Bihar Secondary School Sample Paper Solved | BSEB Class 10th Sample Sets with Answers | Bihar Board class 10th Sample Paper Solved | Bihar Board Class 10th social science Sample set – 3

Bihar Secondary School Sample Paper Solved | BSEB Class 10th Sample Sets with Answers | Bihar Board class 10th Sample Paper Solved | Bihar Board Class 10th social science Sample set – 3

1. फ्रैंकफर्ट की संधि कब हुई ? 
(A) 1871 ई. में 
(B) 1870 ई. में
(C) 1866 ई. में
(D) 1864 ई. में
 2. कौन बीमारू राज्य नहीं है ?
(A) बिहार
(B) मध्यप्रदेश
(C) कर्नाटक
(D) ओडीशा
3. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना कब हुई ?
(A) 1923 ई० में
(B) 1925 ई० में 
(C) 1934 ई० में
(D) 1939 ई० में
4. निम्नलिखित में खरीफ फसल कौन है ?
(A) गेहूँ
(B) सरसों
(C) चावलं
(D) मटर
5. भारत में न्यूनतम मजदूरी कानून कब बना ?
(A) 1881 ई० में
(B) 1926 ई० में
(C) 1947 ई० में
(D) 1948 ई० में
6. पाटलीपुत्र किसके समय में मगध की राजधानी बनी ?
(A) अजातशत्रु
(B) उदयिन
(C) चन्द्रगुप्त मौर्य
(D) अशोक
7. औद्योगिक क्रांति की शुरुआत कहाँ से हुई ?
(A) इटली से
(B) इंग्लैण्ड से
(C) जर्मनी से
(D) फ्रांस से
8. रक्त एवं लौह नीति का अवलम्बन किसने किया ?
(A) मेजिनी
(B) हिटलर
(C) बिस्मार्क
(D) विलियम
9. महात्मा गाँधी ने किस पत्र का सम्पादन किया ?
(A) न्यूस्पार्क
(B) यंग इण्डिया 
(C) इंडिपेन्डेन्ट
(D) दी फ्री प्रेस जनरल
10. भारत में पहला छापाखाना कहाँ लगाया गया ?
(A) मद्रास में
(B) कलकता में
(C) गोवा में
(D) बम्बई में
11. पर्यावरण संरक्षण हेतु पहला सम्मेलन कहाँ हुआ ?
(A) न्यूयार्क
(B) जेनेवा
(C) स्टॉकहोम
(D) बुडापेस्ट
12. काली मिट्टी किसकी खेती के लिए उपयुक्त है ?
(A) गेहूँ
(B) लीची
(C) कपास 
(D) बाजरा
13. वन संरक्षण एवं प्रबंधन की दृष्टि से वनों को कितने वर्गों में बाँटा गया है ?
(A) 3
(B) 4
(C) 5
(D) 6
14. वन विस्तार की दृष्टि से भारत का विश्व में स्थान है ?
(A) 9वाँ
(B) 12वाँ
(C) 15वाँ
(D) 8वाँ
15. सीमेंट उद्योग का सबसे प्रमुख कच्चा माल क्या है ? 
(A) चूना पत्थर  
(B) बॉक्साइट
(C) ग्रेनाइट
(D) लोहा
16. उपभोक्ता अधिकार दिवस कब मनाया जाता है ?
(A) 17 मार्च
(B) 15 मार्च
(C) 19 अप्रैल
(D) 22 अप्रैल
17. इनमें से कौन उपभोक्ता उद्योग है ?
(A) पेट्रो रसायन
(B) लौह इस्पात
(C) चीनी उद्योग
(D) वस्त्र उद्योग
18. किस राज्य में साफ्टवेयर प्रौद्योगिकी पार्क नहीं है ?
(A) कर्नाटक
(B) छत्तीसगढ़ 
(C) राजस्थान
(D) असम
19. हिंद चीन में ‘कोलोन’ किन्हें कहा जाता था ?
(A) विद्यार्थियों को
(B) सैनिकों को
(C) फ्रांसीसियों को
(D) चीनियों को
20. मानचित्र पर समोच्च रेखाओं को किस रंग से प्रदर्शित किया जाता है ?
(A) काला
(B) बैंगनी
(C) बादामी
(D) पीला
21. साइमन कमिशन के अध्यक्ष थे
(A) लाला लालचंद
(B) दयानंद सरस्वती
(C) सर जॉन साइमन
(D) मदनमोहन मालवीय
22. भारत का ‘सिलिकन नगर’ किसे कहा जाता है ?
(A) पटना
(B) मदुरै
(C) भागलपुर
(D) बेंगलूरु
23. 2006 के विहार पंचायती राज अधिनियम के अनुसार, ग्राम पंचायत की स्थापना के लिए आवादी की शर्त क्या थी ?
(A) पाँच हजार
(B) सात हजार
(C) एक हजार
(D) दस हजार
24. ‘दमघोंटू गैस’ किसे कहा जाता है ? 
(A) कार्बन मोनोक्साइड
(B) कार्बन
(C) सल्फर
(D) सल्फ्यूरिक अम्ल
25. साख का अर्थ है 
(A) विश्वास करना
(B) ऋण लौटाने की क्षमता
(C) ‘A’ एवं ‘B’ दोनों 
(D) इनमें से कोई नहीं
26. नेल्लौर में ‘ताड़ी विरोधी आन्दोलन में कितने गाँवों की महिलाओं ने भाग लिया ?
