थार्नडाइक द्वारा प्रतिपादित अधिगम के नियमों के शैक्षिक निहितार्थ स्पष्ट कीजिए ।

थार्नडाइक द्वारा प्रतिपादित अधिगम के नियमों के शैक्षिक निहितार्थ स्पष्ट कीजिए ।

उत्तर— थार्नडाइक द्वारा प्रतिपादित अधिगम के नियमों का शैक्षिक महत्त्व – थार्नडाइक द्वारा बताए सिद्धान्त का शिक्षा में निम्नलिखित महत्त्व है—

(1) तत्परता का नियम (Law of Readiness )– वुडवर्थ (Woodworth) ने इस नियम को मानसिक तैयारी का नियम भी कहा है। इसे अभिप्रेरणा का नियम भी कहा जाता है। इस नियम की शैक्षणिक उपयोगितायें निम्नलिखित हैं—
(i) ध्यान और रुचि पैदा करना, (ii) जिज्ञासा पैदा करना, (iii) बालकों को अभिप्रेरणा देना।
(2) प्रभाव का नियम (Law of Effect)– इसे सन्तुष्टि तथा कष्ट नियम भी कहा जाता है। कई कार्य करने या सीखने में मजा आता है या प्रसन्नता होती है और कई कार्य अरुचिकर या कष्टदायी होते हैं अतः इस नियम में प्रभावों का विश्लेषण किया जाता है। इस नियम की शैक्षणिक उपयोगिता की चर्चा निम्नलिखित हैं—
(i) स्मरण शक्ति में वृद्धि, (ii) रुचियों में वृद्धि, (iii) पुरस्कार और दंड का प्रयोग, (iv) अपराधी बालकों की रोकथाम, (v) संवेगों पर नियंत्रण, (vi) शिक्षण विधि में सुधार, (vii) मानसिक स्तर का ध्यान, (viii) अच्छी आदतें पैदा करना ।
(3) अभ्यास का नियम (Law of Exercise)– जिस कार्य को हम जितनी बार करेंगे, उसका अधिगम उतना ही अधिक होगा मनोवैज्ञानिक भाषा में उसके चिह्न मस्तिष्क में उतने ही सुदृढ़ होते चले जाते हैं। इस नियम की शैक्षणिक उपयोगिता का उल्लेख निम्न प्रकार से हैं—
(i) आदतों का निर्माण, (ii) भूल कम करना, (iii) लिखाई में सुधार, (iv) कलाओं और शुद्ध उच्चारण का विकास, (v) मौखिक अभ्यास ।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *