सीमांकन से क्या अभिप्राय है ? शिक्षा व समाज पर उसका प्रभाव लिखिए।

 सीमांकन से क्या अभिप्राय है ? शिक्षा व समाज पर उसका प्रभाव लिखिए।

उत्तर— सीमांकन–सीमांकन को हाशियाकरण भी कहते हैं। आप कॉपियों के जिन पन्नों पर लिखते हैं उनकी बाईं ओर खाली जगह होती है जहाँ आमतौर पर लिखा नहीं जाता है। उसे पन्ने का हाशिया कहा जाता है। कुछ ऐसा ही समाज में भी होता है। हाशियाई का मतलब होता है कि जिसे किनारे या हाशिये पर ढकेल दिया गया हो। ऐसे में वह व्यक्ति चीजों के केन्द्र में नहीं रहता।
समाज में हाशियाकरण की वजह यह हो सकती है कि वे एक अलग भाषा बोलते हैं, अलग रीति-रिवाज अपनाते हैं या बहुसंख्यक समुदाय के मुकाबले किसी दूसरे धर्म के हैं। फासले और अलग-थलग किए जाने का यह अहसास समुदायों को संसाधनों और मौकों का फायदा उठाने से रोक देता है। इसका मतलब यह है कि हाशियाकरण किसी एक ही दायरे में महसूस नहीं होता। आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सभी दायरे समाज के कुछ तबकों को हाशियाई महसूस करने के लिए विवश करते हैं।
परिभाषाएँ—
शब्दकोष के अनुसार, “हाशियाकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा एक समूह के व्यक्तियों को कम महत्त्व दिया जाता है।”
वेब परिभाषा–“हाशियाकरण वह प्रक्रिया है जिसमें कोई चीज या कोई व्यक्ति समूह के किनारे की ओर धकेल दिया जाता है तथा उसका महत्त्व कम आँका जाता है। यह एक सामाजिक अवधारणा है। “
एनसाक्लोपीडिया के अनुसार, “हाशियाकरण से अभिप्राय हाशिए पर लाने से है और इस प्रकार केन्द्र में स्थित सुविधाओं एवं शक्तियों से बाहर करना है।”
हाशियाई समूह के उत्थान में शिक्षा की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है। शिक्षा के माध्यम से ही यह वर्ग अपना शैक्षणिक, सामाजिक एवं आर्थिक स्तर को उन्नत कर पाये हैं। इन वर्गों को समाज की मुख्यधारा में जोड़ने के लिए संविधान निर्माताओं ने काफी मंथन के पश्चात् इनके लिए विशेष प्रावधान किए हैं। जब हम इन वर्गों को दी गई शैक्षिक सुविधाओं और प्रोत्साहनों की चर्चा करते हैं तो हम मुख्य रूप से निम्न बातों पर विचार करते हैं—
(1) यह सुनिश्चित करना कि हाशियाई समूह के लोगों को शैक्षिक अवसरों की समानता प्राप्त हो । यह भी देखना है कि शैक्षिक सुविधाओं की दृष्टि से इनके साथ किसी प्रकार का भेदभाव न किया जाए तथा उनके शैक्षिक हितों की रक्षा के लिए कानूनी उपाय भी किए जाएँ।
(2) अनुसूचित जातियों व जनजातियों के आर्थिक हितों को बढ़ावा देने के उपाय करना। इसके लिए कुल जनसंख्या में इन वर्गों के भाग को देखते हुए केन्द्र एवं राज्य सरकार की नौकरियों में इनके लिए आरक्षण की व्यवस्था करना सम्मिलित है।
(3) शिक्षा को प्रोत्साहन देने के लिए कुछ उपाय करना। इन उपायों का मुख्य उद्देश्य यह है कि केवल आर्थिक कारणों से ये वर्ग शिक्षा से वंचित न रहें। इसके लिए इन वर्गों के बच्चों को कुछ ऐसी विशेष सुविधाएँ प्रदान की जाती है जिससे इन पर शिक्षा का अतिरिक्त खर्चा न पड़े।
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