(A) करीब 4 हजार गाँव
(B) करीब 5 हजार गाँव
(C) करीब 6 हजार गाँव
(D) करीब 7 हजार गाँव
27. साख- पत्र कितने प्रकार के होते हैं ?
(A) चार
(B) पाँच
(C) आठ
(D) दस
28. दल-बदल विरोधी कानून कब पारित हुआ ?
(A) 1980 ई० में
(B) 1985 ई० में
(C) 1950 ई० में
(D) 1989 ई० में
29. सम्पूर्ण क्रांति का उद्देश्य क्या था ?
(A) लोकतंत्र की स्थापना
(B) निर्वाचित सरकार को बदलना
(C) सैनिकतंत्र की स्थापना
(D) इनमें कोई नहीं
30. बिहार के आर्थिक पिछड़ेपन का प्रमुख कारण है ? 
(A) जनसंख्या में तीव्र वृद्धि
(B) कृषि पर अत्यधिक जनाभार
(C) बाढ़ एवं सुखा का प्रकोप
(D) इनमें से सभी
31. बिहार में जीवन यापन का मुख्य साधन है ?
(A) कृषि 
(B) व्यापार
(C) उद्योग
(D) इनमें से सभी
32. मानव विकास सूचकांक के कितने सूचक हैं ?
(A) दो
(B) तीन 
(C) चार
(D) पाँव
33. भारत का सबसे बड़ा वाणिज्यिक बैंक कौन-सा है ? 
(A) पंजाब नेशनल बैंक
(B) भारतीय रिजर्व बैंक
(C) भारतीय स्टेट बैंक
(D) आई.डी.बी० आई
34. भारत में सहकारिता आन्दोलन का प्रारंभ कब हुआ ?
(A) 1904 ई० में
(B) 1905 ई० में
(C) 1907 ई० में
(D) 1920 ई० में
35. एक अर्थव्यवस्था व्यवस्था के किस क्षेत्र को सेवा क्षेत्र कहा जाता है ?
(A) प्राथमिक
(B) द्वितीयक
(C) तृतीयक
(D) चतुर्थक
36. इनमें से कौन भारतीय कंपनी बहुराष्ट्रीय कंपनी है ?
(A) नोकिया
(B) डाबर
(C) सैमसंग
(D) इनमें से कोई नहीं
37. उपभोक्ता जागरुकता आन्दोलन का प्रारंभ हुआ ?
(A) अमेरिका से
(B) फ्रांस से
(C) इंग्लैण्ड से
(D) जर्मनी से
38. ‘उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत उपभोक्ताओं की अपील सुनने का अधिकार है ?
(A) राज्य आयोग को
(B) राष्ट्रीय आयोग को
(C) ‘A’ एवं ‘B’ दोनों 
(D) इनमें से कोई नहीं
39. बिहार किस भूकंप जोन में आता है ?
(A) 2
(B) 4
(C) 3
(D) 5
40. सुदूर संवेदी उपग्रह का प्रयोग किसलिए होता है ?
(A) संचार के लिए
(B) मौसम विज्ञान के लिए,
(C) संसाधनों की खोज लिए
(D) इनमें से सभी
41. सन् 1870 में फ्रांस और प्रशा के बीच युद्ध कहाँ हुआ था ?
(A) सेडॉन
(B) सेडोपा
(C) साइडाइन
(D) फ्रैंकफर्ट
42. नर्मदा घाटी परियोजना किससे संबंधित है ?
(A) जंगल से
(B) जमीन से
(C) जल से
(D) इनमें सभी
43. गिरमिटिया मजदूर विहार के किस क्षेत्र से वाहर ले जाए जाते थे ?
(A) पश्चिमी क्षेत्र 
(B) पूर्वी क्षेत्र
(C) उत्तरी क्षेत्र
(D) दक्षिणी क्षेत्र
44. पक्की सड़कों की लम्बाई की दृष्टि से प्रथम स्थान पर कौन राज्य है ?
(A) बिहार
(B) महाराष्ट्र 
(C) तमिलनाडु
(D) केरल
45. बिहार के किस जिले में नहर सिंचाई का मुख्य साधन है ?
(A) गया
(B) सीवांन
(C) रोहतास
(D) पश्चिम चम्पारण
46. तमिलनाडु में कौन-सी पहाड़ियों पर चाय एवं कॉफी की खेती की जाती है ?
(A) नीलगिरि
(B) बाबूबूदन
(C) पहाड़
(D) पठार
47. क्षेत्रवाद की भावना का एक कुपरिणाम है।
(A) अपने क्षेत्र से लगाव
(B) राष्ट्रहित
(C) राष्ट्रीय एकता
(D) अलगाववाद
48. एन०डी०आर०एफ० (NDRF) का विस्तारित रूप होगा 
(A) नेशनल डिजास्टर रियल फोर्स
(B) नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स 
(C) नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फुड
(D) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न- खिलाफत आन्दोलन क्यों हुआ था ?
उत्तर– तुर्की का खलीफा संपूर्ण इस्लामी दुनिया का धार्मिक गुरु माना इसके सम्मान को बरकार रखने के लिए तथा तुर्की के विभाजन के खिलाफत आंदोलन की शुरुआत हुई। इस आंदोलन में सांप्रदायिकता समाप्त करने के लिए तथा पूरा राष्ट्र भाई-भाई की भावना से प्रेरित उठा था। क्योंकि इसके पहले अंग्रेजों ने अपनी चाल बड़ी चतुराई से मुस्लिम लीग जिसमें सांप्रदायिकता की भावना दिख रही थी। इसके खिलाफत आंदोलन का और भयानक रूप स्पष्ट होता क्योंकि हिंदू और जाता था। विरोध में की बू को होकर जाग चली थी। तदुपरांत मुस्लिम दोनों के बीच खाई नजर आने लगी। इसलिए शौकत अली और मुहम्मद अली ने बड़े सोच-समझकर जो आंदोलन चलाया, उसे भारतीय इतिहास में खिलाफत आंदोलन कहा जाता है।
प्रश्न- 19वीं सदी के मध्य में बम्बई शहर की आबादी में भारी वृद्धि क्यों हुई ? 
उत्तर– बम्बई भारत का एक प्रमुख नगर था। उन्नीसवीं सदी के उत्तरार्द्ध में इसका विस्तार होने लगा था। 1872 में इसकी आबादी 6,44,405 से बढ़कर 1941 में 15,00,000 हो गई थी। उन्नीसवीं शताब्दी के अन्त तक इसका विस्तार तेजी से हुआ।
प्रश्न- पूँजीवाद क्या है ?
उत्तर– 19वीं शताब्दी में औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप ही समाज में पूँजीपति वर्गों का उदय हुआ। पूँजीवादी शासन व्यवस्था में संपूर्ण शासन की कमान पूँजीपतियों के हाथों में होता है और इसका लाभ पूँजीपति वर्ग अपने लिए एवं अपने सहयोगियों के लिए करता है।
प्रश्न- औद्योगिक क्रांति की शुरुआत इंग्लैंड से क्यों हुई ? 
उत्तर– औद्योगिक क्रांति सबसे पहले इंगलैंड में हुई। इसके प्रमुख कारण निम्नलिखित थे —
(i) इंगलैंड की भौगोलिक स्थिति उद्योग-धंधों के विकास के अनुकूल थी। उसके पास अच्छे समुद्री बंदरगाह एवं प्रचुर मात्रा में लोहा और कोयला जैसे खनिज पदार्थ उपलब्ध थे।
(ii) 18वीं शताब्दी में इंगलैंड में कृषि क्रांति हुई जिससे सस्ते मजदूर बड़ी संख्या में उपलब्ध हो गए।
(iii) ‘मुक्त व्यापार’ और ‘अहस्तक्षेप की नीति’ अपनाकर ब्रिटिश सरकार ने व्यापार और उद्योगों के विकास को बढ़ावा दिया।
(iv) औद्योगिक क्रांति लाने में इंगलैंड के वैज्ञानिकों का भी महत्त्वपूर्ण योगदान था। इनलोगों ने नए आविष्कार किए एवं नई मशीनें बनाईं।
प्रश्न- वर्नाक्यूलर प्रेस एक्ट पारित करने का मुख्य उद्देश्य क्या था ?
उत्तर– 1857 के विद्रोह के बाद देशी भाषा में प्रकाशित समाचारपत्रों ने सरकारी नीतियों की आलोचना करनी आरंभ की। इसे रोकने तथा देशी समाचारपत्रों पर अंकुश लगाने के लिए वायसराय लिटन ने 1878 में वर्नाक्यूलर प्रेस ऐक्ट पारित किया। लिटन के इस ऐक्ट का तीव्र विरोध हुआ। इससे राष्ट्रवादी भावना बलवती हो गई। ।
प्रश्न- हिन्द- चीन उपनिवेश की स्थापना का उद्देश्य क्या था ? 
उत्तर– हिन्द-चीन में फ्रांसीसियों द्वारा उपनिवेश स्थापना के अनेक उद्देश्य अथवा कारण थे। इनमें निम्नलिखित उद्देश्य प्रमुख थे—
(i) आर्थिक उद्देश्य : हिन्द-चीन एक कृषि प्रधान क्षेत्र था। इस सम्पूर्ण इलाके की मुख्य फसल चावल थी। रबर, चाय और कॉफी के उत्पादन के लिए भी यह क्षेत्र महत्त्वपूर्ण था। उत्तर में कई तरह के खनिज पदार्थ पाए जाते थे। इनमें टिन, लोहा, कोयला, जस्ता, टंगस्टन, क्रोमियम आदि मुख्य थे। इनका उपयोग फ्रांसीसी अपने उद्योगों के विकास में करना चाहते थे। यहाँ वाणिज्य व्यापार के विकास की भी काफी संभावनाएँ थीं। फ्रांसीसी यहाँ के कृषि उत्पादों का उपयोग अपने हित में करना चाहते थे। हिन्द-चीन में फ्रांसीसी उत्पाद के लिए बड़ा बाजार भी मिल सकता था।
(ii) व्यापारिक सुरक्षा : फ्रांस द्वारा हिन्द-चीन को अपना उपनिवेश बनाने का दूसरा उद्देश्य डच एवं ब्रिटिश कम्पनियों के व्यापारिक प्रतिस्पर्धा का सामना करना था। भारत और चीन में अंगरेज उन्हें व्यापारिक प्रतिस्पर्धा में पीछे छोड़ते जा रहे थे। अतः व्यापारिक एवं आर्थिक दृष्टिकोण से हिन्द-चीन फ्रांसीसियों के लिए अधिक सुरक्षित थे क्योंकि यहाँ अंगरेजी व्यापार और प्रभाव की कमी थी। अतः सुरक्षात्मक आधार के रूप में उन्हें हिन्द-चीन क्षेत्र उचित लगा जहाँ से वे भारत और चीन को कठिन परिस्थितियों में संभाल सकते थे।
(iii) असभ्यों को सभ्य बनाने का उद्देश्य : उपनिवेशों की स्थापना का उद्देश्य यह भी था कि अन्य यूरोपीय देशों की तरह फ्रांसीसी भी ‘पिछड़ों एवं असभ्यों को सभ्य बनाना अपना दायित्व मानते थे। फलस्वरूप फ्रांस भी औपनिवेशिक दौड़ में शामिल हो गया।
प्रश्न- उपनिवेशवाद से आप क्या समझते हैं? औद्योगीकरण ने कैसे उपनिवेशवाद को जन्म दिया ?
उत्तर– किसी साम्राज्यवादी देश द्वारा किसी दूसरे देश पर अधिकार कर उसकी सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक एवं उसके शासन प्रबन्ध पर नियंत्रण कर लेने को उपनिवेशवाद कहा जाता है।
औद्योगीकरण के फलस्वरूप उपनिवेशवाद के विस्तार को मदद मिला। अब कारखानों में बहुत अधिक मात्रा में माल तैयार होने लगा। औद्योगिक उत्पादन के लिए कच्चे माल की आवश्यकता और तैयार माल को बेचने के लिए नए बाजारों की जरूरत थी। यह काम नये-नये क्षेत्रों में उपनिवेशों की स्थापना से ही संभव हो सकता था। यूरोप के अनेक राष्ट्र उपनिवेशों की स्थापना में जुट गए। उपनिवेश बनाने की होड़ में सभी राष्ट्र बढ़-चढ़कर आगे बढ़ने का प्रयास करने लगे। उपनिवेशों को प्राप्त करने तथा उसकी प्रबन्ध-व्यवस्था के लिए सैनिकों की आवश्यकता पड़ती थी। सैनिक संगठन को प्रायः सभी यूरोपीय देशों में प्राथमिकता दी जाने लगी। अतः शक्तिशाली देश नये-नये उपनिवेश बनाने लगे। इस प्रकार उपनिवेशवाद का जन्म हुआ। उपनिवेश स्थापित करने की यह भावना उन्नीसवीं शताब्दी के अन्त तथा बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में होने वाली युद्धों का कारण थी। उन्नीसवीं सदी में यूरोप के राष्ट्रों ने अमेरिका, भारत एवं एशिया के कई क्षेत्र और अफ्रीका में उपनिवेशों की स्थापना करके उनका आर्थिक शोषण करने लगे। बीसवीं सदी में अन्तरर्राष्ट्रीय तनाव अपनी चरम सीमा पर पहुँच गया। सबके-सब उपनिवेशों पर अपना एकाधिकार कायम करने तथा अधिकाधिक प्रदेशों पर अपना अधिकार जमाने का प्रयत्न होने लगा। इससे दो प्रकार के लाभ थे— किसी की प्रतियोगिता न होने के कारण एक तो उन प्रदेशों में माल निर्बाध रूप से बेचा जा सकता था और दूसरे वहाँ से इच्छानुसार सस्ता कच्चा माल मिल सकता था। उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में यूरोपीय राज्यों में भीषण औपनिवेशिक स्पर्धा रही जिसके फलस्वरूप उन्होंने संसार के समस्त पिछड़े हुए देशों को आपस में बाँट लिया और उनकी स्वतंत्रता का अपहरण करके उन्हें अपने . अधीन कर लिया। इस स्पर्धा में इंगलैंड, फ्रांस, बेल्जियम तथा हॉलैंड ने बड़े-बड़े साम्राज्य स्थापित कर लिए।
प्रश्न- सत्ता में साझेदारी से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर– सत्ता में साझेदारी का अर्थ है— सरकारी क्रियाकलापों में जनता की भागीदारी तथा सरकार के निर्णयों एवं नीति-निर्माण में भाग लेना। इस प्रक्रिया को जनता द्वारा प्रभावित किया जाना चाहिए, ताकि नीतियाँ जनता की इच्छा के अनुरूप हों, नीतियों के क्रियान्वयन में जनता की भागीदारी सुनिश्चित हो एवं शासन जनोन्मुखी, उत्तरदायी तथा जनइच्छा से संचालित हो। इस तरह, सत्ता में जनता की भागीदारी के ये मुख्य पहलू हैं।
प्रश्न- जनसंघर्ष का अर्थ स्पष्ट करें।
उत्तर– जनता जब सरकार की कुछ निश्चित नीतियों अथवा निर्णयों के विरोधस्वरूप बड़े पैमाने पर अपनी माँगों को मनमाने के लिए संघर्ष करने लगती है तो उसे जनसंघर्ष अथवा जन आंदोलन कहा जाता है। इस प्रकार की स्थिति तब आती है जब जनता को यह आभाष हो जाता है कि सरकार उनके हितों की अनदेखी कर रही है।
प्रश्न- लोकतंत्र की मुख्य बाधाएँ क्या हैं ? 
उत्तर– भारतीय लोकतंत्र विश्व की सबसे पुरानी एवं सफल लोकतंत्र है। इसके बावजूद इसकी कुछ चुनौतियाँ हैं —
(i) भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी बाधा यहाँ की समाज में व्याप्त सामाजिक एवं आर्थिक असमानता है।
(ii) भारत की अधिकांश जनता निरक्षर हैं जो अपने वोट का मूल्य नहीं समझ पाते।
(iii) भारतीय लोकतंत्र की एक अन्य चुनौती यह है कि यहाँ जनता लालच में पड़कर अपने मत का दुरुपयोग करते हैं।
(iv) भारत में निष्पक्ष समाचार पत्र का भी अभाव है। यही कारण है कि यहाँ की जनता को सही जानकारी नहीं मिल पाती है और सही जनमत भी नहीं बन पाता।
प्रश्न- भाषा नीति क्या है ?
उत्तर– भारत में विभिन्न भाषाओं को बोलनेवाले लोग निवास करते हैं। भाषाई विविधता की समस्या के समाधान के लिए हिन्दी को राजभाषा का दर्जा दिया गया है तथा हिन्दी सहित 22 भाषाओं को भारतीय संविधान की आठवीं सूची में रखा गया है।
प्रश्न- लैंगिक असमानता क्या है ?
उत्तर– लिंग के आधार पर स्त्रियों और पुरुषों के बीच भेदभाव करना, पुरुषों की तुलना में स्त्रियों को हीन समझने की भावना लिंगभेद या लैंगिक असमानता है।
लड़की को लड़के की तुलना में कम महत्त्व दिया जाना । खान-पान पालन-पोषण, शिक्षा आदि में अंतर करना, लड़कियों की स्वतंत्रता को प्रतिबंधित कर घर के कार्मों तक सीमित रखना, पुरुषों का स्त्रियों पर नियंत्रण आदि लैंगिक असमानता का उदाहरण है।
प्रश्न- नर्मदा बचाओ आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या था ?
उत्तर– नर्मदा बचाओ आंदोलन का मुख्य उद्देश्य भारत के कृषिक्षेत्र में लिए सरकार का ध्यान आकृष्ट करना रहा है। इस आंदोलन के समर्थकों का यह के सुधार तर्क है कि जल, जंगल, जमीन जैसे प्राकृतिक साधनों पर स्थानीय सम्प्रदायों का प्रभावी नियंत्रण होना चाहिए। सरदार सरोवर परियोजन के विरोध का पीछे यह तर्क दिया गया कि यह पर्यावरण के लिए भी नुकसानदेह है।
प्रश्न- राजनीति में साम्प्रदायिकता की अभिव्यक्ति किन-किन रूपों में होती है? वर्णन करें।
उत्तर– राजनीति में साम्प्रदायिकता की अभिव्यक्ति निम्नलिखित रूपों में हो सकती है —
(i) साम्प्रदायिकता की अभिव्यक्ति हमारे दैनिक जीवन में ही दिखती है। इनमें धार्मिक पूर्वाग्रह, धार्मिक सम्प्रदायों के बारे में बनी बनायी धारणाएँ और एक धर्म को दूसरे धर्म से श्रेष्ठ मानने की मान्यताएँ शामिल की जा सकती हैं।
(ii) साम्प्रदायिक सोच हमेशा अपने धार्मिक समुदाय का राजनीतिक प्रभुत्व स्थापित करने के फिराक में रहती है। जो लोग बहुसंख्यक समुदाय के होते हैं उनकी यह कोशिश बहुसंख्यकवाद का रूप ले लेती है। अल्पसंख्यक लोगों में यह विश्वास अलग राजनीतिक इकाई बनाने की इच्छा का रूप ले लेता है।
(iii) साम्प्रदायिक आधार पर राजनीतिक गोलबंदी साम्प्रदायिकता का दूसरा रूप है। इसमें धर्म के पवित्र प्रतीकों, धर्मगुरुओं, भावात्मक अपील और अपने ही लोगों के मन में डर बैठाने जैसे तरीकों का उपयोग बहुत आम बात है।
(iv) कई बार साम्प्रदायिकता सबसे गंदा रूप धारण कर संप्रदाय के आधार पर हिंसा, दंगा और नरसंहार कराती है।
प्रश्न- राजनीतिक दल किस तरह से सत्ता में साझेदारी करते हैं? वर्णन करें।
उत्तर– लोकतांत्रिक राजनीति में राजनीतिक दल सत्ता के बँटवारे में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। राजनीतिक दल लोगों का ऐसा संगठित समूह है जो चुनाव लड़ने और राजनीतिक सत्ता हासिल करने के उद्देश्य से काम करते हैं। विभिन्न राजनीतिक दल सत्ता प्राप्त करने के लिए प्रतिस्पर्द्धा के रूप में काम करते हैं। उन दलों की आपसी प्रतिद्वन्द्विता यह निश्चित करती है कि सत्ता हमेशा किसी एक व्यक्ति या संगठित व्यक्तियों के समूह के हाथ में न रहे। कालक्रम में बारी-बारी से अलग-अलग विचारधाराओं और समूहों वाले राजनीतिक दलों के हाथ में सत्ता आती-जाती रहती है।

लोकतांत्रिक राज्यों में जब आम चुनाव होता है और किसी पार्टी विशेष को जब बहुमत नहीं मिलता है तब वह दो या दो से अधिक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के बल पर सरकार का गठन करती है। इसे गठबंधन संस्कार कहते हैं। इसीलिए सत्ता की साझेदारी का सबसे अद्यतन रूप गठबंधन की राजनीति या गठबंधन की सरकारों में दिखता है। जब विभिन्न विचारधाराओं, विभिन्न सामाजिक समूहों और विभिन्न क्षेत्रीय और स्थानीय हितों वाले राजनीतिक दल एक साथ एक समय में सरकार के एक स्तर पर सत्ता में साझेदारी करते हैं और लोगों के हित में काम करते हैं। राजनीतिक दल राष्ट्रीय विकास के लिए देश में राजनीतिक स्थिरता को बनाए रखने और शांति बनाए रखने का कार्य भी करते हैं। इस प्रकार कहा जा सकता है कि राजनीतिक दल सत्ता के बँटवारे में भी शामिल होते हैं।
प्रश्न- ATM (ए.टी.एम.) क्या है ?  
उत्तर– प्लास्टिक के एक छोटे से कार्ड पर अंकित सूक्ष्म संकेत के आधार पर कहीं भी तथा किसी समय निर्धारित बैंक के केन्द्र से पैसे निकालने की सुविधा को ही ATM कहा जाता है।
प्रश्न- देशी बैंकर किसे कहते हैं ?
उत्तर– देशी बैंकरों के अंतर्गत व्यापारी, महाजन, साहूकार जैसे असंगठित क्षेत्र की वित्तीय संस्थाओं को सम्मिलित किया जाता है जो प्राचीनकाल से भारतीय पद्धति के अनुसार कार्य करते आ रहे हैं।
प्रश्न- वैश्वीकरण के दो साकारात्मक प्रभाव बताएँ। 
उत्तर– 18. (i) विदेशी व्यापार में वृद्धि तथा  (ii) विदेशी निवेश में वृद्धि |
प्रश्न- साख पत्र क्या है? कुछ प्रमुख साख-पत्रों पर प्रकाश डालें। 
उत्तर– साख – पत्र से हमारा तात्पर्य वैसे साधनों से है जिनका उपयोग साख मुद्रा के रूप में किया जाता है। इसी के आधार पर ऋणों का लेन-देन होता है। साख-पत्र वस्तुओं एवं सेवाओं के खरीदने या बेचने में विनिमय के माध्यम का कार्य करते हैं। इस प्रकार स्पष्ट है कि साख-पत्र मुद्रा की तरह कार्य करते हैं। साख-पत्रों की एक खास विशेषता यह है कि यह कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं रहती है। साख-पत्रों के लेन-देन के कार्य में स्वीकृति के लिए किसी भी व्यक्ति को बाध्य नहीं किया जा सकता।
साख-पत्र निम्नलिखित प्रकार के होते हैं —
(क) चेक: वर्तमान समय में चेक प्रचलन सर्वाधिक है। यह एक ऐसा आदेश है जो लिखित है। बैंक में जमाकर्ता अपने बैंक को आदेश देता है कि उसपर लिखित रकम उसमें लिखित व्यक्ति को दे दें।
(ख) बैंक ड्राफ्ट बैंक ड्राफ्ट एक ऐसा पत्र है कि जिसमें एक बैंक अपनी किसी अन्य शाखा या अन्य किसी बैंक को आदेश देता है कि उस ड्राफ्ट में लिखी हुई रकम उसमें लिखित व्यक्ति को दे दी जाए। बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से कम खर्च में ही रुपया एक स्थान से दूसरे स्थान भेजा जा सकता है।
(ग) यात्री चेक : यात्री चेक यात्रियों की सुविधा के लिए बैंकों द्वारा जारी किया जाता है। किसी भी व्यक्ति द्वारा जो यात्री है बैंक में रकम जमा कर देने पर यात्री चेक प्राप्त किया जा सकता है। वह यात्री इस यात्री चेक को बैंक की किसी भी शाखा में प्रस्तुत करके मुद्रा प्राप्त कर सकता है।
प्रश्न-मुद्रा के आर्थिक महत्त्व पर प्रकाश डालिए।
उत्तर– मुद्रा के आर्थिक महत्त्व या लाभ को निम्न प्रकार से समझा जा सकता है —
(i) आधुनिक अर्थव्यवस्था का आधार मुद्रा आधुनिक समय में अर्थव्यवस्था का आधार है। वर्तमान समय में उत्पादन प्रणाली मुद्रा के माध्यम से कार्य करती है। उत्पादित वस्तु को मुद्रा के माध्यम से तत्काल बेच दिया जाता है और उससे प्राप्त मुद्रा से उत्पादन के साधनों का पारिश्रमिक चुकाया जाता है और कच्चे माल को खरीदा जाता है।
(ii) उपभोक्ताओं को लाभ : कोई भी व्यक्ति मुद्रा के रूप में अपनी आमदनी प्राप्त करता है और उससे अपनी सुविधानुसार वस्तुएँ खरीदता है।
(iii) उत्पादकों को लाभ : मुद्रा से उत्पादकों को भी लाभ है। मुद्रा की मदद से उत्पादन का पैमाना बड़ा हो गया है, जिसके चलते उत्पादक को उत्पादन एवं लाभ को अधिकतम करने में सफलता मिलती है।
(iv) विनिमय के क्षेत्र में लाभ : किसी भी अर्थव्यवस्था में उत्पादित वस्तुओं की लागत मुद्रा के रूप में ज्ञात की जाती है और उसके आधार पर वस्तुओं का मूल्य निर्धारण किया जाता है। मूल्य के निर्धारण किये जाने के बाद वस्तुओं की खरीद-बिक्री मुद्रा के माध्यम से की जाती है।
(v) पूँजी निर्माण को गतिशीलता : किसी भी देश में पूँजी निर्माण बचत पर निर्भर करती है तथा बचत मुद्रा के रूप में ही की जाती है। मुद्रा के आविष्कार ने बचत की मात्रा में भी वृद्धि की है क्योंकि वस्तुओं के रूप में बचत करना बहुत ही कठिन है।
(vi) साख का आधार : हम जानते हैं कि वर्तमान समय में व्यापार एवं उद्योग के लिए साख का बड़ा ही महत्त्व है। साख का सृजन करने के लिए बैंकों को नगद मुद्रा का कोष रखना पड़ता है। इस प्रकार मुद्रा साख का आधार है।

प्रश्न- भारत के किस भाग में जलोढ़ मिट्टियों का विस्तार है ?

उत्तर– जलोढ़ मृदा का विस्तार उत्तर भारत के पूरे मैदानी क्षेत्र में है। राजस्थान तथा गुजरात के भी कुछ क्षेत्र में एक सँकरी पट्टी के रूप में इस मृदा का प्रसार है। पूर्वी तटीय मैदान स्थित महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी नदियों द्वारा निर्मित डेल्टा का भी निर्माण जलोढ़ मृदा से हुआ है।
प्रश्न- नर्मदा बचाओ आन्दोलन क्या है ?
उत्तर– नर्मदा घाटी विकास परियोजना विश्व की घाटी परियोजनाओं में विशालतम कही जा सकती है। इस नदी पर 29 बड़े, 450 मध्यम तथा 3,000 छोटे बाँध बनाने को प्रस्ताव है। इन बाँधों से लगभग 3000 मेगावाट जलविद्युत उत्पादन होगा तथा मध्य प्रदेश में 1.40 लाख हेक्टेयर क्षेत्र तथा गुजरात में 17.92 लाख हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित हो सकेगा। परन्तु, यह दुःखद है कि इन बाँधों तथा जलाशयों के निर्माण से मध्य प्रदेश के 480 गाँव जलमग्न हो जाएँगे तथा 1.5 लाख से अधिक व्यक्ति तथा लगभग 18 लाख मवेशी विस्थापित होंगे। यही नहीं 50,000 हेक्टेयर सुरक्षित वन भी नष्ट होंगे। इसलिए इस परियोजना का विरोध भी होने लगा है। ‘नर्मदा बचाओ आन्दोलन’ के रूप में इसका जोरदार विरोध किया जा रहा है।
प्रश्न- खनिज संसाधनों का संरक्षण क्यों आवश्यक है ?
उत्तर– खनिज अनवीकरणीय संसाधन हैं। अतः, इनका संरक्षण आवश्यक है। निम्नांकित उपायों द्वारा खनिजों का संरक्षण और प्रबंधन किया जा सकता है।
(i) खनिजों का विवेकपूर्ण उपयोग
(ii) कच्चे माल के रूप में खनिजों के स्थान पर उनके सस्ते प्रतिस्थापनों का उपयोग
(iii) स्क्रेप का पुनः उपयोग
(iv) खनिज निक्षेप का पूर्ण संदोहन ।
प्रश्न- “भारत में जलविद्युत शक्ति का महत्त्व अधिक है।” क्यों ? 
उत्तर– उद्योगों के विकेंद्रीकरण तथा अन्य कई कारणों से देश में जलविद्युत का बड़ा महत्त्व है। इसके कई कारण हैं।
(i) उत्तम कोयले का भंडार सीमित होने के कारण उसके संरक्षण की दृष्टि से जलविद्युत का विकास जरूरी है।
(ii) जलविद्युत का उत्पादन कोयले से सस्ता है।
(iii) कोयला सीमित क्षेत्र में उपलब्ध है जबकि बिजली की माँग पूरे देश में है।
(iv) जलविद्युत का वितरण अपेक्षाकृत अधिक दूर तक किया जाना संभव होता है।
प्रश्न- भारत में पाइपलाईन परिवहन का वर्णन करें।
उत्तर– भारत में पाइपलाइन वर्तमान समय में परिवहन का प्रमुख साधन है। इसके द्वारा कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस का परिवहन किया जाता है। ठोस पदार्थों का घोल बनाकर इन्हें भी पाइपलाइन द्वारा एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचाया जा सकता है। सर्वप्रथम असम से बरौनी तक पाइपलाइन बिछाई गई। हजीरा – विजयपुर- जगदीशपुर प्रमुख पाइपलाइन है। गुजरात के सलाया से उत्तर प्रदेश के मथुरा तक पाइपलाइन बिछाई गई है। एक महत्त्वपूर्ण पाइपलाइन परियोजना है— ईरान से पाकिस्तान होते हुए पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस को भारत तक लाने की।
प्रश्न- भारतीय अर्थव्यवस्था में उद्योगों के योगदान का वर्णन कीजिए। 
उत्तर– भारतीय अर्थव्यवस्था में उद्योगों का योगदान—
(i) उद्योग कृषि उत्पादन बढ़ाने में काफी मददगार साबित हुआ है। इसके द्वारा विभिन्न प्रकार के कृषि उपकरणों का निर्माण किया जा रहा है जो उत्पादन बढ़ाने में सहायता करता है।
(ii) यह रोजगार का अवसर उपलब्ध कराता है।
(iii) विनिर्माण उद्योग शिक्षा, प्रशिक्षण एवं शोध जैसे अनेक क्रियाकलाप ।
को बढ़ावा देकर रोजगार एवं राष्ट्रीय आय बढ़ाने में सहायक है।
(iv) यह देश में उपलब्ध सस्ते माल को महँगी निर्मित वस्तुओं में रूपांतरित करके राष्ट्रीय आय को बढ़ाता है।
(v) कुछ उद्योगों द्वारा निर्यात के उद्देश्य से वस्तुओं का उत्पादन किया जाता है, जिसे विदेशों में निर्यात करके विदेशी मुद्रा प्राप्त की जाती है।
(vi) जिन राज्यों या क्षेत्रों में कृषि भूमि का अभाव है वहाँ उद्योगों के माध्यम से ही लोगों को रोजगार देकर प्रतिव्यक्ति आय बढ़ाई जा सकती है।
प्रश्न-चावल की कृषि के लिए अनुकूल भौगोलिक दशाओं का वर्णन करें।
उत्तर– चावल के उत्पादन के लिए मुख्य भौगोलिक दशाएँ निम्नांकित हैं —
(i) तापमान : चावल एक खरीफ फसल है, जिसे उच्च तापमान तथा अधिक नमी की आवश्यकता होती है। इसके लिए पौधे के वर्धन के लिए 250 से. ग्रे. तापमान का होना पौधे के बढ़ने में सहायक होता है। इसके अतिरिक्त इसके लिए यह भी एक महत्वपूर्ण तथ्य है कि इसके पौधों को उगाने के समय तथा काटने के समय कुछ विभिन्नताओं की आवश्यकता होती है।
(ii) वर्षा : चावल की खेती के लिए पर्याप्त सिंचाई की आवश्यकता होती है। अतः इसके लिए अत्यधिक वर्षा का होना आवश्यक होता है। अर्थात 100 सेमी से अधिक होना। इसे कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी उगाया जा सकता है, परन्तु वहाँ सिंचाई की पर्याप्त व्यवस्था हो । सिंचाई की सहायता से पंजाब एवं हरियाणा में काफी मात्रा में चावल का उत्पादन होता है।
(iii) मृदा : चावल को विभिन्न मृदाओं में उपजाया जा सकता है, जैसे— सिल्ट, दुम्मट आदि परन्तु अभेद्य चिकनी मिट्टी वाली जलोढ़ मृदा में यह बेहतर ढंग से उगाया जाता है।
(iv) उत्पादन के क्षेत्र : चावल भारत के लगभग सभी राज्यों में उगाया जाता है। परन्तु इसका अधिकतर उत्पादन नदी घाटियों, डेल्टाई प्रदेशों तथा तटीय मैदानों में होता है।
चावल उत्पादक प्रमुख राज्य है— पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा, उड़ीसा, कर्नाटक असम तथा महाराष्ट्र ।
प्रश्न- भूस्खलन क्या है? इसके कितने रूप होते हैं ?
उत्तर– गुरुत्व की शक्ति से मृदा या अपक्षयी शैल पदार्थों के ढालों पर नीचे खिसकने को भूस्खलन कहते हैं।
भूस्खलन के मुख्यतः चार रूप होते हैं —
(i) कंकड़-पत्थरों का खिसकना,
(ii) वर्षा जल के साथ मिट्टी तथा कंकड़-पत्थर का नीचे की ओर आना,
(iii) पत्थर तथा उसके छोटे टुकड़ों का गिरना तथा
(iv) चट्टानों का गिरना, जिसके फलस्वरूप व्यापक जान-माल की क्षति होती है।
प्रश्न- आग लगने की स्थिति में क्या प्रबंधन करना चाहिए ? 
उत्तर– आग लगने की स्थिति में आकस्मिक प्रबन्धन में निम्नलिखित कार्य करना चाहिए —
(i) आग में फँसे हुए लोगों को बाहर निकलना। यदि कोई व्यक्ति छत के ऊपर फँसा हो तो उसे बाहर से सीढ़ी लगाकर उतारने का प्रयास करना।
(ii) अग्निशामक दल को बुलाना, आग के फैलाव को रोकना, जिसके लिए आस-पास में उपलब्ध बालू, मिट्टी, यदि तालाब हो तो तालाब जल का उपयोग करना। यदि आग झुग्गी-झोपड़ी में लगी हो तो उसे कुछ दूरी से इस प्रकार उखाड़ फेंकना ताकि अगले मकान तक आग का संकट न हो सके। यदि आग का कारण विद्युत शार्ट-सर्किट हो तो बिजली लाइन को काट देना चाहिए।
प्रश्न- बाढ़ नियंत्रण के लिए उपाय बताएँ।
उत्तर– बाढ़ नियंत्रण के उपाय निम्न है —
(i) नदी तटबंधों की मरम्मत करने का कार्य करना चाहिए।
(ii) नदी तटबंध के ऊपर वृक्षारोपण का कार्य करना चाहिए।
प्रश्न- बिहार सर्वाधिक आपदाग्रस्त राज्य है। कैसे ?
उत्तर– बिहार एक ऐसा राज्य है, जहाँ कई प्रकार की प्राकृतिक आपदाएँ आती रहती हैं। यहाँ मुख्य रूप से बाढ़, सूखा, तूफान, वज्रपात और भूकंपीय आपदाएँ आती हैं। बाढ़ तो बिहार की नियति बन गई है। उत्तर बिहार के लोग प्रत्येक वर्ष बाढ़ की परेशानी को झेलते हैं। सूखा का प्रभाव दक्षिण, दक्षिण पश्चिम एवं मध्य-दक्षिण बिहार में अधिक पड़ता है। भूकम्प का 3 सर्वाधिक प्रभाव उत्तरी बिहार के सीमावर्ती क्षेत्र पर पड़ता है।
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