दूरस्थ संवेदन (Remote Sensing) में दूरस्थ संवेदन की स्थिति का वर्णन कीजिए।

दूरस्थ संवेदन (Remote Sensing) में दूरस्थ संवेदन की स्थिति का वर्णन कीजिए।

( 42वीं BPSC / 1999 )
उत्तर- दूरस्थ संवेदन (Remote Sensing) अंतरिक्ष विज्ञान की एक नवीन प्रणाली है जिसमें इन्फ्रारेड स्कैनर, रेडियोमीटर, कैमरा, मल्टीडाटा उपकरण, मल्टी स्पेक्ट्रल स्कैनर्स आदि का उपयोग कर अंतरिक्ष से विश्वसनीय जानकारी प्राप्त की जाती है। दूरस्थ संवेदन का उपयोग कृषि, वन, पर्यावरण, जल संसाधन, भू-गर्भ विज्ञान, महासागरीय संसाधन आदि के बारे में महत्वपूर्ण सूचनाएं प्राप्त करने में करते हैं।
> भारत में दूरस्थ संवेदन प्रणाली हेतु भारतीय सुदूर संवेदन उपग्रह (Indian Remote Sensing Satellite-IRS) प्रणाली का विकास किया गया है। इस प्रणाली में वर्तमान में लगभग 12 उपग्रह कार्यशील हैं, जो इसे विश्व का विशाल सुदूर संवेदन तंत्र बनाता है।
> भारत का पहला दूर संवेदी उपग्रह मार्च 1988 को पूर्व सोवियत संघ के बैकानूर अंतरिक्ष केन्द्र से पृथ्वी से 904 किमी. ऊपर निर्धारित कक्षा में स्थापित किया गया। इसका नाम IRS-1A था । स्वदेशी साधनों एवं तकनीकों से यह निर्मित उपग्रह था। इसमें LISS (Linear Imaging Self-Scanning Sensors) नामक कैमरों का प्रयोग किया गया था। इस उपग्रह की कार्यावधि पूरी हो चुकी है। इसका मुख्य कार्य प्राकृतिक साधनों और मौसम के संबंध में जानकारी देना था।
> इसके बाद 1991 में 1RS-1B उपग्रह प्रक्षेपित किया गया।
> 1995 में IRS-1C उपग्रह का प्रक्षेपण किया गया जो पूर्णत: इसरो (ISRO) द्वारा डिजाइन किया गया था। इसके सफल प्रक्षेपण के बाद भारत दूरसंवेदी उपग्रहों के निर्माण, संचालन, नियंत्रण एवं अनुप्रयोग में अमेरिका, फ्रांस, चीन, रूस, जापान, कनाडा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी जैसे सक्षम देशों के साथ सहयोग संस्थान का सदस्य बन गया है।
> 1999 में श्रीहरिकोटा प्रक्षेपण स्थल से ओशनसैट-1 को प्रक्षेपित किया गया। इसे पृथ्वी से 727 किमी. ऊपर ध्रुवीय सौर समकालिक कक्षा में स्थापित किया गया। इसका विकास केवल समुद्र के चित्रण एवं सर्वेक्षण के लिए किया गया था एवं इस तकनीकी में यह विश्व का सर्वश्रेष्ठ उपग्रह है।
> अक्टूबर 2003 को सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से रिसोर्ससैट-1 नामक उपग्रह पृथ्वी से 821 किमी. की ऊंचाई पर स्थापित किया गया। इसका उपयोग कृषि, आपदा प्रबंधन, जल एवं भूमि संसाधन तथा संबद्ध क्षेत्रों में आंकड़ों को एकत्र करने के लिए किया जा रहा है।
> मई 2005 को कार्टोसैट-1 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से पृथ्वी से 618 किमी. दूर कक्षा में स्थापित किया गया। लगभग 1560 किग्रा भार वाला कार्टोसैट-1 भारतीय दूर संवेदन उपग्रहों की श्रृंखला का 11वां तथा मानचित्र संबंधी कार्यों के लिए स्वदेशी उपग्रहों की श्रृंखला का प्रथम उपग्रह था।
> इसरो ने श्रीहरिकोटा धवन अंतरिक्ष केन्द्र से PSLV-C7 द्वारा कार्टोसेट-2 को प्रक्षेपित ( 10 जनवरी, 2007) किया। यह छायाचित्र उपलब्ध कराने में सक्षम दूर संवेदी उपग्रह है। इसका उपयोग सीमापार की सैन्य तैयारियों का जायजा लेने, शहरी एवं ग्रामीण बुनियादी ढांचा के विकास और प्रबंधन के लिए किया जा रहा है । धवन अंतरिक्ष केन्द्र से किया गया। इसका उपयोग
> अप्रैल 2008 को दूर संवेदी उपग्रह कार्टोसैट – 2A का प्रक्षेपण सतीश ग्रामीण/शहरी अवसंरचना विकास, मानचित्र निर्माण, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन आदि के लिए किया जा सकता है। इसमें अत्याधुनिक पैनक्रोमेटिक कैमरा लगा हुआ है। इसकी क्षमता 9.6 किमी. की पट्टी को एक साथ कवर करने की है। इसमें ऐसी नियंत्रण क्षमता है जिसकी मदद से यह 4 दिनों में देश के किसी भी भाग का चित्र पुनः प्राप्त कर सकता है।
> अप्रैल 2008 में इसरो ने लघु दूर संवेदी उपग्रह IMS-1 सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया। यह 83 किग्रा. भार वाला एक लघु दूरसंवेदी उपग्रह है। इसमें लगा अति सूक्ष्म मैगनोमीटर अत्यंत दूर स्थित वस्तु का पता लगाने में सक्षम है।
> मुंबई में हुई 26 नवंबर, 2008 के आतंकी हमले के बाद सरकार ने इजरायल से RISAT-2 (Radar Imaging Satellite) खरीदी है। यह देश का पहला जासूसी उपग्रह है।
> इसरो ने सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र श्रीहरिकोटा से समुद्री अध्ययन के लिए अत्याधुनिक स्वदेशी उपग्रह ओशनसैट-2 को 2009 में वांछित कक्षा में स्थापित किया। इसका उद्देश्य ओशनसैट-1 से उपलब्ध कराई गई सेवाओं को बनाए रखना एवं नए अनुप्रयोगों को प्रोत्साहित करना है।
> 12 जुलाई, 2010 को इसरो ने श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केन्द्र से भारतीय दूर संवेदी उपग्रह (IRS) श्रृंखला का 17वां उपग्रह कार्टोसैट-2B को निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया। इसमें अत्याधुनिक पैनक्रोमेटिक कैमरा लगा हुआ है जो छोटी वस्तुओं का भी स्पष्ट चित्र ले सकता है। इसका उपयोग शहरी/ग्रामीण आधारभूत ढांचों के विकास में सुदूर क्षेत्रों का नक्शा बनाने, यातायात प्रणाली की योजना बनाने आदि में होगा।
> दूरस्थ संवेदन अंतरिक्ष विज्ञान की एक नवीन प्रणाली है जिसमें इन्फ्रारेड स्कैनर, रेडियोमीटर, कैमरा, मल्टी डाटा उपकरण आदि का उपयोग अंतरिक्ष से विश्वसनीय जानकारी प्राप्त करने में की जाती है।
> भारत में दूरस्थ संवेदन प्रणाली हेतु IRS प्रणाली है।
> भारत का पहला दूर संवेदी उपग्रह (IRS-1A) मार्च 1988 को बैकानूर अंतरिक्ष केन्द्र (सोवियत संघ) से छोड़ा गया।
> 1991 में IRS-1B, 1995 में IRS-1C का प्रक्षेपण
>1999 में समुद्र  के चित्रण एवं सर्वेक्षण के लिए ओशनसैट-1 का प्रक्षेपण किया गया।
> रिसोर्ससैट- 1 का प्रक्षेपण – 2003
>  कार्टोसैट- 1 का प्रक्षेपण – 2005
>  कार्टोसैट-2 का प्रक्षेपण – 2007
>  कार्टोसैट-2Aका प्रक्षेपण – 2008
>  2008 में इसरो ने लघु दूर संवेदी उपग्रह IMS-1 को प्रक्षेपित किया।
>  देश का पहला जासूसी उपग्रह – RISAT-2
> 2009 में ओशनसैट- 2 का प्रक्षेपण ।
> 12 जुलाई, 2010 को भारतीय दूर संवेदी उपग्रह (IRS) शृंखला का 17वां उपग्रह कार्टोसैट-2B का प्रक्षेपण किया गया।
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