Bihar Board Class 9Th Non – Hindi chapter 11 कबीर के दोहे Solutions | Bseb class 9Th Chapter 11 कबीर के दोहे Notes
Bihar Board Class 9Th Non – Hindi chapter 11 कबीर के दोहे Solutions | Bseb class 9Th Chapter 11 कबीर के दोहे Notes
प्रश्न- पंठित पाठ के आधार पर निम्नाकित कथनों पर सही (√) या गलत (x) का निशान लगाइए।
(क) प्रेम की भाषा बोलने वाला ही पंडित होता है।
(ख) निन्दा करने वालों को दूर रखना चाहिए।
(ग) कोई भी बात सोच-समझकर बोलनी चाहिए।
(घ) सज्जन व्यक्ति टूटता-जुड़ता रहता है जबकि दुर्जन व्यक्ति टूटता है। तो फिर जुड़ता नहीं।
उत्तर— (क), (ग) और (घ) सही है। सिर्फ (ख) गलत है।
प्रश्न- पंठित पाठ में कौन-सा दोहा आपकों सबसे अच्छा लगा और क्यों ?
उत्तर— पठित पाठ का प्रथम दोहा- काल्ह करे सो…बहुरि करेगा कब।” यह मुझे अच्छा लगा, क्योंकि इसमें कर्म के महत्व के विषय में बताया गया है। हमें हर काम समय पर करना चाहिए। समयानुसार काम करने से मन शांत रहता है, मन में किसी प्रकार की अकुलाहट नहीं रहती। दूसरी बात जीवन में सफलता की ऊँचाई को हवी व्यक्ति छूता है जो समय पर काम पूरा कर लेता है। काम टालने वालों का जीवन सदा दुःखमय रहता है क्योंकि आलस्य के कारण उसे सफलता नहीं मिलती। यह जीवन क्षण भंगुर है इसलिए कोई काम कल पर नहीं छोड़ना चाहिए।
प्रश्न- हमें काम को कल के भरोसे क्यों नहीं टालना चाहिए ?
उत्तर— एक कहावत है- ‘दीर्घसूत्री विनश्यति’ जो व्यक्ति काम को कल पर छोड़ देता है, उसका उद्देश्य कभी भी पूरा नहीं होता। इसलिए हर काम को अतिशीघ्र करना चाहिए, क्योंकि कल को किसने देखा है? जब जीवन ही अस्थाई है तो कल पर भरोसा कैसे किया जा सकता है। ज्ञानीजन वर्तमान में जीते हैं और वर्तमान को भविष्य के लिए नहीं छोड़ते।
प्रश्न- कबीर के उस दोहे का उल्लेख कीजिए, जिसमें सज्जन, साधुजन और सोने की तुलना एक ही संदर्भ में की गयी है।
उत्तर— सोना, सज्जन, साधुजन, टूटे जुरै सौ बार । दुर्जन, कुंभ-कुम्हार के, एकै धका दरार।
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