखाना, मुद्रण स्याही और रोमन वर्णमाला के 26 अक्षरों के टाइप बनाए। 18वीं सदी के अंतिम चरण तक धातु के बने छापाखाना काम करने लगे। 19वीं शताब्दी में रिचर्ड हो ने बेलनाकार प्रेस का आविष्कार किया। इसी शताब्दी के अंत में ऑफसेट प्रेस की ईजाद की गई । 20वीं शताब्दी के आरंभ में बिजली संचालित प्रेस व्यवहार में आया। इन परिवर्तनों से मुद्रण में तेजी आई तथा उसकी गुणवत्ता भी बढ़ी।
प्रश्न- भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में प्रेस की भूमिका एवं महत्त्व पर प्रकाश डालें ।
उत्तर– जनमानस तैयार करने में प्रेस की भूमिका अत्यंत महत्त्वपूर्ण होती है। समाचार पत्र-पत्रिकाएँ विविध घटनाओं, समस्याओं तथा विचारों के सम्बंध में जनता को सूचना प्रदान करने का कार्य करते हैं। साधारणतया समाचार पत्रों में प्रकाशित इन सूचनाओं और विचारों के आधार पर ही जनसाधारण अपने विचारों को निर्माण करते हैं। शिक्षा के अधिकाधिक प्रचार-प्रसार से समाचार पत्र जनमत निर्माण एवं उसकी अभिव्यक्ति के सबसे महत्त्वपूर्ण साधन बन गए हैं।
भारत में प्रेस का विकास ब्रिटिश सरकार के निरंकुशतापूर्ण शासन में उनके विरोधों के बीच हुआ। ब्रिटिश शासक द्वारा समय-समय पर प्रेस पर नियंत्रण लगाने के पीछे सबसे बड़ा कारण स्वतंत्र लेखन से राष्ट्रवादी विचारधाराओं को बल मिलना था।
राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान प्रेस ने राष्ट्रवादी विचारधाराओं, स्वतंत्रता के महत्त्व तथा अंग्रेजों की दमनपूर्ण एवं शोषणकारी नीतियों का जमकर उल्लेख किया, जिसके फलस्वरूप औपनिवेशिक शासन के विरुद्ध एक मानस तैयार हुआ। यह महत्त्वपूर्ण है कि जब पत्रिकाओं का प्रकाशन प्रारंभ हुआ उस समय समाज में सुधारवादी संगठनों की स्थापना हो चुकी थी और शिक्षित समाज ने प्रेस को एक नई दिशा दी। प्रेस के विकास का माध्यम राष्ट्रवादी चेतना का विकास ही था।
अम्बिका प्रसाद वाजपेयी ने प्रेस के विषय में ठीक ही लिखा था कि “भारत के प्रेस व छापेखाने और समाचार-पत्र गैर-सरकारी अंग्रेजों के उद्योग से स्थापित हुए थे। शासकों के पक्ष में पशुबल था और सम्पादकों पर नैतिक बल और अंत में उनकी विजय हुई।
प्रश्न- जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की भूमिका का वर्णन करें।
उत्तर– जर्मनी के एकीकरण में बिस्मार्क की महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। वह प्रशा के नेतृत्व में जर्मनी का एकीकरण करना चाहता था। उसका मानना था कि यह कार्य ‘रक्त और लौह’ की नीति से ही संभव है। विलियम प्रथम के चांसलर के रूप में उसने सबसे पहले आर्थिक सुधार किए तथा प्रशा को सैनिक दृष्टि से सुदृढ़ किया। जर्मनी के एकीकरण के लिए उसने तीन युद्ध किए।
(i) डेनमार्क से युद्ध— शेल्शविग और हॉल्सटीन के प्रश्न पर 1864 में प्रशा- डेनमार्क युद्ध हुआ। ऑस्ट्रिया की सहायता से डेनमार्क को पराजित कर बिस्मार्क ने शेल्शविग पर अधिकार कर लिया। हॉल्सटीन ऑस्ट्रिया को मिला।
