अन्तर्राष्ट्रीय स्थानान्तरण और व्यापार के सन्दर्भ में कोविड- 19 महामारी के वैश्विक प्रसार के तरीके की चर्चा कीजिए।

अन्तर्राष्ट्रीय स्थानान्तरण और व्यापार के सन्दर्भ में कोविड- 19 महामारी के वैश्विक प्रसार के तरीके की चर्चा कीजिए।

उत्तर- कोविड-19 कोरोना वायरस समूह का एक नया वायरस SARS-COV2 है। जिसने मानव के जीवन को अत्यधिक प्रभावित किया है। पिछले दो दशको में यह तीसरी बार है कि इस समूह के वायरस द्वारा महामारी की स्थिति पैदा कर दी है- 2003 में (SARS) तथा 2012 में मारस ( MARS ) ।
इस नये वायरस का पहला मामला 31 दिसंबर 2019 को विश्व स्वास्थ्य संगठन के चीन स्थित देशीय कार्यालय में सामने आया तथा 12 जनवरी को डब्ल्यूएचओ ने पाया की वुहान स्थित वायलॉजी लैब से इस वायरस का प्रसार प्रारम्भ हुआ तथा इसके बाद डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक द्वारा इसे “Novel COV” वायरस नाम दिया इसके उपरान्त इस बीमारी का नाम कोविड-19 रखा गया जोकि Corano virus disease 2019 का संक्षिप्त रूप है। बाद में 11 मार्च, 2020 को विश्व स्वास्थ संगठन द्वारा इसे वैश्विक महामारी घोषित किया गया। हालांकि भारत में कोविड-19 का पहला मामला 30 जनवरी, 2020 को केरल के त्रिशूर जिले के एक छात्र में पाया गया जो चीन के वुहान विश्वविद्यालय से छुट्टी के लिए घर लौटा था इसके बाद 2 और 3 फरवरी को दो अन्य मामले केरल से प्राप्त हुए। भारतीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार कोविड- 19 का भारत में प्रसार 15 मार्च के बाद से तेजी से होने लगा।
> कोविड- 19 के प्रसार पर प्रवास का प्रभाव
एक वायरस मानव से मानव में फैलने की क्षमता रखता है उसी तरह चीन के वुहान से निकला वायरस आज के समय में स्थानीय महामारी (endemic) के स्थान पर एक वैश्विक महामारी (pandemic) का रूप ले लिया क्योकि आज सम्पूर्ण विश्व एक ग्लोबल विलेज हो गया है जिससे मनुष्य व्यापार तथा नौकरी की तलाश में एक देश से दूसरे देश प्रवास करता है। इन सब में यातायात में हुई प्रौद्योगिक विकास ने लोगों के प्रवास को गति देने का काम किया है। जिससे इस महामारी को फैलने में मानव तथा वस्तुएं एक माध्यम बन गए। चूंकि वर्तमान में साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी के सहारे संचालित दुनिया के लोग जितने द्रुतगति से अपनी यात्रा को पूरा करते हैं उतनी ही गति से कोई वायरस जनित बीमारी का वैश्विक प्रसार भी होता है।
OECD के रिपोर्ट के अनुसार दुनिया के लगभग 30 प्रतिशत अप्रवासी मूल निवासियों की तुलना में गरीब होते हैं, जो पैंडेमिक जैसे महामारी के समय व्यक्तिगत स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखकर वे अपने मूल देश की वापसी करने लगते हैं जिसके परिणामस्वरूप इस बीमारी का विस्तार अधिक होता है। जैसे यूरोप, अमेरिका आदि देशो से भारत वापसी आदि ।
प्रवासी या पर्यटक लोग वैश्विक महामारी को बढ़ाने में अधिक भूमिका निभाते हैं जिसके मद्देनजर कई देशों की सीमाओं को बंद करने से लेकर इस अदृश्य शत्रु के डर से दुनिया भर में प्रवास नितियों को जबतक सख्त किया गया तबतक इस बीमारी का वैश्विक प्रसार हो चूका था।
कोविड-19 का प्रसार आज लगभग विश्व के सभी देशों में हो गया है उत्तरी गोलार्ध (आर्कटिक) हो या दक्षिणी गोलार्ध (अंटार्कटिक) सभी जगह कोरोना का विस्तार हो चुका है। दिसंबर 2020 में चीली के अनुसंधान दल जो अंटार्कटिक में अनुसंधान कर रहे थे उनमें भी कोरोना संक्रमण पाया गया है।
इसके अलावा जैसे-जैसे इस बीमारी का विस्तार हुआ उसके साथ ही साथ वैश्विक व्यापार पर भी इसका असर देखने को मिलने लगा। ओ.ई.सी.डी. के आर्थिक आउटलुक में सबसे हालीया अनुमान 2020 की पहली छमाही में वैश्विक जी. डी.पी. में लगभग 13 प्रतिशत की गिरावट का अनुमान लगाया गया है। इसके अलावा केन्द्रीय बैंको और राजकोषीय कार्यों के माध्यम से समर्थन पैकेजों से वैश्विक अर्थव्यवस्था की लागत तथा कॉरपोरेट ऋण के प्रबंधन पर लंबे समय तक चलने और जटिल प्रभाव पड़ने की संभावना है। इन प्रयासों के बावजूद, अधिकांश प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं अब मंदी में प्रवेश करने को तैयार हैं जिससे आगे की राह आसान नहीं लगती है।
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