दूरदर्शन या पत्र व्यवहार (Correspondence) के माध्यम से होने वाले कौन-कौन से अध्ययन हैं ?

दूरदर्शन या पत्र व्यवहार (Correspondence) के माध्यम से होने वाले कौन-कौन से अध्ययन हैं ?

(45वीं BPSC / 2002 )
उत्तर – वर्तमान में सरकार का लक्ष्य आबादी के बड़े हिस्से तक उच्च शिक्षा की पहुंच का विस्तार करना है। सरकार का यह उद्देश्य शिक्षा के आधुनिक तरीकों, यथा- दूरदर्शन एवं पत्र व्यवहार से संभव होता दिख रहा है। देश में अनेक ऐसे इलाके हैं जहां विश्वविद्यालय नहीं हैं। कामकाजी लोग एवं घरेलू महिलाएं शिक्षण संस्थान जाने का समय नहीं निकाल पाते। ऐसे में देश भर के अनेक खुले विश्वविद्यालय (Open Universities) पत्राचार कोर्स उपलब्ध कराते हैं जो अधिकतर गैरतकनीकी विषयों में उपलब्ध रहते हैं। इसी प्रकार दूरदर्शन पर भी कुछ कार्यक्रम प्रसारित किए जाते हैं जो संबंधित कोर्स में भाग लेने वालों के अलावा सामान्य दर्शक के लिए भी उपलब्ध होते हैं। भारत में पत्राचार एवं दूरदर्शन के माध्यम से शिक्षा का विस्तार एवं संचालन करने वाली प्रमुख संस्था इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) है। इसकी स्थापना 1985 में की गई थी। इसमें 800 से अधिक पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इनमें पीएच. डी., स्नातक, स्नात्तकोत्तर, विभिन्न कोर्सों में डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्स चलाए जा रहे हैं एवं लगभग 1200 अध्ययन केन्द्र देश-विदेश में कार्यरत हैं। IGNOU के अलावा नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय, भोज मुक्त विश्वविद्यालय, अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, जाकिर हुसैन मुक्त विश्वविद्यालय आदि प्रमुख विश्वविद्यालय हैं जो पत्राचार के माध्यम से शिक्षा प्रदान करते हैं ।
दूरदर्शन के माध्यम से शिक्षा का प्रसार महत्वपूर्ण है । 26 जनवरी, 2001 को इग्नू (IGNOU) द्वारा ‘ज्ञानदर्शन’ नामक चैनल प्रारंभ किया गया जो 24 घंटे विश्वविद्यालय – पाठ्यक्रम संबंधित विषयों पर कार्यक्रम चलाता है। तकनीकी शिक्षा के लिए ‘एकलव्य चैलन’ की शुरुआत 26 जनवरी, 2003 को की गई तथा कृषकों को प्रशिक्षित करने के लिए ‘कृषि दर्शन’ नामक प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। इसके माध्यम से कृषक आधुनिक कृषि तकनीक, उवर्रकों एवं बीजों का सही प्रयोग आदि सीख रहे हैं।
अतः दूरदर्शन एवं पत्राचार माध्यम से विभिन्न विश्वविद्यालयों एवं संस्थानों के द्वारा विभिन्न मानविकीय विषय, साहित्य, विज्ञान, प्रबंधन, कम्प्यूटर, जैव-तकनीकी, आयुर्वेद, होम्योपैथी आदि से संबंधित पाठ्यक्रम सफलतापूर्वक चलाये जा रहे हैं।
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