दृश्य कला क्या है ? इसकी प्रमुख विशेषताएँ लिखिए।

दृश्य कला क्या है ? इसकी प्रमुख विशेषताएँ लिखिए। 

उत्तर— दृश्य कलाएँ— दृश्यकला का संबंध उन कलाओं से है जो नेत्र से संबंधित हैं अथवा जिन कलाओं को देख सकते हैं। इसीलिए इन्हें चाक्षुष कलाएँ भी कहते हैं। सभी सांसारिक प्राणी अपनी अभिव्यक्ति को व्यक्त करने के लिए किसी-न-किसी माध्यम और भाषा का प्रयोग करते हैं; जैसे—चित्रण, लेखन, हाव-भाव, अभिनय, संगीत, नृत्य इत्यादि । इस प्रकार से दृश्य कला एक दृश्य भाषा या चाक्षुष माध्यम है जिसके द्वारा अपनी अभिव्यक्ति को दृश्य रूप में संप्रेषित किया जा सकता है और दर्शक नेत्रों से अवलोकन कर उसका आनन्द ले सकता है।
दृश्य कला में उन सभी कलाओं को समाहित किया जाता है जिनमें कलाकार अपनी कलाकृतियों को इस प्रकार बनाता सजाता है सँवारता है जिससे वे दर्शक को नेत्रों के द्वारा आनन्द प्रदान करती हैं।
दृश्य कलाओं में एक आकार होता है, अतः इन साकार कलाओं को मूर्तिकला का नाम भी दिया गया है। दृश्य कला में कला की विषयवस्तु से लम्बाई एवं ऊँचाई का गुण पाया जाता है। चौड़ाई का आभास अनुपस्थित अथवा न्यून होता है। दृश्य कला में कला का आधार कागज, वस्त्र, चादर, पत्थर आदि होते हैं। इन्हें रंगों अथवा रेखाओं द्वारा सजाया जाता है।
कलाकार वास्तविक वस्तु को जिन परिस्थितियों में देखता है, वह उसी के अनुसार वस्तु का पहले अपनी कल्पना में, तदुपरान्त माध्यम पर उनका संचालन करता है। इस प्रकार तैयार दर्श इस प्रकार बनाता है कि चित्रगत वस्तु असली प्रतीत होती है। किसी घटना अथवा प्राकृतिक दृश्य को चित्रित करने में यदि कलाकार घटना के बाहरी वातावरण में अनभिज्ञ है तो कृति में सजीवता का तत्त्व कम ही आ पाता है। कई बार कलाकार बाह्य वातावरण को जानता तो है, लेकिन उसे प्रदर्शित करना आवश्यक नहीं समझता । वरन् वह अपने विचारों के अनुसार बाहरी वातावरण का निर्माण करते हुए कृति में सजीवता लाने का प्रयास करता है। इस प्रकार निर्मित दर्श में कल्पनाशीलता एवं चिन्तन के तत्त्व अधिक होते हैं।
दृश्य कलाओं में प्रमुख रूप से तीन प्रकार की कलाओं को समाहित किया जाता है। ये कलाएँ हैं— मूर्तिकला, वास्तुकला तथा चित्रकला जिस कला में मूर्तता के तत्त्व सबसे कम होते हैं उसे उतनी ही उच्च कोटि का माना जाता है। इस आधार पर काव्यकला को सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। दृश्य कलाओं में भूर्त रूप सबसे अधिक, वास्तुकला में कम तथा सबसे कम चित्रकला में होता है। इसीलिए चित्रकला को उच्चकोटि का दृश्य कला कहा जाता है। मूर्तिकला तथा वास्तुकला का स्थान इसके बाद क्रमश: आता है।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *