भारत सरकार की विनिवेश नीति क्या है ? क्या यह अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल रही है ?

भारत सरकार की विनिवेश नीति क्या है ? क्या यह अपने उद्देश्यों को प्राप्त करने में सफल रही है ?

 (45वीं BPSC/2002 )
उत्तर- आर्थिक सुधारों के अंतर्गत सरकार निजीकरण को प्रोत्साहित करने हेतु विनिवेश का सहारा ले रही है। किसी सार्वजनिक क्षेत्रक के उद्यमों द्वारा जनसामान्य को इक्विटी की बिक्री के माध्यम से निजीकरण को विनिवेश कहते हैं। सरकार के अनुसार, इस प्रकार की बिक्री का मुख्य ध्येय वित्तीय अनुशासन बढ़ाना और आधुनिकीकरण में सहायता देना है। यह भी अपेक्षा की जाती है कि निजी पूंजी और प्रबंधन क्षमताओं का उपयोग इन सार्वजनिक उद्यमों के निष्पादन को सुधारने में प्रभावोत्पादक सिद्ध होगी। सरकार द्वारा विनिवेश पर सलाह देने के लिए सी. रंगराजन की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया गया (1991) जिसके आलोक में 1991 से विनिवेश की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई ।
प्रारंभ में सरकार ने प्रतीकात्मक विनिवेश (Token Disinvestment) की नीति अपनाई। लेकिन इस दौर में मात्र 5-10% शेयर बेचे गए। मार्च 1999 में सरकार ने विनिवेश नीति में परिवर्तन कर रणनीतिक विनिवेश (Strategic Disinvestment) की नीति अपनाई जिसके अंतर्गत कुछ क्षेत्र, जैसे- परमाणु ऊर्जा, रेलवे, प्रतिरक्षा उपकरण को छोड़ सभी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को निजीकृत करना उद्देश्य था। वर्तमान में सरकार की विनिवेश नीति प्रतीकात्मक एवं रणनीतिक विनिवेशों के मध्य में स्थिर है। इस नीति के मुख्य बिंदु हैं
1. लाभ अर्जित करने वाले सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश साधारणतया नहीं किया जाएगा। यदि किया गया तो इनमें सरकार की शेयरधारिता कम-से- कम 51% होगी।
2. रूग्ण तथा घाटे में चलने वाले सरकारी उपक्रमों को उनके कार्मिकों के वैधानिक बकाया राशि एवं हर्जाना भुगतान करने के बाद ही बेचा या बंद किया जाएगा।
3. सार्वजनिक उपक्रमों को लाभोन्मुखी बनाने के लिए निजी क्षेत्र से साझेदारी की जाएगी। इसी के तहत सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मॉडल को प्राथमिकता दी जा रही है।
4. विनिवेश से प्राप्त धन का प्रयोग सामाजिक क्षेत्र के विकास एवं अन्य उद्योगों में निवेश के रूप में किया जाएगा।
भारत सरकार की विनिवेश नीति का उद्देश्य सरकारी कंपनियों की कार्य-कुशलता में सुधार लाना एवं निजीकरण को बढ़ावा देकर विकास को प्रोत्साहित करना है। सरकार के ये उद्देश्य कुछ हद तक सफल रहे हैं। आज च्च्च मॉडल काफी सफल साबित हो रहा है। प्राप्त धन का प्रयोग विभिन्न सामाजि कार्यक्रमों के लिए किये जा रहे हैं जिससे विकास का प्रवाह निचले स्तर तक पहुंच रहा है।
हमसे जुड़ें, हमें फॉलो करे ..
  • Telegram ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Facebook पर फॉलो करे – Click Here
  • Facebook ग्रुप ज्वाइन करे – Click Here
  • Google News ज्वाइन करे – Click Here

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *