शिक्षण अधिगम के सहभागी और प्रतिभागी बनाने हेतु का क्या महत्त्व है ?

शिक्षण अधिगम के सहभागी और प्रतिभागी बनाने हेतु का क्या महत्त्व है ? 

उत्तर— एजूसेट–20 सितम्बर 2004 को हमारे देश में सफलतापूर्वक एजूसेट का प्रक्षेपण किया गया यह विश्व स्तरीय कार्य था । राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक संस्थाओं में गुणवत्ता लाने की दिशा में यह एक क्रांतिकारी प्रयास था। इसरो ने इसे सहयोग प्रदान किया विश्वविद्यालयों में भी नेटवर्क उपलब्ध कराने हेतु व्यवस्था की ।

एजूसेट का दूसरा नाम जी सेट – 3 भी है । इसका नाम एजूसेट रखने का मुख्य कारण इसके कार्यकर्त्ताओं का सम्बन्ध एजूकेशन से जोड़ना है अर्थात् एजूकेशन से सम्बन्धित कार्यक्रमों के प्रसारण के लिए इसकी स्थाना अन्तरिक्ष में की गयी । एजूसेट के निर्माण की घोषणा पूर्व मानव संसाधन विकास मन्त्री मुरली मनोहर जोशी ने अपने कार्यकाल में की थी । इस सेटेलाइट की रूपरेखा तथा कार्य प्रणाली को अन्तिम स्वरूप भारतीय अन्तरिक्ष अनुसंधान संगठन ने प्रदान किया था । शैक्षिक उपग्रह अपने देश में शैक्षिक सूचनाओं को प्रदान करने का एक ऐसा ही प्रभावी उपागम है जिसके द्वारा उपग्रह सेवाओं का विस्तार करके शैक्षिक अनुप्रयोगों को सुनिश्चित किया जाता है। संचार क्रांति का सर्वोत्कृष्ट यंत्र, एजूसेट का कहा जा सकता है ।
यू.जी.सी. द्वारा इस एजूसेट का संबंध मल्टीमीडिया रिसर्च सेन्टर से जोड़ कर शिक्षक-शिक्षा में गुणवत्ता लाने, अकादमी स्टाफ कॉलेजों से जोड़ने के प्रयास से शिक्षा में क्षमता उत्कृष्टता लाने हेतु प्रयास किये जा रहे हैं । इस प्रक्रिया में हबों के माध्यम से सम्प्रेषण सम्पन्न किया जाता है तथा शिक्षण के विभिन्न स्थलों को एक साथ जोड़ा जा सकता है।
एजूसेट से शिक्षा में विभिन्न प्रकार के शैक्षिक प्रतिदान किये जा रहे हैं । एक तरफा दूरदर्शन प्रयास, अन्तः क्रियात्मक दूरदर्शन कान्फ्रेंसिंग, कम्प्यूटर कान्फ्रेंसिंग, वेब आधारित अनुदेशन ।
इसमें 64 नेटवर्क स्थापित किये हैं। एजूसेट की प्रक्रिया कम्प्यूटर इन्टरनेट के आधार पर सम्पन्न होती है। इसमें विद्यालयों में लगे संयंत्र को चालित करने के पश्चात् संबंधित शिक्षण कार्य को कम्प्यूटर के द्वारा सम्पन्न किया जाता है। एजूसेट सेटेलाइट की स्थापना के उपरान्त इस उपग्रह ने शिक्षा के क्षेत्र में अपना कार्य आरम्भ कर दिया । इसने अनेक राज्यों के विश्वविद्यालयों में अपने शैक्षिक प्रसारणें से अभूतपूर्व प्रसिद्धि प्राप्त की है। आधुनिक समय में देश के अनेक राज्यों में इसके शैक्षिक प्रसारण व्यापक रूप से चल रहे हैं। इसके प्रमुख कार्य निम्नलिखित है—
(i) एजूसेट उपग्रह के माध्यम से प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों को प्रभावी शिक्षण प्रदान किया जा सकता है, क्योंकि शिक्षण में नयी तकनीकी का प्रयोग किया जाता है।
(ii) एजूसेट के माध्यम से आधुनिक समय में शैक्षिक प्रगति को अभूतपूर्व प्रगति मिली है क्योंकि इसके माध्यम से सभी स्थानों पर कम्प्यूटर के माध्यम से महत्त्वपूर्ण शैक्षिक कार्यक्रमों को देखा जा सकता है। दुर्गम एवं दुःसह स्थानों पर शिक्षा हेतु यह वरदान है।
(iii) एजूसेट के माध्यम से विभिन्न प्रकार की विदेशी तकनीकी का ज्ञान प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों को दिया जाता है। साथ ही सामान्य रूप से शिक्षा प्राप्त कर रहे शिक्षार्थी लाभान्वित होते हैं ।
(iv) एजूसेट का उपयोग दूरस्थ शिक्षा में प्रमुखता के साथ किया जा सकता है। इसमें घर बैठकर ही विद्यार्थी ऑन-लाइन के माध्यम से शैक्षिक कार्यक्रमों का लाभ उठा सकते हैं ।
(v) एजूसेट के द्वारा स्वास्थ्य सम्बन्धी ज्ञान को प्राप्त किया जा सकता है, जो विद्यार्थी चिकित्सा सेवा का प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं, वे इसका लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।
(vi) एजूसेट के माध्यम से विभिन्न प्रकार के शैक्षिक कार्यक्रमों को देखने की तकनीकी का ज्ञान सम्भव होता है क्योंकि इसके माध्यम से शिक्षा प्राप्त करने के लिए तकनीकी ज्ञान अति आवश्यक है। जो विद्यार्थी को नवाचारों से परिचित करता है।
(vii) माध्यमिक शिक्षा में इसका उपयोग सरलता से किया जा सकता है। क्योंकि इस स्तर पर विद्यार्थियों को कम्प्यूटर का सामान्य ज्ञान प्रदान किया जाता है। विभिन्न राज्यों में इसमें शिक्षण कार्य कराया जा रहा है यथा हरियाणा राज्य |
(viii) एजूसेट के माध्यम से विभिन्न विषयों से सम्बन्धित शैक्षिक विशेषज्ञों के विचारों का लाभ विद्यार्थियों को प्राप्त होता है। विद्यार्थी अपने स्थान पर विद्यालयों में रहकर भी विशेषज्ञों का लाभ उठा सकते हैं ।
(ix) एजूसेट के माध्यम से विद्यार्थियों की अनेक प्रकार की समस्याओं को समाधान किया जाता है क्योंकि बहुत-सी शैक्षिक समस्याएँ एक जैसी होती हैं ।
एजूसेट का प्रयोग शिक्षा में गुणवत्ता लाने हेतु किया जाता है। यह संचार माध्यमों पर आश्रित व्यवस्था है अतः इसके सफलतापूर्वक संचालन के लिए निम्नलिखित बातों का होना आवश्यक है—
(1) एजूसेट के प्रभावी उपयोग के लिए विद्यालयों में शिक्षार्थी के लिए कम्प्यूटर की अनिवार्यता है ।
(2) एजूसेट निरन्तर चलता रहे इस हेतु विद्यालयों में बिजली की व्यवस्था या जनरेटर का होना भी आवश्यक है। क्योंकि इसके बिना कम्प्यूटर का संचालन संभव नहीं है ।
(3) विद्यालयों में इन्टरनेट की सुविधा होनी आवश्यक है जिससे देश-विदेश की सूचनाएँ भी प्राप्त होती रहें ।
(4) ‘हब’ की व्यवस्था भी इसके लिए अनिवार्य है। इनके माध्यम से एजूसेट कार्यक्रम को विद्यार्थियों तक पहुँचाया जाना संभव होता है।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *