ऑस्ट्रेलिया के ‘जंगली आग’ ( बुश – फायर) और ब्राजील के ‘अमेज़न दाह’ जैसी तात्कालिक आपदाओं की उनके कारणों और स्थानीय पारिस्थितिक तथा वैश्विक वातावरणीय दशाओं पर प्रभाव सहित जांच कीजिए ।

ऑस्ट्रेलिया के ‘जंगली आग’ ( बुश – फायर) और ब्राजील के ‘अमेज़न दाह’ जैसी तात्कालिक आपदाओं की उनके कारणों और स्थानीय पारिस्थितिक तथा वैश्विक वातावरणीय दशाओं पर प्रभाव सहित जांच कीजिए ।

उत्तर – वर्ष 2019 में जंगली आग से संबंधित दो घटनाएं चर्चा में रही हैं। जिसमें से पहली घटना ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग थी, जिसमें हजारों जंगली जीवों की मृत्यु हो गई और व्यापक पैमाने पर वनस्पति तथा वनसंपदा का नुकसान हुआ। इसके अलावा दूसरी घटना पृथ्वी के फेफड़े कहे जाने वाले ब्राजील के अमेजन के जंगलों में लगी आग है जिसने बड़े पैमाने पर स्थानीय वनसंपदा के साथ वैश्विक जलवायु को भी प्रभावित किया।
ऑस्ट्रेलिया विश्व के 17 बड़े जैवविविधता वाले देशों में से एक है। न्यू साउथ वैल्स (आग से सर्वाधिक प्रभावित राज्य) और क्वींसलैण्ड के गोंडवाना वर्षावन जो यूनेस्को द्वारा घोषित विश्व धरोहर सूची में शामिल विशाल विविधता वाले क्षेत्र हैं।
> आस्ट्रेलिया में बुशफायर के कारण – वनाग्नि के प्राकृतिक तथा मानवीय कारण दोनों होते हैं
1. प्राकृतिक कारणः प्राकृतिक कारणों में बारिश में कमी जिसमें वायु में आद्रता की कमी तथा तापमान में वृद्धि जिससे वायु गर्म होकर आग लगने की परिस्थिति का निर्माण करती है। वैसे ऑस्ट्रेलिया में लगी आग के बारे में विशेषज्ञों का यह मानना है कि इस आग का कारण मौसमी था जिसमें हर साल इस तरह की वातावरणीय स्थितियां निर्मित होती हैं जिससे ऐसी अप्रिय घटना की पुनरावृति होती है। इसके अलावा जलवायु परिवर्तन ने भी इस घटना को प्रेरित किया है। है। प्राप्त आकड़ों के अनुसार ऑस्ट्रेलिया का औसत तापमान 1910 के मुकाबले लगभग एक डिग्री से अधिक बढ़ गया है और यह बढ़ा हुआ तापमान इसमें प्रेरक का काम करता है।
2. मानवीय कारण: जनसंख्या वृद्धि के परिणाम स्वरूप वनों में मानव का अतिक्रमण हो रहा है जिसके कारण वनों में आग मानव द्वारा, जैसे-अनजाने में या जानबूझकर कुछ लोगों द्वारा वनसंपदा का अवैध व्यापार के रूप में जंगल को काटने वाले अथवा अवैधशिकारियों द्वारा आदि ।
> ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग के प्रभाव
1. भौतिक या प्रत्यक्ष प्रभाव – वनस्पति, वन्यजीव तथा वन निवासियों की जान माल का नुकसान।
2. पारिस्थितिकी और जैव विविधता पर कुप्रभाव |
3. सार्वजनिक स्वास्थ्य पर प्रभाव – वनाग्नि से वायु प्रदूषण में वृद्धि कर मानव को स्वास्थ्य संबंधी रोगों को बढावा देता है। विश्व स्वस्थ संगठन के एक रिपोर्ट के अनुसार वृद्ध लोग जो जो हृदय रोग से पीड़ित हैं या पुरानी बीमारियों से ग्रसित लोग तथा बच्चे और खुले वातावरण में काम करने वाले लोग इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। इससे निकला धुआं राष्ट्र की सीमाओं को भी नजरअंदाज कर अन्य देशों के वातावरण को प्रभावित करता है तथा अंटार्कटिक महाद्वीप को भी प्रभावित कर जलवायु परिवर्तन में भूमिका निभाता है।
4. मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव – इसके कारण लोगों को पलायन भी करना पड़ता है और वायु प्रदूषण के कारण लोगों के मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।
5. आर्थिक प्रभाव-इससे देश के बुनियादी ढाँचे को हानि होती है जिससे महंगाई बढ़ने से आम जनता भी प्रभावित होती है। इसका प्रभाव कृषि और पर्यटन जैसे क्षेत्रों पर भी पड़ता है जिसके कारण कई उद्योगो को बंद भी करना पड़ता है।
 6. वैश्विक जलवायु पर प्रभाव – ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग से वातावरण में लगभग 400 मेगाटन कार्बन डाईऑक्साइड का वातारण में उत्सर्जन हुआ जो ऑस्ट्रेलिया के औसत वार्षिक उत्सर्जन से भी अधिक है।
7. पर्यावरणीय प्रभाव तथा अन्य आर्थिक लागत- आग से निकली कालिख घरों में समुद्री तटों पर तथा लगभग हर जगह फैल गई जिससे पर्यावरणीय ह्रास तथा उसे हटाने की लागत भी देश पर आर्थिक बोझ डालती है। इससे निकली राख में पोषक तत्वों की अधिकता से युट्रोफिकेशन की स्थिति से जलीय पर्यावरण पर प्रभाव पड़ता है। इससे समुद्री शैवाल तथा जैवविविधता को भी हानि हो सकती है ।
8. कृषि पर प्रभाव-वनाग्नि ने सूखे के प्रभाव को और अधिक बढ़ा दिया। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग ने वहाँ के प्राकृतिक संसाधनो को तो नुकसान पहुँचाया ही साथ ही साथ वैश्विक जलवाय को भी प्रभावित किया है।
ब्राजील के जंगलों में वनाग्नि ( अमेजन बर्न )- अगस्त 2019 में ब्राजील में स्थित अमेजन के जंगलों में लगी आग ने भयवाह रूप धारण कर लिया। इसके धुएं का असर दक्षिण अमेरिका के नौ देशों पर भी देखने को मिला । नासा के अनुसार इसके धुएं का असर अटलांटिक तटों को प्रभावित किया है। अमेजन वर्षावनों को धरती के फेफड़े की संज्ञा दी जाती है। इसका विस्तार लगभग 60 प्रतिशत अकेले ब्राजील में है तथा पृथ्वी पर मौजूद ऑक्सीजन का लगभग 20 प्रतिशत अमेजन वर्षावनों द्वारा उत्सर्जित किया जाता है जो विश्व की कुल दस प्रतिशत जैवविविधता क्षेत्र को समाहित करता है।
अमेजन जंगलों में आग लगने के प्रमुख कारण – इसमें भी प्राकृतिक कारणों की प्रधानता रही जैसे जुलाई से अक्टूबर के बीच सूखे का मौसम में ब्राजील में वनाग्नि की घटना होना आम बात है परन्तु, मानवजनित कारणो में कृषि भूमि का विस्तार द्वारा तथा अवैध रूप से लकड़ी काटने वाले भी जान बूझकर कर आग लगाते हैं जो अनियंत्रीत होकर भयवाह रूप धारण कर लेती है। इस संबंध में ब्राजील की सरकार की पर्यावरण विरोधी नीतियों के कारण इस तरह की गति विधियों को और * बढ़ावा मिला।
> प्रभाव
1. ब्राजील में आग की घटनाओं का सबसे अधिक प्रभाव ब्राजील के उत्तरी इलाकों में पड़ा । अमेजन ब्राजील का सबसे बड़ा राज्य है जहाँ आपात स्थिति की घोषणा भी करनी पड़ी।
2. आग से पैदा हुए धुएं से दक्षिणी अमेरिका के देशों के साथ-साथ उत्तरी अमेरिका तथा मध्य अमेरिका के वायु प्रदूषण में भी बढ़ौतरी देखी गई।
3. ब्राजील के वन संसाधन पर प्रभाव के कारण धन संपदा की हानि के साथ जैवविविधता पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा।
 4. इसने ब्राजील की स्थानीय पारिस्थितिकी को तो प्रभावित किया साथ ही साथ विश्व के तापमान को प्रभावित कर जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणाम को और भी प्रोत्साहित किया।
अत: ऑस्ट्रेलिया के जंगलों और अमेजन वर्षावनों में लगी आग सिर्फ ऑस्ट्रेलिया एवं ब्राजील के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए एक चिंता का विषय है। क्योंकि कई वर्षों से लगभग पूरे विश्व में आग की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। इसलिए आज इस बात की आवश्यकता है कि पूरा विश्व मिलकर इस आपदा से निपटे । आज विकसित देशों के पास कई ऐसी तकनीक हैं जो इस तरह की घटनाओं को रोक सकती हैं। इन जरूरी तकनीक का सही इस्तेमाल कर विश्व के देशों के मध्य सामंज्य पूर्ण नीतियों को अपनाकर इन चुनौतियों से निपटा जा सकता है।
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