यू.एन.डी.पी. ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट, 2019 का प्रमुख विषय क्या है? विश्लेषण किस प्रकार आय, औसत और वर्तमान स्थिति के आगे चला जाता है? आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए ।
यू.एन.डी.पी. ह्यूमन डेवलपमेंट रिपोर्ट, 2019 का प्रमुख विषय क्या है? विश्लेषण किस प्रकार आय, औसत और वर्तमान स्थिति के आगे चला जाता है? आलोचनात्मक समीक्षा कीजिए ।
उत्तर- UNDP ह्यूमन डेवलेपमेंट रिपोर्ट, 2019 का मुख्य विषय ‘मानव विकास की असमानता तथा समानता के विभिन्न आयाम’ विषय पर केंद्रीत है। उल्लेखनीय है कि मानव विकास सूचकांक एचडीआई जीवन प्रत्याशा शिक्षा और आय सूचकांकों का एक संयुक्त सांख्यिकी सूचकांक है, जिसे मानव विकास के तीन आधारों पर तैयार किया जाता है। इसे ‘पाकिस्तानी अर्थशास्त्री’ महबूब उल हक ने भारतीय अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के सहयोग से 1990 में विकसित किया गया था जिसका प्रकाशन संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा किया गया। यूएनडीपी द्वारा मानव विकास सूचकांक की गणना के लिए निम्नलिखित तीन सूचकांक इस्तेमाल किए जाते हैं
1. जीवन प्रत्याशा सूचकांक (लंबा व स्वस्थ जीवन)
2. शिक्षा सूचकांक (शिक्षा का स्तर )
3. जीवन स्तर
अपने 2010 से मानव विकास विवरण में यूएनडीपी ने मानव विकास सूचकांक की गणना के लिए एक नई विधि का उपयोग करना शुरू किया है इसके अंतर्गत निम्नलिखित तीन सूचकांकों को इस्तेमाल किया जा रहा है
1. जीवन प्रत्याशा सूचकांक
2. शिक्षा सूचकांक जिसमें शामिल है-
(a) विद्यालय शिक्षा के औसत वर्ष और
(b) विद्यालय शिक्षा के प्रत्याशित वर्ष
3. आय सूचकांक
UNDP ह्यूमन डेवलेपमेंट रिपोर्ट, 2019 का मुख्य विषय मानव विकास की असमानता तथा समानता के विभिन्न आयामों को समझना है। यह रिपोर्ट 2019 के अन्त के महीने में जारी की जानी है।
मानव विकास के विविध आयामों में पिछले पांच दशकों में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। यद्यपि यह प्रगति असमान रूप से हुई है तथा मानव वंचनाएं उच्च मानव विकास वाले देशों में भी विद्यमान है। समाज का बड़ा समूह इस प्रगति से वंचित रहा है। सतत विकास लक्ष्यों (GDG) के 2030 के एजेंडे में विश्व के नेता सभी के समावेशी विकास हेतु प्रयासरत हैं। इस सन्दर्भ में UNDP ने मानव विकास रिपोर्ट, 2019 को मानव विकास में असमानता पर केन्द्रित किया है।
मानव विकास रिपोर्ट, 2019 के सन्दर्भ में UNDP के निदेशक ने स्पष्ट किया कि रिपोर्ट का विषय प्रचलित आय विषमता, आंकड़ों का औसत आकलन तथा वर्तमान समय की परिधि से बाहर तक विस्तृत होगा। मानव विकास रिपोर्ट, 2019 नयी रूपरेखा तथा आकलन पर आधारित होगी जो असमानता का एक वैश्विक विश्लेषण उपलब्ध करायेगी।
आय, औसत और वर्तमान स्थित से परे होने के संदर्भ में 2019 का विश्लेषण –
1. आय से परे : इसके अन्तर्गत मानव विकास के सन्दर्भ में अन्य आयाम जैसे स्वास्थ्य शिक्षा तथा तकनीक तक पहुंच आदि को शामिल किया जाएगा।
2. औसत से परे : गिनी गुणांक जैसे परम्परागत आकलन से हटकर नये आंकड़ों तथा पद्धतियों का प्रयोग किया जाएगा ताकि असमानता की वास्तविक, वैश्विक तस्वीर सामने आ सके।
3. वर्तमान से परे : रिपोर्ट में असमानता के दीर्घकालीन परिदृश्य को ध्यान में रखा जाएगा। तथा असमानता की विभिन्न प्रवृत्तियों की पहचान करते हुए 2030 तथा इससे आगे तक की स्थिति का आकलन करने का प्रयास किया जाएगा।
मानव विकास रिपोर्ट, 2019 की प्रकृति, प्रासंगिकता तथा उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए निम्नलिखित समालोचनात्क निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं
> रिपोर्ट में आय की परम्परागत पद्धति के अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों पर भी ध्यान केन्द्रीत किया जाएगा।
> रिपोर्ट में मानव विकास से संबंधित तकनीकी पर्यावरणीय चुनौतियों जैसे नए आयामों को भी सम्बोधित किया जाएगा।
> भारत के सन्दर्भ में यह रिपोर्ट अत्यन्त उपयोगी होगी क्योंकि यहां समाज के विभिन्न वर्गों में असमानताएं विद्यमान हैं। आक्सफ्रैम रिपोर्ट, 2019 के अनुसार भारत की शीर्ष 1% जनसंख्या के पास देश की 73% सम्पत्ति है। इसी प्रकार असमानताएं शिक्षा, स्वास्थ्य, अवसंरचना तथा अन्य क्षेत्रों में भी विद्यमान हैं।
> रिपोर्ट में किए जाने वाले नवाचारी प्रयासों के बावजूद अनेक कमियां भी विद्यमान हैं। मानव विकास सूचकांक की आकलन पद्धति गणितीय तार्किकता पर आधारित होनी चाहिए ताकि मानव विकास की वास्तविक तस्वीर स्पष्ट की जा सके। मानव विकास सूचकांक के विभिन्न आयामों को ध्यान में रखना आवश्यक है।
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