(ii) सेडोवा का युद्ध— 1866 में हॉल्सटीन के प्रश्न पर ऑस्ट्रिया-प्रशा युद्ध हुआ। इसमें ऑस्ट्रिया पराजित हुआ। हॉल्सटीन प्रशा को मिल गया। जर्मन महासंघ भंग कर 22 उत्तरी जर्मन राज्यों का उत्तरी जर्मन महासंघ बनाया गया।
(iii) सीडान का युद्ध— 1870 के इस युद्ध में फ्रांस को पराजित कर बिस्मार्क ने दक्षिणी राज्यों को उत्तरी जर्मन महासंघ में मिला लिया। इस प्रकार, जर्मनी का एकीकरण पूरा हुआ।
प्रश्न- दलीय पद्धति के कितने प्रकार हैं? उदाहरण दें।
उत्तर– दलीय पद्धति के तीन प्रकार हैं- एकदलीय, द्वि-दलीय एवं बहुदलीय एक दलीय पद्धति का उदाहरण चीन, द्वि-दलीय पद्धति का अमेरिका एवं बहुदलीय पद्धति का भारत, फ्रांस इत्यादि ।
प्रश्न- सत्ता के विकेन्द्रीकरण से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर– एक स्थान पर सत्ता के केन्द्रीकृत होने पर विकास का कार्य नहीं हो सकता और लोगों के जीवन को सुखमय नहीं बनाया जा सकता। इसी कारण सत्ता को कई स्तरों पर बाँट दिया जाता है। इसे ही सत्ता का विकेन्द्रीकरण कहा जाता है।
प्रश्न- शिक्षा का अभाव लोकतंत्र के लिए चुनौती है? स्पष्ट करें।
उत्तर– शिक्षा का अभाव भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी बाधा है। भारतीय समाज का एक बड़ा भाग आज भी निरक्षर है। शिक्षा के अभाव में व्यक्ति अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों को भली प्रकार समझ नहीं पाते। शिक्षा के द्वार ही वे अपने आर्थिक, सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक एवं विविध प्रकार के अधिकारों के प्रति सजग होंगे।
प्रश्न- संविधान की सर्वोच्चता से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर– संविधान की सर्वोच्चता का अर्थ है – शासन के हर मामले में संविधान का सर्वोपरी होना। अर्थात् कार्यपालिका या विधायिका ऐसा कोई कदम नहीं उठा सकती है, जो संविधान के प्रावधानों के विरुद्ध हो । भारत में सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना संविधान की व्याख्या करने के लिए की गई है।
प्रश्न- सांप्रदायिकता क्या है ?
उत्तर– राजनीति में धर्म को इस्तेमाल करना ही सांप्रदायिकता कहलाता है। अर्थात् धर्म ही समुदाय का निर्माण करती है तो सांप्रदायिक राजनीति जन्म लेने लगती है और इस अवधारणा पर आधारित सोच ही सांप्रदायिकता है।
प्रश्न- राजनीतिक दलों को प्रभावशाली बनाने के तीन उपायों को संक्षेप में लिखें।
उत्तर– राजानीतिक दलों को प्रभावशाली बनाने के तीन उपाय निम्नलिखित हैं – (i) राजनीतिक दल को अधिक लोकतांत्रिक बनाने के लिए महिलाओं को एक खास अनुपात में टिकट देना चाहिए। (ii) पार्टी के आंतरिक काम-काज को व्यवस्थित रखने के लिए कानून बनाना चाहिए (iii) लोग दबाव-समूह आंदोलन, मिडिया-पत्रों आदि के माध्यम से राजनीतिक दलों को सुधरने के लिए दबाव दे सकते हैं।
प्रश्न- महिला सशक्तिकरण से आप कया समझते हैं? 73वें और 74वें संविधान संशोधन से क्या भारत की महिलाएँ सशक्त हुई हैं ?
उत्तर– विश्व के अधिकांश देशों में महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं है। बहुत सारे अधिकार प्राप्त नहीं है। इसका परिणाम यह लोकतंत्र अधूरा ही रह जाता है। भारत में देशों में तो महिलाओं को वोट देने का होता है कि आधी आबादी के बिना महिलाओं की दशा सुधारने के केन्द्र और राज्य सरकारों द्वारा अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। फिर भी भारतीय संसद तथा राज्य विधानमण्डलों में महिलाओं का प्रतिनिधित्व बहुत कम है। भारत सरकार ने महिलाओं के आरक्षण के लिए (33%) विधेयक राज्यसभा में 2009 में लाया है। यह 108वाँ सांविधानिक संशोधन अधिनियम है जो 2010 मार्च को राज्यसभा ने 186 के बहुमत से पारित कर दिया है। केवल 1 सदस्य ने ही इसका विरोध किया।
प्रश्न- वर्तमान भारतीय राजनीति में लोकतंत्र के समक्ष कौन-कौन सी चुनौतियाँ है? विवेचना करें।
उत्तर– भारतीय लोकतंत्र में परिलक्षित चुनौतियों का वर्णन निम्नलिखित प्रकार से की जा सकती है —
(i) पृथकवादी प्रवृत्ति: भारत विभिन्न संस्कृतियों के संगम का देश है जहाँ विभिन्न जाति, धर्म, आस्था, विश्वास, प्रजाति और विचार के लोग पाये जाते हैं। भारतीय संविधान में हरेक वर्गों और समूहों को एक सूत्र में बाँधकर राष्ट्रीय एकता को मजबूत करने का प्रयास किया गया है, फिर भी सभी नागरिकों में राष्ट्रीयता की भावना का अभाव पाया जाता है।
(ii) भ्रष्टाचार : भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी चुनौती भ्रष्टाचार है। हमारे देश के नेताओं, विचौलियों तथा सरकारी मिशनरी में भ्रष्टाचार के कारण विभिन्न कल्याणकारी कार्यक्रमों के पैसे सही लक्ष्य तक नहीं पहुँच पाते।
(iii) धार्मिक साम्प्रदायिकता : साम्प्रदायिकता भी भारतीय लोकतंत्र की बहुत बड़ी बाधा है। इस देश में हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख समुदाय से संबंधित सभी साम्प्रदायिक शक्तियाँ राष्ट्रभक्ति के सामान्य ढाँचे और स्थिरता, विकास तथा एकता को कमजोर बनाने के लिए एक विध्वंशकारी कारण बन गई हैं। कुछ ही वर्ष पूर्व गुजरात में हुए साम्प्रदायिक दंगा इसका प्रत्यक्ष उदाहरण है।
प्रश्न- राष्ट्रीय आय की माप में क्या-क्या कठिनाइयाँ आती है ?
उत्तर– राष्ट्रीय आय की गणना करने में प्रायः कई प्रकार की कठिनाइयाँ उत्पन्न होती हैं। इनमें पहली कठिनाई पर्याप्त एवं विश्वसनीय आँकड़ों की कमी है। भारत जैसे अर्द्धविकसित एवं पिछड़े हुए देशों में यह कठिनाई और अधिक होती है। राष्ट्रीय आय की गणना करते समय कई बार एक ही आय को दुबारा गिन लिया जाता है। देश में उत्पादित बहुत सी वस्तुओं का मुद्रा के द्वारा विनिमय नहीं होता है। अतएव, राष्ट्रीय आय को मापने में इस कारण भी कठिनाई होती है कि इस प्रकार की वस्तुओं का मूल्यांकन कैसे किया जाए।
प्रश्न- बैंक जमा कितने प्रकार के होते हैं ?
उत्तर– लोगों की बचत को जमा के रूप में स्वीकार करना व्यावसायिक बैंकों का सबसे महत्त्वपूर्ण कार्य है। बैंक प्रायः चार प्रकार के खातों में रकम जमा करते हैं—स्थायी जमा, चालू जमा, संचयी जमा तथा आवर्ती जमा। स्थायी जमा एक निश्चित अवधि के लिए होती है तथा सामान्यतः इसके पूर्व इस खाते से रकम वापस नहीं ली जा सकती। ऐसी जमा पर ब्याज की दर अपेक्षाकृत ऊँची रहती है। चालू जमा खाते में धन जमा करने या निकालने पर किसी प्रकार का प्रतिबंध नहीं रहता और जमाकर्ता इसमें कभी भी रुपया जमा कर सकता है या निकाल सकता है। । इस जमा पर बैंक प्रायः कुछ भी ब्याज नहीं देता है। संचयी अथवा आवर्ती जमा में ग्राहक प्रतिमाह एक निश्चित रकम एक निश्चित अवधि के लिए जमा करते हैं। इन जमाओं पर ब्याज की दर स्थायी जमा से कम रहती है ।
प्रश्न- समावेशी विकास किसे कहते हैं ?
उत्तर– विकास की वह प्रक्रिया समावेशी विकास कहलाती है जो विकास के लाभ को समाज के अंतिम पायदान पर स्थित लोगों तक पहुँचाने, उनका जीवन-स्तर ऊँचा उठाने तथा उन्हें समाज की मुख्यधारा में शामिल करने का प्रयास करती है।
समावेशी विकास को ग्यारहवीं पंचवर्षीय योजना का मुख्य लक्ष्य बनाया गया, क्योंकि कई दशक के सार्थक प्रयास के बावजूद भी भारत के कई कमजोर वर्ग एवं भौगोलिक क्षेत्र विकास के लाभ से वंचित रह गए थे।
प्रश्न- अर्थव्यवस्था की संरचना से आप क्या समझते हैं? इसे कितने भागों में बाँटा गया है ?
उत्तर– किसी भी अर्थव्यवस्था का मुख्य कार्य वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन करना है। इनके उत्पादन से ही हमारी आवश्यकताओं की संतुष्टि होती है। कृषि एवं उद्योग प्रत्यक्ष उत्पादक क्रियाओं के क्षेत्र हैं तथा इनमें सभी प्रकार की भौतिक वस्तुओं का उत्पादन होता है। परंतु, उत्पादन प्रक्रिया में कई प्रकार की सेवाओं की भी आवश्यकता होती है। अर्थव्यवस्था की संरचना से हमारा अभिप्राय उस पूँजीगत ढाँचा से है जो अर्थव्यवस्था में सेवाएँ प्रदान करता है। इसे सेवाएँ प्रदान करनेवाली पूँजीगत संरचना अथवा आधारिक संरचना भी कहते हैं। इस सहायक ढाँचा या संरचना के अभाव में एक अर्थव्यवस्था का संचालन संभव नहीं है।
अर्थव्यवस्था में सेवाओं को आधार प्रदान करनेवाली संरचना दो प्रकार की होती है— सामाजिक एवं आर्थिक सामाजिक संरचना आर्थिक क्रियाओं को अप्रत्यक्ष रूप में बाहर से सहायता प्रदान करती है। शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास एवं अन्य नागरिक सुविधाएँ उत्पादक क्रियाओं को अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती हैं। अर्थव्यवस्था में सेवाएँ प्रदान करनेवाली दूसरी संरचना आर्थिक संरचना है। यातायात एवं संचार साधन, शक्ति, सिंचाई आदि आर्थिक संरचना के अंग हैं। यह संरचना आर्थिक प्रक्रिया के भीतर रहकर उनमें प्रत्यक्ष रूप से भाग लेती है।
प्रश्न- रोजगार सृजन में सेवाओं की भूमिका का वर्णन करें ?
उत्तर– आज सेवा क्षेत्र सभी देशों की अर्थव्यवस्था का सबसे महत्त्वपूर्ण क्षेत्र हो गया है तथा इसमें रोजगार की संभावनाएँ निरंतर बढ़ रही हैं। भारत जैसे एक अर्द्धविकसित देश के लिए सेवा क्षेत्र और अधिक महत्त्वपूर्ण है। हमारे सकल राष्ट्रीय उत्पाद में कृषि का मात्र 17.4 (2015-16) प्रतिशत योगदान हुआ है जबकि देश की लगभग 55 प्रतिशत से भी अधिक जनसंख्या अपने जीवनयापन के लिए इसी पर निर्भर है। कृषि पर से इस अत्यधिक जनभार को कम करने के लिए सेवा क्षेत्र का विस्तार आवश्यक है। इस क्षेत्र के अंतर्गत ऐसे अनेक व्यवसाय हैं जिनमें अपेक्षाकृत बहुत कम पूँजी निवेश के द्वारा बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन संभव है।
सेवा क्षेत्र की पारंपरिक सेवाओं में परिवहन, वित्त, संचार, विपणन, व्यापार आदि महत्त्वपूर्ण हैं जिनमें शिक्षा एवं स्वास्थ्य सेवाओं को भी सम्मिलित किया जाता है। वर्तमान में रोजगार सृजन की दृष्टि से संचार सेवाएँ अत्यधिक महत्त्वपूर्ण हैं। विगत वर्षों के अंतर्गत संचार उपग्रहों के प्रयोग से सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं। इसके फलस्वरूप इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बहुत बढ़ गए हैं।
प्रश्न- संसाधन निर्माण में तकनीक की क्या भूमिका है ?
उत्तर– संसाधनों के निर्माण में तकनीक की महती भूमिका है। बिना तकनीकी सहायता के संसाधन मानव उपयोगी नहीं बन पाता है। विकासशील और विकसित देशों में एक ही प्रकार के संसाधन उपलब्ध हैं, लेकिन विकसित देशों में तकनीक विकसित होने के कारण संसाधनों का बेहतर उपयोग किया जा रहा है। एक ही संसाधन का उपयोग विभिन्न तकनीक के द्वारा भिन्न-भिन्न कार्यों के लिए किया जा सकता है। कोयला एक संसाधन है जिससे विभिन्न तकनीकों द्वारा कोलतार, प्लैस्टिक, रंग, कृत्रिम रेशा आदि बनाया जा रहा है।
प्रश्न- पेट्रोलियम का महत्व कोयले से अधिक क्यों है ?
उत्तर– पेट्रोलियम का महत्त्व कोयला से अधिक है, क्योंकि —
(i) पेट्रोलियम का भंडार कोयला के भंडार से अधिक है।
(ii) पेट्रोलियम का खनन, परिवहन एवं वितरण कोयला से सस्ता है।
(iii) पेट्रोलियम में कोयले की अपेक्षा अधिक शक्ति देने की क्षमता है।
प्रश्न- लौह एवं अलौह खनिजों में अन्तर स्पष्ट करें।
उत्तर– लौह एवं अलौह खनिजों में अन्तर —
लौह खनिज |
अलौह खनिज |
जिन खनिजों में लोहे का अंश पाया जाता है तथा उसका उपयोग लोहा एवं अन्य इस्पात बनाने में किया जाता है, वे लौह खनिज कहलाते हैं; जैसे लौह अयस्क, निकिल, टंगस्टन, मैंगनीज आदि ।
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जिन खनिजों में लोहे का अंश न्यून या बिल्कुल नहीं होता है, वे अलौह खनिजं कहलाते हैं, जैसे— सोना, सीसा, अभ्रक इत्यादि ।
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ये स्लेटी, धुसर, मटमैला आदि रंग के होते हैं।
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ये अनेक रंग के हो सकते हैं। |
प्रश्न- बिहार के किस भाग में सिंचाई की आवश्यकता है और क्यों ?
उत्तर– बिहार के किशनगंज, शिवहर, दरभंगा, अररिया, मधुबनी जिले सिंचित क्षेत्रों की दृष्टि से काफी पीछे है। इन जिलों की सिंचाई की आवश्यकता सर्वाधिक है। किशनगंज के 21.8% फंसल क्षेत्र ही सिंचित है। इसके कारण इस क्षेत्र में कृषि में काफी पिछड़ा हुआ है। बिहार राज्य कृषि प्रधान राज्य है। ये राज्य बाढ़ प्रभावित क्षेत्र हैं। यहाँ स्थायी सिंचाई की आवश्यकता काफी अधिक है।
प्रश्न- रेल परिवहन से जुड़ी चार मुख्य समस्याओं का विवरण दें।
उत्तर– रेल परिवहन से जुड़ी चार मुख्य समस्याएँ —
(i) धरना प्रदर्शन एवं बंद के दौरान रेल संपत्ति को नुकसान पहुँचाना
(ii) जंजीर खींचकर या किसी अन्य तरह से रेलगाड़ियों को मनमाने ढंग से रोकना
(iii) बिना टिकट रेलयात्रा से रेल राजस्व की हानि
(iv) रेल संपत्ति के साथ ही यात्रियों के सामानों की चोरी।
प्रश्न- भारत के विभिन्न डाक चैनलों का वर्णन प्रस्तुत करें।
उत्तर– भारत में डाक सेवा संचार का दूसरा साधन है। देश के प्रत्येक नगर एवं कस्बों को दैनिक डाक सेवा सुलभ है। 1998 तक देश के 89 प्रतिशत गावों को दैनिक डाक सेवाएँ सुलभ थीं। भारत में डाकघरों का जाल विश्व में सबसे विशाल है। देश में लगभग 1.65 लाख डाकघर हैं। डाक विभाग अपनी सेवा में सुधार कस्ते हुए तथा डाक वितरण में तेजी लाने के लिए छ: डाक चैनल की सुविधाएँ दे रहा है। इन्हें राजधानी चैनल, मैट्रो चैनल, ग्रीन चैनल, पत्रिका या दस्तावेज चैनल, भारी चैनल एवं व्यापार चैनल कहा जाता है।
(i) राजधानी चैनल: नई दिल्ली से 6 विशेष राज्यों की राजधानियों के लिए यह डाक सेवा है। इसके लिए पीले रंग की पत्र-पेटियाँ प्रयोग में लाई जाती हैं। डाकघर स्थित पीले रंग की पत्र-पेटी में पत्र डालने पर वह सीधे नई दिल्ली पहुँच जाएगा फिर उसका वितरण होगा।
(ii) मैट्रो चैनल : यह डाक सेवा बेंगलुरू, कोलकाता, चेन्नई, मुम्बई, दिल्ली एवं हैदराबाद के लिए है। इन स्थानों के लिए अंकित पिन कोड वाले डाक पत्रों को नीले रंग वाली पत्र पेटियों में डालना चाहिए।
(iii) ग्रीन चैनल : स्थानीय पिन कोड अंकित डाक पत्रों को हरे रंगवाली पत्र-पेटी में डाला जाता है।
(iv) दस्तावेज चैनल: समचार पत्रों एवं विभिन्नं पत्रिकाओं को भेजने के लिए यह डाक चैनल है ।
(v) भारी चैनल डाक-पत्रों के लिए उपलब्ध है। यह डाक चैनल बड़े व्यावसायिक संगठनों के
(vi) व्यापार चैनल यह डाक चैनल छोटे व्यापारिक संगठनों के डाक-पत्रों के लिए उपलब्ध है।
प्रश्न- भारत में लौह-अयस्क के वितरण एवं उत्पादन का विवरण दें।
उत्तर– भारत में लौह-अयस्क का कुल संचित भंडार लगभग 28,526 मिलियन टन है। यह विश्व के कुल भंडार का लगभग 25% है। भारत के कुल लौह-अयस्क भंडार का 84% हेमाटाइट है। इसके उत्पादन में विभिन्न राज्यों की भागीदारी इस प्रकार है — ओडिशा 40%, गोवा 20%, छत्तीसगढ़ 18%, झारखंड 11%, कर्नाटक 8% तथा अन्य 3%।
देश में इस खनिज के भंडार या वितरण निम्नलिखित पेटियों में पाया जाता हैं —
(i) ओडिशा-झारखंड पेटी— इस पेटी के अंतर्गत झारखंड एवं ओडिशा राज्यों के क्षेत्र शामिल हैं, जहाँ नोआमुंडी, गुआ, जामदा, बगियाबुरू, मेघाहाता, गुरुमहिसानी एवं बादामपहाड़ इत्यादि मुख्य उत्पादक केंद्र हैं।
(ii) छत्तीसगढ़— महाराष्ट्र पेंटी-इन राज्यों के अंतर्गत ही डल्ली-राजहरा और बैलाडिला जैसे दो उत्पादक केंद्र स्थित हैं।
(iii) महाराष्ट्र-गोवा पेटी— इस पेटी के अंतर्गत संग्यूम, सतारी, पौंडा, वियोलिम, चंद्रपुर, रत्नागिरी जैसे उत्पादक केंद्र शामिल हैं।
(iv) दक्षिण भारतीय पेटी— कर्नाटक, आंध्र प्रदेश एवं तमिलनाडु राज्यों के अंतर्गत फैली इस पेटी में कुद्रेमुख, बाबाबूदन पहाड़ी, सलेम, बेल्लारी, कर्नूल जैसे उत्पादक केंद्र आते हैं।
उत्पादन— 1951 में देश में लौह-अयस्क का कुल उत्पादन 30 लाख टन से बढ़कर 2001 में 807 लाख टन और 2012 में 1,672 लाख टन हो गया।
व्यापार— भारत के कोलकाता, पारादीप, विशाखापट्नम, मार्मगाओ एवं न्यू मंगलौर पत्तन से इस खनिज का निर्यात कई यूरोपीय देशों, जापान, कोरिया तथा ईरान को किया जाता है।
प्रश्न- भूस्खलन क्या है? इसमें परिणाम को लिखें।
उत्तर– गुरुत्व की शक्ति से मृदा या अपक्षयी शैल पदार्थों के ढालों पर नीचे खिसकने को भूस्खलन कहते हैं। इसमें दो परिणाम निम्न हैं-
(i) विकास का कार्य प्रभावित होता है।
(ii) स्थानीय बस्तियों को क्षति पहुँचती है तथा जान-माल की हानि होती है।
प्रश्न- आपदा कितने प्रकार की होती है ?
उत्तर– उत्पत्ति के कारकों के आधार पर आपदा को सामान्यतया दो वर्गों में विभक्त किया जाता है— (i) प्राकृतिक आपदा तथा (ii) मानवजनित आपदा । प्राकृतिक आपदा पृथ्वी के अन्दर से उत्पन्न होनेवाले तथा वायुमंडल से उत्पन्न होनेवाले प्रक्रमों द्वारा उत्पन्न होते हैं और मानव समाज को आर्थिक एवं शारीरिक दोनों दृष्टियों से भारी क्षति पहुँचाते हैं। यथा— भूकम्प, बाढ़, तूफान आदि । मानवीय क्रियाओं के द्वारा जाने-अनजाने किये गये कार्यों के फलस्वरूप जो आपदाएँ उत्पन्न होती हैं, उसे मानव जनित या मानवीय आपदा कहते हैं।
प्रश्न- प्राकृतिक आपदा में उपयोग होनेवाली किसी एक वैकल्पिक संचार माध्यम की चर्चा करें ?
उत्तर– आपदाकाल में सामान्य संचार व्यवस्था के ध्वस्त होने पर निम्नलिखित वैकल्पिक संचार माध्यमों के द्वारा ही संचार व्यवस्था बहाल रखी जा सकती है।
(i) रेडियो— इसमें विद्युत-चुंबकीय तरंगों का प्रयोग होता है। इसकी आवृत्ति उच्च होने के कारण यह दूर-दूर तक के स्थानों के बीच संबंध स्थापित करता है।
(ii) हैम रेडियो— इसमें विशिष्ट उच्च आवृत्ति वाले तरंगों का उपयोग होता है। इसे बैटरी या जेनरेटर से चलाया जाता है। यह सैटेलाइट के सहारे ही संचार व्यवस्था करता है।
प्रश्न- भूकम्प और सुनामी के बीच अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर– भूकम्प एवं सुनामी दोनों प्राकृतिक आपदाएँ है जब पृथ्वी की आंतरिक गतिविधियों के कारण धरातल पर अचानक कंपन उत्पन्न होता है तब इसे भूकम्प कहा जाता है। जब इस प्रकार कंपन सागर या महासागर के तल पर होता है तब इसे सुनामी कहते हैं।
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